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Friday, 1 November, 2024
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जेएनयू हिंसा पर कुलपति बोले- विश्वविद्यालय के अकादमिक हितों की रक्षा करना प्राथमिकता

कुमार ने कहा कि सभी छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. छात्र संघ ने विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के लिए कुलपति को जिम्मेदार ठहराया.

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नई दिल्ली: जेएनयू हिंसा को लेकर कुलपति एम जगदीश कुमार ने कहा है कि विश्वविद्यालय की प्राथमिकता अकादमिक हितों की रक्षा करना है. कुमार ने कहा कि सभी छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं.

हिंसा के लिए कुलपति जिम्मेदार : जेएनयू छात्रसंघ

जवाहर लाल नेहरू छात्र संघ ने विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के लिए सोमवार को कुलपति को जिम्मेदार ठहराया.

जेएनयू छात्र संघ ने कुलपति जगदीश कुमार पर ‘डकैत’ की तरह पेश आने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी ताकतों का इस्तेमाल किया कि छात्रों और शिक्षकों को ‘हिंसा’ का सामना करना पड़ा.

उसने यह भी आरोप लगाया कि ‘हिंसा के लिए’ लाठियों और छड़ों के साथ बाहरी लोगों को लाया गया.

जेएनयू छात्र संघ ने कहा, ‘कुलपति, एक कायर कुलपति हैं, जो पीछे के रास्ते से अवैध नीतियों को अंजाम देते हैं, छात्रों या शिक्षकों के सवालों से बचते हैं और फिर जेएनयू में खराब स्थिति उत्पन्न करते हैं.’

जेएनयू में छात्र पिछले 70 दिन से छात्रवास की बढ़ी फीस के खिलाफ हड़ताल पर हैं.

छात्र संघ ने आरोप लगाया, ‘हिंसा कुलपति और उनके साथियों की निराशा का परिणाम है. लेकिन यह घटनाक्रम दिल्ली पुलिस के लिए शर्मनाक है, जिन्होंने एबीवीपी के बाहर से लाए गुंडों को अंदर पहुंचाया.’

उसने कुलपति के तत्काल इस्तीफा देने या एचआरडी मंत्रालय से उनसे इस्तीफा लेने की मांग की.

जेएनयू के प्रतिनिधि उपराज्यपाल से मिले, एचआरडी ने भी बातचीत के लिए बुलाया

जेएनयू के रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर वीसी ने दिल्ली के उपराज्यपाल से भेंट की, उन्हें स्थिति से अवगत कराया. गृह मंत्रालय के अधिकारी ने यह जानकारी दी है.

वहीं इससे पहले जेएनयू हिंसा को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से बात की, उनसे जेएनयू के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए बुलाने का अनुरोध किया था.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जेएनयू में हुई हिंसा के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन को बैठक के लिए बुलाया. अधिकारी ने यह जानकारी दी.

शिक्षण संस्थाओं को राजनीति का अखाड़ा ना बनाया जाए : स्मृति ईरानी

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए सोमवार को कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाया जाना चाहिए.

अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अमेठी के दौरे पर आईं केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ने जेएनयू के सिलसिले में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘मैंने पहले भी कहा था और आज भी कह रही हूं कि शैक्षणिक संस्थानों को राजनीति का अखाड़ा ना बनाया जाए. इससे हमारे छात्रों के जीवन और उनकी प्रगति पर असर पड़ता है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं आशान्वित हूं कि राजनीति का अखाड़ा और राजनीतिक मोहरे की तरह छात्रों को इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जेएनयू के मामले में जांच शुरू हुई है और किसी भी संवैधानिक पद पर रहते हुए तफ्तीश के दौरान कोई भी टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.

सरकार कैंपस में हिंसा को बढ़ावा देना बंद करे

जेएनयू हिंसा पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार को कैंपस में हिंसा को बढ़ावा देना बंद कर देना चाहिए. आप देश के युवाओं के साथ दुश्मनी कर रहे हैं. आप युवकों की आवाज को जितना दबाएंगे, वह उतनी जोर से उठेगी.

जेएनयू में हिंसा के बाद भारी सुरक्षा तैनात

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा के बाद सोमवार को सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गई है. विश्वविद्यालय के अधिकारी केवल वैध पहचान पत्र वाले छात्रों को ही परिसर के अंदर जाने की अनुमति दे रहे हैं. सूत्रों के अनुसार छात्रावासों, प्रशासनिक खंड और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के बाहर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है.

सूत्रों ने बताया कि मीडिया सहित किसी भी बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित है. हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष सहित कम से कम 28 लोग घायल हो गये, जिन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है.

दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार रात हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है.

अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि दंगा करने और सम्पति को नुकसान पहुंचाने के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

जेएनयू परिसर में रविवार रात उस वक्त हिंसा भड़क गयी थी, जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था, जिसके बाद प्रशासन ने पुलिस को बुलाया.

इस हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित कम से कम 28 लोग घायल हुए हैं.

जेएनयू में हिंसा के बाद भारी सुरक्षा तैनात

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा के बाद सोमवार को सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गई है. विश्वविद्यालय के अधिकारी केवल वैध पहचान पत्र वाले छात्रों को ही परिसर के अंदर जाने की अनुमति दे रहे हैं.

सूत्रों के अनुसार छात्रावासों, प्रशासनिक खंड और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के बाहर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है.

सूत्रों ने बताया कि मीडिया सहित किसी भी बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित है.

हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष सहित कम से कम 28 लोग घायल हो गये, जिन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है.

(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)

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