नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने G-20 के पहले दिन शनिवार को कहा कि यह हमारे लिए हमारी संस्कृति, परंपरा और विरासत को दर्शाने का एक अवसर था. G-20 ने भारत को विश्व के लिए तैयार करने और विश्व को भारत के लिए तैयार करने में योगदान दिया है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि शनिवार को अपनाई गई जी20 नेताओं की शिखर बैठक की घोषणा मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है.
एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने कहा कि घोषणापत्र सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति में तेजी लाने का प्रयास करता है और तदनुसार एक कार्य योजना लेकर आया है.
विदेश मंत्री ने कहा, हमारे लिए यह संतुष्टि की बात है कि अफ्रीकन यूनियन को आज भारत की अध्यक्षता में जी-20 को स्थायी सदस्यता दी गई.
उन्होंने कहा कि हमारी अध्यक्षता का संदेश ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ है. भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 में 20 सदस्य देशों 9 आमंत्रित देशों और 14 अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने हिस्सा लिया.
विदेश मंत्री ने कहा, “आज जिस घोषणा पर सभी लीडर्स सहमत हुए हैं, वह मजबूत टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. यह एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाने का प्रयास करता है और तदनुसार एक कार्य योजना लेकर आया है. यह एक स्थायी भविष्य के लिए हरित विकास समझौते की परिकल्पना करता है, यह स्थायी विकास के लिए जीवनशैली पर उच्च-स्तरीय सिद्धांतों, हाइड्रोजन के स्वैच्छिक सिद्धांतों, एक टिकाऊ लचीली अर्थव्यवस्था के लिए चेन्नई सिद्धांतों और खाद्य सुरक्षा और पोषण पर डेक्कन सिद्धांतों का समर्थन करता है.”
उन्होंने कहा कि हमने सचेत रूप से इस G20 को यथासंभव समावेशी और व्यापक आधार वाला बनाने का प्रयास किया है. यह हमारे लिए विशेष संतुष्टि की बात है कि आज सुबह अफ्रीकी संघ भारत की अध्यक्षता में जी20 का स्थायी सदस्य बन गया है.
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आगे कहा, “सभी लीडर्स ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की और माना कि यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए बहुत बड़े खतरों में से एक है…”
उन्होंने कहा कि भारत का संदेश ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और हम एक भविष्य साझा करते हैं’ है और देश ने जी20 को यथासंभव समावेशी और व्यापक आधार वाला बनाने की पूरी कोशिश की है.”
मंत्री ने कहा कि डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी और समावेशी भूमिका पर प्रकाश डाला गया है.
लीडर्स समिट डिक्लेरेशन
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में घोषणा की थी कि नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन पर सहमति बन गई है. उन्होंने इसे अपनाने की घोषणा की.
सम्मलेन में मौजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बेहतर, बड़े और अधिक प्रभावी बहुपक्षीय विकास बैंक(MDB) की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की गई. बेहतर बड़े और अधिक प्रभावी एमडीबी का होना आवश्यक है क्योंकि दुनिया भर से विकासात्मक मांगें बहुत बढ़ रही हैं, इसलिए इन संस्थानों को बेहतर और बड़ा बनाना होगा.
डिक्लेरेशन पर और जानकारी सांझा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) को G20 वित्तीय समावेशन कार्य योजना (FIAP) में भी एकीकृत किया गया है जो 2024 और 2026 के बीच चलेगा, यह भारतीय राष्ट्रपति पद की एक मजबूत विरासत है.
वित्त मंत्री ने आगे कहा, बहुपक्षीय विकास बैंक(MDB) को मजबूत करने पर G-20 स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह की स्थापना की गई थी और इसने अपना खंड-1 प्रस्तुत किया है. उनकी रिपोर्ट में 2 खंड हैं, पहला खंड पहले ही प्रस्तुत किया जा चुका है. रिपोर्ट एक ट्रिपल एजेंडे की सिफारिश करती है जो बेहतर, बड़े और अधिक प्रभावी MDBs के आह्वान के साथ मेल खाता है…एमडीबी को मजबूत करने का तीसरा बिंदु विश्व बैंक की वित्तपोषण क्षमता को बढ़ाने की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने पर समझौता है.
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