रांची: झारखंड के रांची जिले के नामकुम प्रखंड के एक किसान साधू राव ने 2020-21 में 50 हज़ार रुपये का कर्ज़ लिया था, लेकिन कोविड महामारी के प्रभाव और बीमार रहने के कारण वह ऋण नहीं चुका पाए.
महामारी के दौरान खेती से राव की आय कम हो गई. इसके बाद 2022 और 2023 में लगातार दो बार सूखे जैसे हालात ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी.
इस बीच, झारखंड सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के तहत दो लाख रुपये तक के ऋण माफ करने की घोषणा की, जिससे राव के चेहरे पर मुस्कान लौट आई.
उन्होंने कहा, “मैं बहुत खुश हूं क्योंकि झारखंड सरकार ने हाल ही में मेरा ऋण माफ कर दिया है, जिससे मुझे वास्तव में एक और जीवन मिला है.”
झारखंड सरकार की कृषि ऋण माफी योजना ने न केवल राव बल्कि उनके जैसे हज़ारों किसानों का भी बोझ कम किया है, जो कर्ज़ से जूझ रहे थे.
इस योजना का उद्देश्य किसानों को ऋण के वित्तीय दबाव से राहत दिलाना है.
हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली सरकार ने पिछले महीने, दो लाख रुपये तक का कर्ज़ लेने वाले 1.77 लाख किसानों के 400.66 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ किए. इससे पहले सरकार ने करीब 4.73 लाख किसानों के 50,000 रुपये तक के कृषि ऋण माफ किए थे.
सोरेन ने कहा, “पहले चरण में सरकार ने 50,000 रुपये तक के कृषि ऋण माफ किए. फिर, किसानों का बोझ कम करने और उनके सतत विकास व समृद्ध भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए दो लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ करने का फैसला किया.”
नामकुम प्रखंड के एक अन्य किसान शिवचरण कश्यप ने कहा, “मैंने दो-तीन साल पहले खेती के लिए कृषि ऋण लिया था. महामारी और खेती में हुए नुकसान के कारण मैं किस्तों का भुगतान करने में असमर्थ था. अब मुझे सरकार की कृषि ऋण माफी योजना का लाभ मिला है.”
कृषि मंत्री दीपिका पाण्डेय ने कहा, “किसान अपना कर्ज चुकाने में असमर्थ थे, इसलिए राज्य सरकार ने उनके कर्ज माफ करने का फैसला किया. अब जिन किसानों का कर्ज माफ किया गया है, वे आगे भी कर्ज लेने के पात्र होंगे.”
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