नई दिल्ली: देश के बाकी हिस्सों से पूरे साल रोड कनेक्टिविटी बनाए रखने के लिए जम्मू-कश्मीर में छह सुरंगों पर काम चल रहा हैं. सामरिक महत्व की जोजिला सुरंग सहित तीन सुरंगों का निर्माण कार्य 2023 के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है.
छह में से चार सुरंगे -खेलानी सुरंग, KM 83 सुरंग, शुद्धमदेव-द्रंगा सुरंग और सिंहपोरा-वालू सुरंग- जम्मू को अनंतनाग से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-244 पर बन रही हैं. इन चार सुरंगें के तैयार हो जाने के बाद जम्मू और अनंतनाग के बीच यात्रा का समय मौजूदा 11-12 घंटे से घटकर 6 घंटे रह जाएगा.
NH-1 पर बन रही ज़ोजिला और Z-मोड़ सुरंगे सामरिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण हैं. यह श्रीनगर और कारगिल के बीच हर मौसम में रोड कनेक्टिविटी को बनाए रखेंगी.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की निर्माण एजेंसी नेशनल हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (NHIDCL) 18.539 करोड़ रुपये की इन सभी छह परियोजनाओं पर काम कर रही है.
एनएचआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक चंचल कुमार ने दिप्रिंट को बताया, ‘ये सुरंगें सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं. यह जम्मू और कश्मीर का देश-दुनिया के साथ पूरे साल सड़क संपर्क बनाए रखेंगी. और साथ ही इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देंगी.’
कुमार ने कहा कि सुरंगें न सिर्फ सुरक्षा बलों के लिए फायदेमंद होंगी , बल्कि नागरिकों के सफर को भी आसान बना देंगी.
मौजूदा समय में सर्दियों के मौसम में भारी बर्फबारी के चलते अक्सर जम्मू को अनंतनाग से जोड़ने वाले NH-244 और श्रीनगर को कारगिल से जोड़ने वाले NH-1 पर सड़क यातायात बाधित हो जाता है.
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2023 तक तैयार हों जाएंगी तीन सुरंगें
कुमार ने कहा कि अगले साल खेलानी, ‘केएम 83’ और जेड-मोड़- तीनों सुरंगों के पूरा होने की संभावना है. खेलानी सुरंग मई तक और ‘केएम 83’ सुरंग अप्रैल तक तैयार होने की उम्मीद है.
श्रीनगर को सोनमर्ग से जोड़ने वाली Z-मोड़ सुरंग के 2023 के मध्य तक तैयार होने की पूरी संभावना है. एनएचआईडीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हालांकि जेड-मोड़ सुरंग के पूरा होने की आधिकारिक तारीख दिसंबर 2023 है. लेकिन हम तय तारीख से तीन-चार महीने पहले काम खत्म करने की उम्मीद कर रहे हैं.’
श्रीनगर को कारगिल से जोड़ने वाली ज़ोजिला में बनने वाली सामरिक महत्व की 14.15 किलोमीटर लंबी सुरंग के सितंबर 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है. श्रीनगर को लेह से जोड़ने वाला मौजूदा एनएच-1 बर्फबारी के कारण छह महीने बंद रहता है. जोजिला सुरंग के एक बार तैयार हो जाने के बाद न सिर्फ पूरे साल आवाजाही बनी रहेगी बल्कि यह श्रीनगर और लेह के बीच यात्रा के समय को तीन घंटे से घटाकर मुश्किल से 15 मिनट कर देगी.
जियो-सेंसटिव ज़ोजिला इलाका सामरिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण है. इसके बनने के बाद श्रीनगर, द्रास, कारगिल और लेह के बीच सभी मौसम में संपर्क बना रहेगा. साथ ही दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक एकीकरण को भी और मजबूत बनाएगा.
एनएच-244 पर दो सुरंगों के लिए जल्द ही लगेगी बोली
एनएचआईडीसीएल जल्द ही एनएच-244 पर दो और सुरंगों के लिए बोलियां लेने की कवायद शुरू कर देगी. 8 किलोमीटर लंबी शुद्धमहादेव-द्रंगा सुरंग की कीमत 3,703 करोड़ रुपये आंकी गई है वहीं 8 किलोमीटर की सिंघपोरा-वायलू सुरंग का खर्च लगभग 4,808 करोड़ रुपये होगा.
कुमार ने कहा, ‘हम जल्द ही बोलियां खोलेंगे और इस वित्तीय वर्ष में दोनों परियोजनाओं पर काम सौंपने का इरादा रखते हैं.’
फिलहाल, इस क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की राजमार्ग परियोजनाएं चल रही हैं. इन प्रोजेक्ट पर काम कर रही ऐजेंसियों में NHIDCL और सीमा सड़क संगठन (BRO) शामिल हैं. जम्मू और कश्मीर में बीआरओ और लोक निर्माण विभाग 24 से ज्यादा एनएच परियोजनाओं को अमली जामा पहना रहे हैं.
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(अनुवाद: संघप्रिया मौर्या )
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