scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमदेशजगदीश पीयूष ने 1984 में कह दिया था 'अमेठी का डंका बिटिया प्रियंका'

जगदीश पीयूष ने 1984 में कह दिया था ‘अमेठी का डंका बिटिया प्रियंका’

जगदीश पीयूष कहते हैं '1984 में राहुल- प्रियंका छोटे बच्चे थे. तब ‘मुझे वे बच्चे उगते सूरज से दिखे. बहुत आभा थी उनमें. इसलिए हमने ये नारा दे डाला.’

Text Size:

नई दिल्ली: अमेठी का डंका बिटिया प्रियंका, अमेठी का बिगुल बेटा राहुल इन लाइनों को लिखने वाले कवि, लेखक, पत्रकार और कांग्रेस के लंबे समय से समर्थक रहे जगदीश पीयूष आज खुश हैं कि प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में प्रवेश कर रहीं हैं और पूर्वी उत्तर प्रदेश के महासचिव के रूप में 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी सहित सपा-बसपा को भी कड़ी टक्कर देंगी. देश के बड़े बुजुर्ग जिस तरह से पूत के पांव पालने में ही देख लिया करते थे, उसी तरह पीयूष ने भी प्रियंका और राहुल को लेकर भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी.

जगदीश पीयूष याद करते है कि 1984 में राहुल- प्रियंका छोटे बच्चे थे. वे कहते है कि ‘मुझे वे बच्चे उगते सूरज से दिखे. बहुत आभा थी उनमें. इसलिए हमने ये नारा दे डाला.’

वो समय था जब वे खुद कांग्रेस में सक्रिय रूप से जुड़े थे. अमेठी के कसारा गांव में पैदा हुए पियूष याद करते हुए कहते हैं, ’12-13 साल की उम्र में वे गांव-गांव जाकर कांग्रेस का चुनाव प्रचार करते थे.’

वे याद करते हैं कि जब 8 मई 1976 को संजय गांधी अमेठी आए थे, उस समय मैं एक स्थानीय पत्रकार था जो की लीडर नाम के अंग्रेज़ी अखबार के हिंदी संस्करण ‘भारत’ में काम करते थे. बाद में, 1984 से वे ‘अमेठी समाचार’ नामक समाचार पत्र निकाल रहे हैं.

संजय गांधी को याद करते हुए वे कहते हैं ‘उन्होंने अमेठी में श्रमदान शिविर लगाया, देश भर से नौजवान उसमें शामिल होने आए थे. अंबिका सोनी आईं थीं- मेरा सब से परिचय था. नेहरू परिवार के सदस्य मुझे जानते थे. संजय गांधी ने मुझे चुनाव समितियों में रखा, मुझे बहुत मान दिया. मैं रेलवे बोर्ड की हिंदी सलाहकार समिति में भी रहा.’

वे याद करते हैं कि वे गौरीगंज में मीडिया इन्चार्ज थे. मेरे घर से ही कांग्रेस का ऑफिस चलता था. नेहरू परिवार के सब लोग मुझ से परिचित हैं. बाद में राजीव आए. उनसे भी मेरा जुड़ाव हुआ. उन्होंने मुझे रूस के युवा सम्मेलन में भी 1983 में भाग लेने भेजा.

वे कहते है, ‘राहुल और प्रियंका को मैंने 10-12 साल की उम्र से देखा है जब वे अपने पापा के साथ अमेठी आते थे, उछल-कूद करते थे.’

नेहरू परिवार पर 50 किताबें लिख चुके जगदीश पीयूष कहते हैं, ‘प्रियंका के सक्रिय होने से उत्तर प्रदेश की राजनीति ही नहीं पूरे देश में कांग्रेस को नई ऊर्जा मिलेगी. वे कहते हैं, ‘प्रियंका की सबसे बड़ी बात है उनका स्वभाव. उनका सबसे मिलना, मुस्कुरा कर पेश आना, छोटी से छोटी समस्या का निराकरण करना. लोग उन्हें इसलिए बहुत पसंद करते हैं और आगे करेंगे. वे उन्हें अपनी बिटिया जैसी दिखती हैं- बहन की तरह लगती हैं. वे सबसे हंसी मजाक करती है. कभी नीचे स्तर की टिप्पणी नहीं करतीं.’

जगदीश पीयूष को राहुल गांधी में ‘एक दृढ़ निश्चयी’ नेता ऩज़र आते हैं जो ‘सोचते हैं कर के ही मानते हैं, बहादुरी से चुनौती का सामना करते हैं, हिम्मत और मेहनत पर विश्वास करते हैं’.

हमारी बातचीत के दौरान ही उन्होंने एक नारा गढ़ दिया ‘राहुल मेरा भाई है- यहीं कांग्रेस-I है!‘

कांग्रेस समर्थक और कांग्रेस के स्लोगन लिखने, प्रचार करने से इतर 1950 में जन्में जगदीश पीयूष अवधी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए भी काफी काम करते रहे हैं. वे बीस ग्रंथो के संपादक भी रहे हैं. उनका सबसे बड़ा काम कई खंडों में ‘अवधी ग्रंथावली’का संपादन है, उन्हें विश्व हिंदी सम्मान (विश्व हिंदी सम्मेलन, न्यूयॉर्क, अमेरिका), मैथलीशरण गुप्त सम्मान, जायसी सम्मान (उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान) भी मिल चुका है. पर आज उनकी चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि उन्होंने 1984 में प्रियंका और राहुल को लेकर ये लाइन लिखी थी ‘अमेठी का डंका बिटिया प्रियंका, अमेठी का बिगुल बेटा राहुल’.

share & View comments