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Thursday, 21 November, 2024
होमदेशतीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे जगन्नाथ मिश्र का निधन, चारा घोटाले में थे दोषी

तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे जगन्नाथ मिश्र का निधन, चारा घोटाले में थे दोषी

चारा घोटाले में लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा दोनों को सज़ा हुई थी. दोनों को ही सीबीआई की विशेष अदालत ने पांच साल के लिए दोषी करार दिया था.

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नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को निधन हो गया. वो 82 साल के थे. मिश्र के परिजनों के मुताबिक वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका दिल्ली में इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान ही सोमवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांसें ली. डॉ. मिश्र की पहचान बिहार की राजनीति में दिग्गज नेता के रूप में होती थी. बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके मिश्र की बचपन से ही राजनीति में रुचि थी. उन्होंने कॉलेज के प्रोफेसर के रूप में अपना करियर प्रारंभ किया परंतु इसके बाद वे राजनीति में आ गए और कांग्रेस में शामिल हो गए. डॉ. मिश्र केंद्रीय मंत्री का भी दायित्व संभाल चुके थे. वे फिलहाल जनता दल (यू) में थे.

पूर्व सीएम के निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीन दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है. वहीं कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने भी जगन्नाथ मिश्र के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा की वह एक जननायक थे. वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है.

बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री रहे थे जगन्नाथ मिश्र

डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र पहली बार 1975 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे उसके बाद वह 1980 और फिर 1989 से 90 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे. उन्होंने कॉलेज के प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया था और बाद में बिहार विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे. उनके बड़े भाई ललित नारायण मिश्र भी राजनीति में थे और देश के रेल मंत्री भी रहे थे जिसकी वजह से उन्हें राजनीति में बचपन से ही रुचि थी.

मिश्र का नाम बिहार के सबसे चर्चित चारा घोटाले में भी आया था. वे 90 के दशक के बीच केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री भी रहे.

चारा घोटाले में जेल भी गए

30 सितंबर 2013 को रांची में एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो ने चारा घोटाला मामले में 44 अन्य लोगों के साथ उन्हें भी दोषी ठहराया. उन्हें चार साल की कारावास और 200,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. बाद में उन्हें जमानत पर बरी कर दिया गया था. कांग्रेस छोड़ने के बाद, वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और फिर जनता दल (यूनाइटेड) में भी शामिल हुए.

जगन्नाथ मिश्र कांग्रेस के आखिरी मुख्यमंत्री थे. उनके बाद पार्टी राज्य की सत्ता की कमान अपने पास रखने में असफल रही. मिश्र के बाद 1989 में लालू प्रसाद यादव राज्य के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद पिछले 30 सालों से कांग्रेस अपने बलबूते राज्य में सरकार बनाने में असफल रही है. वहीं करीब 15 सालों से नीतीश कुमार राज्य की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.

इसी साल आई थी पुस्तक बिहार बढ़कर रहेगा

जगन्नाथ मिश्र की पिछले दिनों किताब आई थी ‘ बिहार बढ़कर रहेगा’, जिसके बाद बिहार में काफी विवाद हुआ था. राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने उनकी किताब के विमोचन में भाजपा नेता सुशील मोदी के दिखने पर लिखा था, ‘पूर्व सीएम पंडित जगन्नाथ मिश्र जी, कथित चारा घोटाले में कथित सज़ायाफ्ता है. मेदांता में ईलाज के लिए ज़मानत पर थे. घोटाले के याचिकाकर्ता सुशील मोदी सज़ायाफ्ता मिश्र की पुस्तक ‘बिहार बढ़कर रहेगा’ का विमोचन किया था. बेटा भाजपा का उपाध्यक्ष है. बाक़ी सब दलित-पिछड़े चोर हैं. है ना?’

आपको बता दें कि चारा घोटाले में लालू यादव और जगन्नाथ मिश्र दोनों को सज़ा हुई थी. दोनों को ही सीबीआई की विशेष अदालत ने पांच साल के लिए दोषी करार दिया था. लालू यादव रांची की बिरसा मुंडा जेल में सज़ा काट रहे हैं. दिल की बीमारी, मधुमेह की वजह से लालू वहां के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में ईलाज चल रहा है वहीं जगन्नाथ मिश्र ज़मानत पर थे. दोनों ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं. दोनों को चाईबासा कोषागार से फर्जी ढंग से धन निकालने के मामले में विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था. दोनों ही लंबे समय से बीमार चल रहे थे. पर फर्क ये है कि जगन्नाथ मिश्र कैंसर से पीड़ित थे.

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