अपनी पत्नी के साथ लॉ फर्म बनाने वाले रायन करंजावाला राजनीति से लेकर उद्योग जगत तक तगड़ी साख रखते हैं.
नई दिल्ली: भारत में चल रहे #मीटू आंदोलन में केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर कई आरोप लगने के बाद उन्होंने दिल्ली की एक बड़ी वकीलों की फर्म को अपने बचाव में उतारा है. इस फर्म का नाम है करंजावाला एंड कंपनी, जिसे रायन करंजावाला और उनकी पत्नी चलाते हैं. रायन करंजावाला उनकी पत्नी मानिक के साथ इस कंपनी के सहसंस्थापक हैं.
सार्वजनिक जीवन जीने वाले बड़े लोग जब भी किसी कानूनी पचड़े में फंसते हैं, तो वे रायन करंजावाला को अपना वकील करते हैं. करंजावाला एंड कंपनी में मैनेजिंग पार्टनर राजन की कई उद्योगपतियों और नेताओं से नेताओं से करीबी दोस्ती और जुड़ाव है जैसे- विश्व स्तर के मीडिया मुगल रूपर्ट मर्डोक से लेकर टाटा, अंबानी, वाडिया और पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह. उनके बेहद करीबी दोस्तों में एक केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली भी हैं जो उन्हें कॉलेज में मिले थे.
यह भी पढ़ें: एमजे अकबर ने प्रिया रमानी पर मानहानि का मामला दायर किया
रणनीति के मास्टर के रूप में मशहूर करंजावाला कोर्टरूप में बहुत कम दिखते हैं. उनके पास हाई प्रोफाइल और राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों को लेकर अनोखी विशेषज्ञता है.
जब वे खुद भी सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप का सामना कर रहे हैं और अपने बचाव में कानूनी जमीन तैयार कर रहे हैं, उसी दौरान उन्होंने अदालत में पत्रकार तरुण तेजपाल का बचाव किया. इसके अलावा इसी तरह के मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज स्वतंत्र कुमार का भी केस लड़ चुके हैं.
एमजे अकबर ने जब प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का केस दायर करने के लिए करंजावाला को चुना तो कानून की दुनिया के लोगों को कोई हैरानी नहीं हुई. प्रिया रमानी अभी पहला मामला है, करीब 15 महिलाओं ने उनपर इसी तरह के आरोप लगाए हैं.
एमजे अकबर का केस दायर करने के बाद केस में जो वकालतनामा लगाया गया था, वह सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. दरअसल, इस वकालतनामे में करंजवाला, उनकी पत्नी, दो बेटियों समेत 97 वकीलों के नाम हैं. इससे लोगों में यह कयास लगाया जाने लगा कि अकबर पीड़िता को धमकाने का प्रयास कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें: ‘मौनमोहन’ पर तंज करने वाले मोदी खुद अकबर पर मौन हैं
कई लोगों ने सोशल मीडिया पर यह जिक्र किया कि फर्म इस केस में भी वही रणनीति अपना रही है जो रणनीति जस्टिस स्वतंत्र कुमार के केस में अपनाई थी. जस्टिस कुमार के केस में फर्म ने आपराधिक मानहानि के मामले में एक दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ वकीलों को खड़ा किया था.
हालांकि, करंजावाला ने दिप्रिंट को बताया कि जिस दस्तावेज पर सवाल उठ रहे हैं वह फर्म का ‘स्तरीय वकालतनामा’ है. इसका मतलब यह नहीं है कि वे सारे वकील कोर्ट में खड़े होंगे.’
उन्होंने कहा, ‘सिर्फ पांच से छह वकील कोर्ट में होंगे. कृपया इन गलत तथ्यों से किसी भ्रम में न रहें.’
करंजावाला की दोस्तियां
करंजावाला खुद स्वीकार करते हैं कि उनके अंदर एक खूबी है कि वे हमेशा अपना नसीब खोजते रहते हैं. 2003 में एक इंटरव्यू में उन्होंने टाइम्स आॅफ इंडिया को बताया था कि ‘ऐसे भी लोग हैं जो हमसे भी ज्यादा मेहनत करते हैं, वे मुझसे ज्यादा जानते हैं, फिर भी मैं अपने निशान छोड़ने में कामयाब हो जाता हूं.’
उन्होंने कहा, ‘मैं दूसरों के प्रयासों से सफलता हासिल कर लेता हूं. जीवन हमेशा मुझ पर बहुत मेहरबान रहा है.’
शायद इसीलिए करंजावाला की पेशेवर सफलता उनके आसपास के लोगों की योग्यता में दिखती है.
उन्होंने सफल वकील मानिक करंजावाला से शादी की जो कि मशहूर कानूनविद और मानवाधिकार के हीरों वीएम ताराकुंडे की बेटी थीं.
यह भी पढ़ें: #मीटू आंदोलन भारत में महिलाओं के प्रति हमारा रवैया बदलेगा
उनके साथ उठने बैठने वाले लोगों में अरुण जेटली, पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी, वरिष्ठ वकील राजीव नय्यर और अनीप सचते आदि हुआ करते थे.
हालांकि, करंजावाला के दोस्त हर तरफ हैं, लेकिन अरुण जेटली जो कि उन्हें 1971 में श्रीराम कॉलेज में मिले थे, उनके सबसे करीबी दोस्त बने रहे. अगर लुटियन दिल्ली में आप कभी जेटली की बर्थडे पार्टी में जाएं तो पाएंगे कि पार्टी की मेजबानी करंजावाला ही कर रहे होते हैं.
वैसे राजनीतिक गलियारे में करंजावाला की साख जेटली से मिलने के कई वर्षों बाद शुरू हुई जब जेटली ने वीपी सिंह का केस लिया. इस केस में जैन आयोग राजीव गांधी की हत्या में षडयंत्र की छानबीन कर रहा था.
करंजावाला एंड कंपनी
रायन करंजावाला ने अपनी पत्नी मानिक के साथ महारानी बाग में अपने ससुर तारकुंडे के घर में करंजावाला एंड कंपनी की स्थापना की थी.
1989 में जब वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने तो इंडियन एयरलाइन और एयर इंडिया से जुड़े सभी कानूनी मसले करंजावाला फर्म को दे दिए गए. इसी समय अरुण जेटली ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल का पद संभाला था.
एयरलाइन के मुकदमों ने फर्म की सूरत बदल दी और यह सामान्य मामलों से आगे बढ़कर पूरी तरह कानूनी मुकदमे लेने के लिए पहचानी जाने लगी.
करंजावाला की फर्म ने एक से एक हाई प्रोफाइल मुवक्किलों का कीर्तिमान बनाया है. इनमें सिंधिया और बड़ौदा के राजघराने भी हैं, उद्योगपति रतन टाटा भी हैं, केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह तो बॉलीवुड अदाकारा करिश्मा कपूर भी हैं.
इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.