नई दिल्ली : फिल्म उद्योग की कथित आलोचना पर नाराजगी जताते हुए समाजवादी पार्टी की सदस्य जया बच्चन ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि देश में किसी भी संकट के दौरान सहायता में कभी पीछे नहीं रहने वाला यह उद्योग सराहना का हकदार है.
उन्होंने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि दुख की बात यह है कि कुछ लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी थाली में छेद करते हैं.
जया ने कहा कि केवल कुछ लोगों की वजह से आज मनोरंजन उद्योग आलोचना का शिकार हो रहा है जो हर दिन करीब पांच लाख लोगों को प्रत्यक्ष और करीब 50 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार देता है.
जया ने कहा कि लाकडाउन के दौरान कुछ ऐसे हालात हुए कि मनोरंजन जगत सोशल मीडिया पर बुरी तरह आलोचना का शिकार होने लगा और उसे ‘गटर’ कहा जाने लगा. ‘यह सही नहीं है. ऐसी भाषा पर रोक लगाई जानी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘देश पर आने वाले किसी भी संकट के दौरान उसकी सहायता करने में यह उद्योग कभी पीछे नहीं रहा. राष्ट्रीय आपदा के दौरान इस उद्योग ने हरसंभव मदद की है. यहां अत्यधिक कर देने वाले लोग रहते हैं. इस उद्योग ने अपना एक नाम और पहचान अपने बूते हासिल किया है.’
जया ने कहा कि कल दूसरे सदन में एक सदस्य ने फिल्म उद्योग के खिलाफ बोला, जो पीडादायी था. उन्होंने कहा ‘इस उद्योग के खिलाफ आज जिस भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है वह पूरी तरह गलत है. उस पर रोक लगनी चाहिए.’
भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि जया जी उसका समर्थन करेंगी जो मैंने कहा था. इस इंडस्ट्री में हर कोई ड्रग्स का सेवन नहीं करता है. लेकिन जो लोग करते हैं वे दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म उद्योग को खत्म करने की योजना का हिस्सा हैं, जब जया जी और मैंने ज्वाइन किया था तो स्थिति ऐसी नहीं थी. लेकिन अब हमें इंडस्ट्री की रक्षा करने की आवश्यकता है.
I expected Jaya ji to support what I said. Not everyone in the industry consumes drugs but those who do are part of a plan to finish the world's largest film industry. When Jaya ji & I joined, situation was not like this but now we need to protect the industry: BJP MP Ravi Kishan https://t.co/Ds9CDtVygU pic.twitter.com/tOYtN9Sgp9
— ANI (@ANI) September 15, 2020
विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया. भाजपा के डा विकास महात्मे ने एक वेबसीरीज में भारतीय इतिहास की विदुषी अहिल्याबाई होल्कर को कथित तौर पर अपमानित किए जाने का मुद्दा उठाया और सरकार से मांग की कि वेबसीरीज के नियमन के लिए कानून बनाया जाए.
महात्मे ने कहा ‘वर्जिन भास्कर नामक इस वेबसीरीज में अहिल्याबाई होल्कर को अपमाननजक तरीके से चित्रित किया गया जिससे पूरे समाज में रोष है. विवाद बढने पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर के हस्तक्षेप से विवादित हिस्सा निकाल दिया गया.’ उन्होंने कहा कि नाटकों और ड्रामों के लिए नियम हैं और अनुमति की जरूरत होती है लेकिन वेबसीरीज के लिए ऐसा नहीं है जबकि ज्यादातर सीरीज में असयंमित भाषा का उपयोग होता है. इस पर रोक लगाई जानी चाहिए और इसके लिए सरकार को एक कानून बनाना चाहिए.’ कई सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)