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Thursday, 16 May, 2024
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दिल्ली में इस दिवाली पटाखे फोड़ने, बेचने पर होगी जेल, बैन लगाने के लिए 408 टीमों का गठन होगा

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अनुसार, पिछले साल दिवाली की रात (चार नवंबर को) दिल्ली में आतिशबाजी के कारण पीएम10 और पीएम2.5 सांद्रता में बड़े बदलाव हुए थे.

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नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने इस साल पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही दिल्ली सरकार ने कानून का उल्लंघन करने के मामले में जुर्माना और जेल की सजा की भी घोषणा की.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राय ने कहा, ‘इस वर्ष भी, उत्पादन, बिक्री, भंडारण और पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध है.’ उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में पटाखों की बिक्री या भंडारण पर 5 हजार रुपए का जुर्माना और/या तीन साल की कैद हो सकती है.’

मंत्री ने आगे कहा कि दिवाली से पहले पटाखे फोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने आगे कहा, ‘दीवाली तक पटाखे फोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 268 के तहत, पटाखे फोड़ने वालों के खिलाफ 200 रुपए के जुर्माने और / या 6 महीने की जेल का प्रावधान है.’

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने सितंबर में एक आदेश जारी करके अगले साल एक जनवरी तक सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर फिर से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. पिछले दो साल से इस तरह का प्रतिबंध जारी है.

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राय ने कहा कि 21 अक्टूबर को एक जन-जागरूकता अभियान ‘दीये जलाओ पटाखे नहीं’ शुरू किया जाएगा.

दिल्ली सरकार शुक्रवार को कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में 51 हजार दीये जलाएगी.

राय ने कहा कि प्रतिबंध लागू करने के लिए 408 टीमों का गठन किया गया है.

दिल्ली पुलिस ने सहायक पुलिस आयुक्त के तहत 210 टीमों का गठन किया है, जबकि राजस्व विभाग ने 165 और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 33 टीमें गठित की हैं.

मंत्री ने कहा कि उल्लंघन के 188 मामलों का पता चला है और 16 अक्टूबर तक 2,917 किलोग्राम पटाखे जब्त किए गए हैं.


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पटाखों से बढ़ता प्रदूषण

कम तापमान और हवा की गति जैसे प्रतिकूल मौसम संबंधी कारकों के कारण दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता अक्टूबर में खराब होने लगती है, जो प्रदूषकों के प्रसार की अनुमति नहीं देते हैं.

पटाखों से निकलने वाले उत्सर्जन और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से हवा की गुणवत्ता और खराब होती है.

राय ने कहा, ‘प्रदूषण का स्तर हर साल दिवाली के आसपास बढ़ता है. इसका प्रमुख कारण पटाखे फोड़ना है. पटाखों से निकलने वाला उत्सर्जन विशेष रूप से बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है.’

मंत्री ने कहा, ‘इसलिए, दिल्ली सरकार ने इस साल भी सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. इस प्रतिबंध में पटाखों की ऑनलाइन डिलीवरी भी शामिल है.’

राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि पटाखों पर प्रतिबंध पूरे एनसीआर में सख्ती से लागू किया जाए, ‘क्योंकि पटाखों से निकलने वाला धुआं दिल्ली में भी लोगों को प्रभावित करता है.’

दिल्ली के अलावा, हरियाणा ने पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से संबंधित अपने 14 जिलों में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था, जबकि उत्तर प्रदेश ने दिवाली पर केवल दो घंटे के लिए क्षेत्रों में हरे पटाखों के उपयोग की अनुमति दी थी.

पाबंदियों के बावजूद दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में लोगों ने पिछले साल देर रात तक पटाखे फोड़े थे.

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अनुसार, पिछले साल दिवाली की रात (चार नवंबर को) दिल्ली में आतिशबाजी के कारण पीएम10 और पीएम2.5 सांद्रता में बड़े बदलाव हुए थे.

दिवाली के दिन पटाखे चलाने और पराली जलाने से हुए उत्सर्जन के कारण अगले 24 घंटे के दौरान राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक दिन में 462 हो गया था, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक था.

भाषा के इनपुट के साथ 


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