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Sunday, 28 April, 2024
होमदेशउड़ान संख्या IX-1344 के यात्रियों में से अनेक नौकरी छूटने, स्वास्थ्य समस्याओं के कारण या फिर शादी के लिए घर आ रहे थे

उड़ान संख्या IX-1344 के यात्रियों में से अनेक नौकरी छूटने, स्वास्थ्य समस्याओं के कारण या फिर शादी के लिए घर आ रहे थे

केरल सरकार के अनुसार विमान दुर्घटना में मृतकों की संख्या 18 हो चुकी है. कुल 184 यात्रियों में से 54 महामारी के कारण विदेशों में फंसे पर्यटक थे, 26 अपना रोज़गार छिन जाने के बाद वापस लौट रहे थे, जबकि 28 को वीज़ा अवधि समाप्त होने पर लौटना पड़ रहा था.

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बेंगलुरु: एयर इंडिया एक्सप्रेस के दुबई से आ रहे विमान के शुक्रवार रात केरल के कोझ़िकोड हवाई अड्डे पर रनवे से फिसलने की दुर्घटना ने देश को झकझोर दिया है.

केरल सरकार के अनुसार दुर्घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 18 हो चुकी है. एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान संख्या आईएक्स 1344 पर 184 यात्री और चालक दल के 6 सदस्य सवार थे. मृतकों में इस उड़ान के पायलट दीपक साठे और सह-पायलट अखिलेश कुमार भी शामिल हैं.

दुर्घटनाग्रस्त विमान के 184 यात्रियों में से 54 महामारी के कारण रद्द उड़ानों के कारण विदेशों में फंसे पर्यटक थे, 26 अपना रोज़गार छिन जाने के कारण स्वदेश लौट रहे थे, 28 वीज़ा अवधि समाप्त होने के कारण वापस आ रहे थे, जबकि 6 चिकित्सा कारणों से लौट रहे थे.

बहुत ही भावुक दिख रहे 16 वर्षीय अभिनंदन ने दिप्रिंट से कहा, ‘मेरे पिता अबू धाबी में दर्जी का काम कर रहे थे. लेकिन जब कोविड-19 की महामारी फैली तो हम उन्हें घर वापस बुलाना चाहते थे. जो कुछ भी हुआ उससे हम बेहद सदमे में हैं, हालांकि वह गंभीर रूप से घायल नहीं हैं.’

उनके 51 वर्षीय पिता पुरुषोत्तमन का पैर टूटने और हाथों में चोट के लिए कोझिकोड के मैत्रा अस्पताल में इलाज चल रहा है.

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अभिनंदन ने बताया कि दुर्घटना के बात अपने पिता से वह कुछ मिनटों के लिए ही बात कर पाया है. उसने कहा, ‘उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वह ठीक हैं और मैं उनकी आवाज़ सुनने भर से ही संतुष्ट हो गया. वह टेलरिंग की दुकान में काम करने के लिए एक साल पहले गए थे. इस दुर्घटना के बाद अब हम उन्हें कहीं नहीं जाने देंगे.’

अभिनंदन ने दिप्रिंट से कहा, ‘वह ठीक हैं और फिलहाल आईसीयू में हैं. फोन पर उन्होंने यही बताया था.’

कोविड महामारी के कारण नौकरी छिनने के कारण वापस आ रहे यात्रियों में 28 वर्षीय मोहम्मद मुस्तफ़ा भी शामिल थे. वह जूस की एक दुकान में काम करते थे और कोविड महामारी फैलने के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था.

मुस्तफ़ा की बहन ने अपना नाम नहीं देने के आग्रह करते हुए कहा, ‘उन्हें नौ महीनों से उनकी तनख्वाह नहीं मिली थी और उनके लिए वहां रुकना संभव नहीं था… हमने उनसे वापस आ जाने के लिए कहा था.’

मुस्तफ़ा को उनके पैरों में चोट लगी है और कई जगह ह़ड्डियों में टूट के लिए उनका बेबी अस्पताल में इलाज चल रहा है.

मुस्तफ़ा के समान ही विलियापल्ली निवासी 36 वर्षीय अनूप नारायणन की भी कोविड संकट के कारण नौकरी छूट गई थी. वह एक भवन निर्माण कंपनी में काम करते थे.

केरल के शिक्षा मंत्री सी रवींद्रनाथ के कार्यालय में काम करने वाले नारायणन के एक निकट संबंधी के अनुसार वह इस समय इक़रा अस्पताल के न्यूरो-आईसीयू विभाग में भर्ती हैं.

अपना नाम नहीं देने के आग्रह के साथ इस संबंधी ने नारायणन द्वारा शुक्रवार की दुर्घटना के बारे में दिए गए ब्यौरे के बारे में भी बताया.

उन्होंने कहा, ‘पायलट ने करीब 7.30 बजे शाम को विमान उतारने की पहली कोशिश की थी. लेकिन दृश्यता कम होने के कारण विमान को नहीं उतारा जा सका. उसके 20 मिनट बाद पायलट ने फिर से लैंडिंग की कोशिश की. विमान रनवे पर उतर तो गया लेकिन अपने निर्धारित रास्ते से हटने लगा. विमान फिसलता गया और उसके बाद उसे सिर्फ इतना पता है कि सब मलबे में फंसे हुए थे.’

‘भगवान का शुक्र है कि वे सुरक्षित हैं’

दुर्घटना की खबर सुनकर पलक्कड़ निवासी उमा अझाकत के होश उड़ गए. उसके दो बेटे परमेश्वरन और रविशंकर, बहू तारा और पोती अयाना विमान के यात्रियों में शामिल थे.

आगामी 10 सितंबर को अपनी शादी के लिए 30 वर्षीय परमेश्वरन वापस आ रहे थे. वह एक भवन निर्माण कंपनी में काम करते हैं, जबकि उनके 34 वर्षीय भाई रविशंकर आबू धाबी में बायोकेमिकल इंजीनियर हैं.

उमा ने दिप्रिंट से कहा, ‘एक घंटे से अधिक समय तक हमारा उनसे संपर्क नहीं हो पाया था. आखिरकार एक बचावकर्मी ने हमें फोन किया. मैंने उनसे बात की और उन्होंने कहा कि वे ठीक हैं. परमेश्वरन की रीढ़ में छोटी सी सर्जरी करनी पड़ी है, जबकि रविशंकर की जांघ की हड्डी में सर्जरी हुई है.’

परमेश्वरन को मैत्रा अस्पताल में और रविशंकर को एमईएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

उमा के अनुसार तारा का भी एमईएस अस्पताल में ऑपरेशन होगा, जबकि बेबी अस्पताल में भर्ती उनकी तीन वर्षीया पोती की हालत गंभीर नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘भगवान का शुक्र है कि उनमें से सभी सुरक्षित हैं. हमें अब उनके सकुशल घर पहुंचने का इंतजार है.’


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‘उनका पसंदीदा खाना तैयार रखा था’

मृतकों में 61 वर्षीय सीपी राजीवन शामिल हैं, जो दुबई में वेल्डर का काम करते थे. वह अपनी बड़ी बेटी की शादी के लिए लड़का ढूंढने आ रहे थे.

राजीवन की बहन रमा ने दिप्रिंट को बताया कि उनके भाई को डायबिटीज़ की बीमारी थी और इसलिए जब उन्होंने उऩसे पूछा था कि क्यों वह कोझिकोड की उड़ान ले रहे हैं तो उन्होंने तबीयत खराब होने की बात बताई थी.

उनकी पत्नी निशी के अनुसार उनके नियोक्ता ने उनके वेतन में कटौती कर दी थी, इसलिए उन्होंने सोचा था कि अपने घर पर रहना ही सुरक्षित रहेगा.

सुबकती हुई रमा ने बताया, ‘उन्होंने एयरपोर्ट से फोन किया था और रात तक पहुंचने की बात की थी. उन्होंने अपने लिए एक कमरा तैयार रखने को कहा था क्योंकि उन्हें क्वारेंटाइन में रहना होता. उन्होंने कहा था कि हम सबको खुद को सुरक्षित रखना चाहिए और अपने आसपास के वातावरण को साफ रखना चाहिए, और वायरस से लड़ने का यही तरीका है. वह सबकी फिक्र करते थे और हमेशा हमारा ध्यान रखते थे. हमने उनका पसंदीदा खाना भी तैयार कर रखा था.’

इस बीच, दिप्रिंट से बातचीत में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा है कि दुर्घटना की विस्तृत जांच की जाएगी.

उन्होंने कहा, ‘मैंने दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया है. मैंने मलबे को देखा है. विमान दो टुकड़े में बंट गया है. हम विशेषज्ञों की मदद से दुर्घटना की विस्तृत जांच कर रहे हैं.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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