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मंगलवार, 27 मई, 2025
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मुस्लिम डीएम पर ‘पाकिस्तान’ टिप्पणी के लिए कर्नाटक BJP MLC पर केस, IAS संघ ने माफी मांगी

एन. रविकुमार ने कलबुर्गी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि जिले की डिप्टी कमिश्नर फौजिया तरन्नुम ‘संभवतः पाकिस्तान से आई हैं.’

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नई दिल्ली: कर्नाटक आईएएस अधिकारियों की एसोसिएशन ने भारतीय जनता पार्टी के नेता और राज्य विधान परिषद में विपक्ष के मुख्य सचेतक एन. रविकुमार की एक वरिष्ठ मुस्लिम अधिकारी पर की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा की है. रविकुमार ने कहा था कि वह “शायद पाकिस्तान से आई होंगी.”

यह टिप्पणी कलबुर्गी जिले की डिप्टी कमिश्नर और जिला मजिस्ट्रेट फौज़िया तरन्नुम के खिलाफ की गई थी.

अब कलबुर्गी पुलिस ने रविकुमार के खिलाफ इस टिप्पणी को लेकर एफआईआर दर्ज की है.

सोमवार को एक्स पर पोस्ट किए गए एक पत्र में एसोसिएशन ने लिखा, “सुश्री फौज़िया तरन्नुम, आईएएस एक बेदाग ईमानदारी वाली अधिकारी हैं जिनका सेवा रिकॉर्ड बेहतरीन है और जो राज्य व जनसेवा के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। रविकुमार द्वारा की गई टिप्पणी आधारहीन, अनुचित और पूरी तरह से तर्कहीन है।”

पत्र में आगे कहा गया कि इस तरह की टिप्पणी न केवल आईएएस अधिकारियों को बदनाम करती है, बल्कि मानसिक पीड़ा भी पहुंचाती है और यह ड्यूटी के दौरान उत्पीड़न के समान है.

एसोसिएशन ने भाजपा एमएलसी से उनके “गैर-जिम्मेदाराना और अस्वीकार्य बयान” पर बिना शर्त माफी की मांग की है और अधिकारियों से अपील की है कि वे उनके खिलाफ “जानबूझकर गलत जानकारी फैलाने और एक ज़िम्मेदार पद, यानी ज़िला मजिस्ट्रेट के पद पर आसीन अधिकारी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की कोशिश” के लिए संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करें.

पत्र में कहा गया कि सिविल सेवकों को बिना डर, पक्षपात और दबाव के काम करने दिया जाना चाहिए. यह पत्र ऑल इंडिया आईएएस एसोसिएशन ने भी एक्स पर साझा किया.

संयोग से, यह दो हफ्तों में दूसरी बार है जब ऑल इंडिया एसोसिएशन ने किसी सिविल सेवक के उत्पीड़न के खिलाफ सार्वजनिक रूप से रुख अपनाया है.

11 मई को, आईएएस एसोसिएशन ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की घोषणा के बाद मिली ऑनलाइन नफरत और ट्रोलिंग की निंदा की थी. एसोसिएशन ने एक्स पर पोस्ट किया था, “ईमानदारी से ड्यूटी निभा रहे सिविल सेवकों पर निजी हमले बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हम जनसेवा की गरिमा बनाए रखने के अपने संकल्प को दोहराते हैं.”

इस नए मामले में, 24 मई को “कलबुर्गी चलो” अभियान के तहत एक जनसभा को संबोधित करते हुए रविकुमार ने कहा था, “मुझे नहीं पता कि कलबुर्गी डीसी पाकिस्तान से आई हैं या यहां की आईएएस अधिकारी हैं. आपकी तालियों को देखकर लगता है कि डीसी सच में पाकिस्तान से आई हैं.”

उनकी इस टिप्पणी ने तुरंत राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया. कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने भाजपा विधायक की टिप्पणी की निंदा की और कहा, “जो लोग अपने ही नागरिकों के बारे में इस तरह की बातें करते हैं, क्या उन्हें असली भारतीय कहा जा सकता है? वह खुद ही असामाजिक हैं.”

तरन्नुम, जिन्होंने इस विवाद पर अभी तक कुछ नहीं कहा है, 2024 के लोकसभा और 2023 के राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था, मतदाता शिक्षा और समावेशिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिए गए बेस्ट इलेक्टोरल प्रैक्टिसेज़ अवॉर्ड पाने वाले 22 अधिकारियों में शामिल थीं.

भाजपा एमएलसी की यह टिप्पणी उस समय आई है जब कुछ दिन पहले ही मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर में शामिल वरिष्ठ अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को निशाना बनाया था. उन्होंने कहा था कि “प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान से जुड़े समुदाय की एक बहन” को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में नेतृत्व करने के लिए चुना है.

हालांकि मंत्री को इस बयान पर सुप्रीम कोर्ट समेत कई जगहों से आलोचना का सामना करना पड़ा, लेकिन भाजपा या मध्यप्रदेश सरकार ने अभी तक उन्हें कोई फटकार नहीं लगाई है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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