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Monday, 4 November, 2024
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सिंघु बॉर्डर से गिरफ्तार मनदीप पूनिया के लिए एकजुट हुए पत्रकार की रिहाई की मांग

महिला प्रेस क्लब, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और प्रेस असोसिएशन ने एकजुट होकर पुलिस हेडक्वार्टर के सामने स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पूनिया और धर्मेंद्र सिंह की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन किया.

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नई दिल्ली: सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने के आरोप में रविवार को एक स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पूनिया को गिरफ्तार किया गया है. जिसकी मीडिया समूहों ने एक जुट होकर निंदा की है और विरोध प्रदर्शन करते हुए तुरंत रिहाई की मांग की है.

महिला प्रेस कोर, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और प्रेस असोसिएशन ने एकजुट होकर पुलिस हेडक्वार्टर के सामने स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पूनिया और धर्मेंद्र सिंह की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन किया. बता दें कि 30 जनवरी की शाम को दिल्ली पुलिस ने इन पत्रकारों को सिंघु बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन स्थल से उठा लिया था.

धर्मेंद्र सिंह जहां बाद में छोड़ दिए गए लेकिन मनदीप अभी तक पुलिस कस्टडी में हैं. मनदीप एक युवा फ्रीलांस पत्रकार हैं और वो कारंवा और जनपथ के लिए लेख लिखते हैं. दिल्ली पुलिस ने मनदीप को जबरदस्ती उठा लिया और उनके दोस्तों और मीडिया के लोगों के पूछे जाने पर उनकी जानकारी भी नहीं दी.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि पत्रकार को एक दिन पहले हिरासत में लिया गया था.

मनदीप की एफआईआर की कॉपी भी पुलिस ने रविवार की सुबह जारी की है. मनदीप पर आईपीसी की धारा 186, 353, 332,34 लगाकर केस रजिस्टर किया गया है. मनदीप पहले दिन से किसान आंदोलन के बारे में लिख रहे हैं. वह वहीं किसानों के साथ रहते भी हैं.

तुरंत छोड़े जाने की मांग

महिला प्रेस क्लब, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और प्रेस एसोसिएशन ने मांग की है कि मनदीप को तुरंत छोड़ा जाए. और मांग की है कि रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकारों को उनके कार्य में बाधा न डाली जाए. संयुक्त बयान में मीडिया समूह ने कहा है कि यह हमारी स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है. भारत का संविधान हमें फ्रीडम ऑफ स्पीच की आजादी देता है.

इससे पहले पुलिस ने कहा था कि उसने शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद सीमा पर अवरोधक लगाए थे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई उसे पार न कर पाए. पुलिस ने आरोप लगाया था कि पत्रकार समेत कुछ लोगों ने अवरोधक हटाने की कोशिश की तथा पत्रकार ने वहां पुलिस कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार भी किया.

सिंघू बॉर्डर पर शुक्रवार को किसानों और स्थानीय निवासी होने का दावा करने वाले लोगों के बीच झड़प हो गई थी. इस दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर पथराव किया था. सिंघू बॉर्डर नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का प्रमुख स्थल है.

हिंसा में दिल्ली पुलिस के एसएचओ (अलीपुर) घायल हो गए थे. घटना के संबंध में एसएचओ पर हमला करने वाले व्यक्ति समेत कम से कम 44 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.


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