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Thursday, 25 April, 2024
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झारखंड में मॉर्निंग वॉक पर निकले जज की ‘चोरी के ऑटो’ से हुई मौत, CBI जांच की उठी मांग

झारखंड हाई कोर्ट ने जज उत्तम आनंद की मौत मामले में कहा कि अगर अदालत को ऐसा लगा कि जांच में कोताही बरती जा रही है, तो यह मामला सीबीआई को दे दिया जाएगा.

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रांची: झारखंड के धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद को बुधवार की सुबह एक ऑटोचालक ने ठोकर मार दी. जिसके बाद पवन पांडेय नाम के व्यक्ति ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वह हर दिन की तरह अपने घर से मॉर्निंग वॉक पर निकले थे. उनकी पत्नी कृतिका सिन्हा ने धनबाद थाना में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.

झारखंड हाई कोर्ट ने इस घटना पर रिपोर्ट तलब की है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण सिर में चोट लगना बताया जा रहा है.

धनबाद एसएसपी संजीव सिंह ने सिटी एसपी आर राम कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है.

पुलिस की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक घटना का सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद है. फुटेज से पता चलता है कि जानबूझकर जज को टक्कर मारी गई है. घटना में शामिल ऑटो चोरी की बताई जा रही है. उसे गिरिडीह जिले से जब्त किया गया है.

झारखंड पुलिस के प्रवक्ता अमोल वी होमकर ने दिप्रिंट को बताया कि इस मामले में अब तक दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है.

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वहीं जज उत्तम आनंद की पत्नी की ओर से दर्ज शिकायत में कहा गया है, ‘बुधवार (28 जुलाई) को सुबह पांज बजे उनके पति टहलने के लिए निकले. लेकिन काफी समय बीत जाने पर वह घर नहीं लौटे तो हमने खोजबीन शुरू की. इस दौरान पता चला कि उनको गंभीर रूप से जख्मी अवस्था में स्थानीय लोगों द्वारा शहीद निर्मल महतो मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.’

इसी बीच मोबाइल पर वायरल वीडियो भी प्रसारित किया जाने लगा, जिसे देखने से पता चलता है कि ऑटोचालक ने जानबूझकर उत्तम आनंद के माथे पर गंभीर प्रहार कर उन्हें गंभीर रूप से जख्मी कर दिया. जिससे उनकी मृत्यु हो गई.


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सुप्रीम कोर्ट में भी उठा मामला

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील विकास सिंह इस मामले को शीर्ष अदालत के संज्ञान में लेकर आए. उन्होंने न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले को रखा.

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने इस मामले पर संज्ञान लिया.

वहीं झारखंड हाई कोर्ट ने पूरे मामले पर गुरुवार को धनबाद एसएसपी को तलब किया है. साथ ही एनएचएआई से भी पूछा है कि हाइवे पर कितने हाईटेक कैमरे लगाए गए हैं.


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जांच में कोताही बरती तो सीबीआई को देंगे मामला: झारखंड हाई कोर्ट

झारखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को डीजीपी नीरज सिन्हा और धनबाद एसएसपी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश हुए.

मुख्य न्यायाधीश डॉ रविरंजन ने एफआईआर दर्ज होने में देरी पर नाराजगी जाहिर की. अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट इस मामले की मॉनिटरिंग करेगा और किसी भी वक्त अगर अदालत को ऐसा लगा कि जांच में कोताही बरती जा रही है, तो यह मामला सीबीआई को दे दिया जाएगा.

हालांकि इस पूरे मसले पर झारखंड की राजनीति भी गरमा गई है. मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के राज्य अध्यक्ष और राज्य सभा सदस्य दीपक प्रकाश ने कहा, ‘झारखंड में अब कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज बची नहीं है, जिस प्रकार से धनबाद में एक न्यायाधीश की संदिग्ध हत्या कर दी जाती है, इससे यह प्रतीत होता है कि राज्य की सवा तीन करोड़ जनता भी अब सुरक्षित नहीं रही.’

उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार इस हत्या की जांच अविलंब सीबीआई से कराने की अनुशंसा करे.’

 

झारखंड मुक्ति मोर्च (जेएमएम) के महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने इस मामले पर दिप्रिंट से कहा, ‘सरकार ने एसआईटी का गठन कर दिया है. ये लॉ एंड ऑर्डर का मामला नहीं है, यह एक हाई प्रोफाइल मर्डर है. जब छोटे स्तर पर क्राइम बढ़ जाता है तो उसे लॉ एंड ऑर्डर के खराब होने का मसला मानेंगे. इसमें बहुत सारे कॉन्सपिरेसी हैं. बड़ा सवाल ये है कि घटना के वक्त उनके सिक्योरिटी गार्ड वहां क्यों नहीं मौजूद थे.’


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झारखंड सरकार ने एसआईटी का किया गठन

झारखंड हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान वहां मौजूद पत्रकार विनीत उपाध्याय ने दिप्रिंट को बताया, ‘हाई कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि झारखंड में कुछ दिनों पहले एक पुलिस पदाधिकारी की भी मौत हुई थी, उसके बाद एक वकील की हत्या हुई और अब एक जज की मृत्यु संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई है. इसका मतलब यह है कि झारखंड में कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर हो चुकी है.’

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि इस मामले में सरकार गंभीर है और पुलिस पूरे प्रकरण की गहनता से जांच कर रही है. मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है और एडीजी ऑपरेशंस संजय आनंद लाटकर इस टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे.

अदालत ने महाधिवक्ता के इस जवाब पर संतुष्टि जताते हुए कहा कि पुलिस की क्षमता पर उन्हें संदेह नहीं है लेकिन यह मामला काफी गंभीर है.

वहीं पुलिस मुख्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक एसआईटी में बोकारो डीआईजी कन्हैया मयूर पटेल और एसएसपी धनबाद इसके सदस्य होंगे.

धनबाद बार एसोसिएशन ने भी घटना को संदिग्ध बताया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र सहाय ने दिप्रिंट से कहा, ‘सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद लगता है कि इरादतन हत्या हुई है. हम लोग शुक्रवार को पूरे झारखंड में कोर्ट एबसेंट कर रहे हैं. साथ ही डीसी धनबाद को पूरे मामले पर एक प्रजेंटेशन भी सौंप रहे हैं.’

इससे पहले बीते सोमवार को रांची सिविल कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज झा की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. मामला जमीन विवाद का बताया जा रहा है. वो जेवियर संस्था के लीगल एडवाइजर थे.


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कई बड़े मामलों की सुनवाई कर रहे थे जज उत्तम आनंद

न्यायाधीश उत्तम आनंद मूल रूप से बिहार के नवादा जिले के रहने वाले थे. लेकिन उनके पिता सदानंद प्रसाद झारखंड के हजारीबाग जिले में वरिष्ठ अधिवक्ता के तौर पर काम करते हैं. फिलहाल उनका पूरा परिवार हजारीबाग में ही रहता है. परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटी, एक बेटा और माता-पिता हैं.

जज उत्तम आनंद कई बड़े मामलों की सुनवाई से जुड़े थे. चर्चित रंजय सिंह हत्याकांड की सुनवाई भी वही कर रहे थे. रंजय सिंह धनबाद के बाहुबली नेता और झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के काफी करीबी माने जाते थे.

चार दिन पहले ही रांची के होटवार जेल में बंद शूटर अभिनव सिंह व यूपी के कुख्यात अपराधी अमन सिंह के गुर्गे रवि ठाकुर की जमानत याचिका जज उत्तम आनंद ने खारिज कर दी थी.

जज उत्तम आनंद ने धनबाद कोर्ट में दो मामलों में तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. तीन अप्रैल 2021 को पत्नी की किरासन तेल छिड़क कर हत्या का आरोपी गुड्डू पासवान को उम्रकैद की उन्होंने सजा सुनाई थी. वहीं एक और मामले में 25 जून को तीन सहोदर भाई शंकर प्रसाद, शंभू प्रसाद और कैलाश को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी.

इसके अलावा बीसीसीएल के जीएम और प्रोजेक्ट ऑफिसर का मामला भी उन्हीं की अदालत में था. आरोपियों के खिलाफ कोयला चोरी का केस चल रहा था. जिसमें जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी.

(आनंद दत्ता स्वतंत्र पत्रकार हैं. दिप्रिंट के लिए की गई उनकी अन्य रिपोर्ट्स पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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