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Monday, 6 May, 2024
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कलाक्षेत्र में यौन उत्पीड़न के आरोपों पर कार्रवाई तेज़, सहायक प्रोफेसर निलंबित; 3 कर्मचारी बर्खास्त

मंगलवार को प्रेस के लिए जारी एक बयान में संस्थान के गवर्निंग बोर्ड ने यह भी कहा कि उसने यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए एक स्वतंत्र जांच समिति का गठन किया है.

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चेन्नई: रुक्मिणी देवी कॉलेज फॉर फाइन आर्ट्स, कलाक्षेत्र फाउंडेशन के गवर्निंग बोर्ड ने परिसर में बड़े पैमाने पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में विभिन्न स्तरों पर हस्तक्षेप के बाद मंगलवार को एक सहायक प्रोफेसर को निलंबित कर दिया और तीन संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया.

कलाक्षेत्र परिसर में छात्रों के विरोध के बाद अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की गई और एक हफ्ते बाद संस्थान के अध्यक्ष ने कर्मचारियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को “अफवाह” बता कर खारिज कर दिया और कहा कि इसका उद्देश्य केवल कलाक्षेत्र की प्रतिष्ठा को खराब करना था.

हालांकि, सहायक प्रोफेसर हरि पैडमैन को एक दिन पहले केरल के एक छात्र की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया था और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इसी तरह के आरोपों का सामना कर रहे तीन संविदा कर्मचारियों, यानी साई कृष्णन, संजीथ लाल और श्रीनाथ को बर्खास्त कर दिया गया है.

दिप्रिंट ने 21 मार्च को कैंपस में यौन उत्पीड़न के आरोपों के बारे में रिपोर्ट की थी.

मंगलवार को जारी प्रेस के लिए जारी किए गए बयान में संस्थान के गवर्निंग बोर्ड ने यह भी कहा कि उसने यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए एक स्वतंत्र जांच समिति का गठन किया है.

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समिति में न्यायमूर्ति के कन्नन (सेवानिवृत्त), तमिलनाडु की पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) लेतिका सरन और प्रसिद्ध एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डॉ शोभा वर्थमान शामिल होंगे. गवर्निंग बोर्ड ने छात्रों से परीक्षाओं पर ध्यान लगाने की अपील की है.

बयान में कहा गया है कि संस्थान की इंटर्नल शिकायत कमेटी का पुनर्गठन करने, नया छात्र परामर्शदाता नियुक्त करने का फैसला लिया गया है. मंगलवार को अधिवक्ता बी.एस. अजिता ने कलाक्षेत्र के निदेशक को लिखे पत्र में आंतरिक शिकायत समिति के बाहरी सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया.

हालांकि पी.टी. गवर्निंग बोर्ड के एक सदस्य नरेंद्रन ने सोमवार को दिप्रिंट को बताया था कि बोर्ड “छात्रों की सभी मांगों को पूरा करने का इरादा रखता है”, बोर्ड द्वारा जारी बयान में कलाक्षेत्र के छात्रों के कैम्पस में उनके कल्याण के लिए काम करने वाले आधिकारिक निकाय के तौर पर छात्र संघ के रूप में मान्यता देने की मांग को स्वीकार नहीं किया गया.

यह यौन उत्पीड़न के आरोपों पर कथित निष्क्रियता के विरोध में गुरुवार को परिसर में प्रदर्शन करने वाले छात्रों द्वारा प्रस्तुत चार मांगों में से एक थी.

शुक्रवार को परिसर के दौरे के बाद, तमिलनाडु राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ए.एस. कुमारी ने कहा था कि छात्रों ने उन्हें “जिस तरह के यौन, मानसिक और मौखिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, उसकी कहानियां सुनाईं”.

सोमवार को मुख्य सचिव को सौंपी गई एक रिपोर्ट में, राज्य महिला आयोग ने कहा कि उसे कम से कम एक शिक्षक द्वारा “कक्षा में अपनी धोती) उतारने और छात्राओं को अपनी आंखे बंद करने के लिए कहने से संबंधित शिकायतें मिलीं.”

एक छात्र ने आरोप लगाया कि हरि पैडमैन ने कलाक्षेत्र में “उसके जीवन को बहुत कठिन बना दिया”, जब उसने उसके घर पर उससे मिलने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया, जबकि अन्य छात्रों ने कहा कि उनके निजी अंगों को छुआ गया था.

(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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