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Saturday, 16 November, 2024
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झारखंड में जगह-जगह थूक कर कोरोनावायरस फैलाने की अफवाह से हिंदू-मुस्लिम भिड़े, एक की मौत

राजधानी रांची से 118 किलोमीटर दूर कुदरा गांव और 120 किलोमीटर दूर सिसई बस्ती में माहौल तनावपूर्ण है.

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रांची : पुलिस और प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद कोरोनावायरस को लेकर अफवाहों का बाजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इसका प्रभाव मंगलवार देर रात झारखंड के गुमला जिले के कुदरा और सिसई बस्ती गांव में देखने को मिला. मुस्लिमों द्वारा थूक फेंक कर कोरोनावायरस फैलाने की अफवाह के बाद यह मामला हिंदू-मुस्लिम दंगे में बदल गया. इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच लोग घायल हैं.

राजधानी रांची से 118 किलोमीटर दूर कुदरा गांव और 120 किलोमीटर दूर सिसई बस्ती में माहौल तनावपूर्ण है. मृतक बोलवा उरांव के घर दाह-संस्कार की तैयारी चल रही है. मृतक के परिवार में पत्नी के अलावा तीन बेटी और एक बेटा है. वह पेशे से किसान था.

नाम न छापने की शर्त पर एक ग्रामीण ने बताया कि मंगलवार देर रात कुदरा गांव में एक लड़का (मुस्लिम) और लड़की (हिंदू) को पकड़ा गया. दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं और छुप-छुप कर मिलते थे. लड़की उसी गांव की थी और लड़का पास के गांव सिसई बस्ती का था. लड़के के साथ दो और साथी थे, जो भाग गए. कुदरा के ग्रामीणों के बीच इस दौरान हल्ला मचा कि मुस्लिम समुदाय के लोग कोरोना संक्रमण फैलाने गांव आए हैं और वो जगह-जगह थूक रहे हैं. इसके बाद गांव वालों ने पकड़े गए युवक की जमकर पिटाई कर दी गई.


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इधर पास के सिसई बस्ती में जब सूचना पहुंची तो वहां के लोग भी भड़क गए और बड़ी संख्या में ग्रामीण सड़क पर जमा हो गए. इस दौरान उसी गांव का एक आदिवासी घर से मामले को जानने निकला लेकिन मुस्लिमों के समुदाय ने उसकी जमकर पिटाई कर दी.

सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची गुमला जिला परिषद अध्यक्ष किरण बारा ने बताया कि घायल बोलवा को वह अपनी गाड़ी से सिसई रेफरल अस्पताल लेकर गईं. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृतक के परिवार में पत्नी के अलावा तीन बेटी और एक बेटा है. वह पेशे से किसान था.

गुमला के एसपी अंजनी कुमार झा ने देर रात फोन पर बताया, ‘वह मौके पर मौजूद हैं अफवाह फैलाई गई है. फिलहाल माहौल तनावपूर्ण है, कोशिश है कि जो लोग जमा हो रहे हैं, उन्हें रोका जाए.’

सुबह उन्होंने माना कि इस झगड़े में दो लोग घायल हो गए हैं, एक की मौत हो गई है. दोनों घायलों को रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) रेफर किया गया है. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.’

उन्होंने यह भी बताया है कि फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. शक के आधार पर पूछताछ के लिए जरूर लोगों को उठाया जा रहा है. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने लोगों को उठाया गया है. वहीं स्थानीय मीडिया के मुताबिक दोनों समुदाय के कुल 22 लोगों को पूछताछ के लिए पकड़ा गया है.

बता दें कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वहां भी दो दिनों का लॉकडाउन किया गया है. गुमला के जिलाधिकारी शशिरंजन ने बताया कि पूरे जिले में दो दिन के लिए पूरी तरह ‘लॉकडाउन’ किया गया है. इस दौरान दूध और दवाई की दुकान मात्र खुली रहेंगी. उन्होंने बताया कि शक के आधार पर दस लोगों को पुलिस ने पकड़ा है, उनसे पूछताछ चल रही है साथ ही गांव वालों की काउंसिंलिंग भी की जा रही है. जब तक मामला शांत नहीं होता तब तक के लिए अतिरिक्त पुलिस बल यहां निगरानी के लिए बुलाई गई है.

कुदरा पंचायत की मुखिया शकुंतला देवी के पति प्रकाश उरांव  ने बताया, ‘मंगलवार देर रात अफवाह फैली कि बाहर से आए लोग गांव के तालाबों में जहर डाल रहे हैं. कुछ मुसलमान लोग जगह-जगह थूक रहे हैं जिससे कोरोना फैल जाएगा.’

वहीं सिसई की मुखिया शकुंतला उरांव के पति मंगरा उरांव ने बताया कि पहले कुदरा गांव में हल्ला उड़ा कि मुसलमान लोग कोरोना फैलाने के लिए थूक फेंक रहा है. वहीं सिसई बस्ती में हल्ला उड़ा कि हिन्दू लोग मुसलमानों को मारने के लिए आ रहे हैं. इधर कुछ आदिवासी लोग मामले को समझने के लिए घर से बाहर निकले. इसी हिंदू- मुस्लिम के दंगे के बीच में आने से एक आदिवासी मारा गया.

बुधवार सुबह मौके पर मौजूद स्थानीय पत्रकार सुरेंद्र कुमार ने बताया, ‘बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है, लोग घरों में दुबके हुए हैं.’


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कोरोनावायरस के कुल चार मामले

इधर राज्य में अब तक कोरोना के चार मरीज मिल चुके हैं. चार मरीजों में दो का कनेक्शन तबलीगी जमात से है. वहीं चार में तीन महिला हैं. बीते 7 अप्रैल तक सभी 24 जिलों से कुल 1,111 सैंपल जमा किए गए हैं. इसमें 957 केस निगेटिव पाए गए हैं. पूरे राज्य में कुल 1,33,435 लोग होम क्वारंटाइन में हैं वहीं 15,544 लोग सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए हैं.

राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड की स्थिति पर चिंता जताई है. दूरदर्शन को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि लॉकाडाउन के बाद राज्य की स्थिति दयनीय होने जा रही है. उन्होंने कहा कि जीएसटी से पहले ही रीढ़ की हड्डी टूट चुकी है. राज्य के पास धन संग्रह करने की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने केंद्र से मिल रही मदद पर भी असंतोष जताया है.

(आनंद दत्ता स्वतंत्र पत्रकार हैं)

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