बेंगलुरु: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री बी. श्रीरामुलु के शाहपुर के प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर में दर्शन करने के बाद कागज की पर्ची चढ़ाए जाने को लेकर खासी सुगबुगाहट शुरू हो गई है.
गुरुवार को मंदिर में दर्शन करने पहुंचे मंत्री ने देवी की प्रार्थना-अर्चना करने के बाद एक कागज का टुकड़ा वहां रखा और बाद में उसे पुजारी को सौंप दिया.
जब पत्रकारों ने इस बारे में उनसे पूछा तो उनका जवाब था, ‘यह मेरे और देवी के बीच का मामला है.’
हालांकि, बाद में मंदिर के पुजारी मरियप्पा ने खुलासा किया कि श्रीरामुलु ने एक राजनीतिक इच्छा पूरी करने का आशीर्वाद मांगा था. मरियप्पा ने दिप्रिंट को बताया, ‘उन्होंने लिखा था कि वह उपमुख्यमंत्री बनना चाहते थे और देवी को उनकी यह पूरी करनी चाहिए.’
दिप्रिंट ने फोन के जरिये श्रीरामुलु के कार्यालय से संपर्क किया लेकिन वहां से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई.
मंत्री अपने भक्तिभाव के लिए चर्चित हैं. जुलाई में जब पूरे भारत के साथ कर्नाटक में भी कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे थे, तो श्रीरामुलु ने कहा कि वायरस किसी को भी नहीं बख्शता है, ‘केवल भगवान ही हमारी मदद कर सकते हैं.’
दुर्गा मंदिर में भक्तों द्वारा अपनी इच्छाओं को कागज की पर्चियों में लिखकर मूर्ति के चरणों में रखने की प्रथा काफी लोकप्रिय है. प्रार्थना करने के बाद कागज मंदिर के पुजारी को सौंप दिया जाता है, यही श्रीरामुलु ने भी किया था.
इस साल के शुरू में कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डी.के. शिवकुमार धनशोधन मामले में जेल से छूटने के बाद मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे.
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एक अधूरी इच्छा
जुलाई 2019 में जब बी.एस. येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी, तभी श्रीरामुलु को उम्मीद थी कि उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जाएगा. हालांकि, भाजपा आलाकमान ने राजनीतिक रूप से काफी अहम समुदायों लिंगायत, वोक्कालिगा और अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधित्व करने वाले तीन नेताओं को चुनकर उपमुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया.
श्रीरामुलु नायक (अनुसूचित जनजाति) समुदाय से है.
येदियुरप्पा के इस सप्ताह तीन दिन की यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचने के साथ ही कर्नाटक सरकार में संभावित फेरबदल की अटकलें लगने लगी हैं. मुख्यमंत्री पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल चुके हैं, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव जे.पी. नड्डा के साथ उनकी बातचीत प्रस्तावित है.
हालांकि, येदियुरप्पा ने शुक्रवार को इसे और जनता दल (सेक्युलर) की तरफ से राज्य सरकार को समर्थन देने पर विचार किए जाने की रिपोर्टों को खारिज कर दिया.
येदियुरप्पा के हवाल से पीटीआई ने लिखा, ‘यह सभी अटकलें हैं, इसमें कोई सच्चाई नहीं है. विपक्षी दल के एक नेता के तौर पर कुमारस्वामी ने विकास संबंधी कार्यों पर चर्चा करने के लिए हाल ही में मुझसे भेंट की थी. उस बैठक में किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई थी.’
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