नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में जेपी नड्डा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. सोमवार शाम हुई इस बैठक में सर्वसम्मति से जेपी नड्डा के नाम की घोषणा की गई. इस बैठक में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज, जेपी नड्डा, थावरचंद गहलोत समेत बोर्ड के कई सदस्य पहुंचे थे.
अमित शाह के पद छोड़ने की इच्छा जताए जाने और लोकसभा में गृहमंत्रालय जैसा अहम पद दिए जाने के बाद से ही जेपी नड्डा का नाम पहले नंबर पर चल रहा था. बता दें कि आगामी छह महीने तक पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ही बने रहेंगे. शाह के मार्गदर्शन में ही जेपी नड्डा अब पार्टी के रोजाना का कामकाज देखेंगे. फैसले की जानकारी देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि बीजेपी संसदीय बोर्ड ने जेपी नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है.
‘एक व्यक्ति, एक पद’ सिद्धांत वाली भाजपा ने अपना अध्यक्ष चुन लिया है. जेपी नड्डा को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सबसे पहले बधाई दी. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा ने कई चुनाव में जीत हासिल की है. यहां तक कि दुबारा सत्ता में आने का श्रेय भी शाह को ही जाता है. सिंह ने आगे कहा कि शाह ने खुद कहा था कि पार्टी की जिम्मेदारी किसी और को दी जानी चाहिए और पार्टी संसदीय बोर्ड ने नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष चुना है.
Rajnath Singh: BJP won several elections under leadership of Amit Shah Ji. But since PM appointed him Home Minister, Amit Shah Ji himself said the responsibility of party president should be given to someone else. BJP Parliamentary board has selected JP Nadda as working president pic.twitter.com/Z7boOluF6O
— ANI (@ANI) June 17, 2019
जे पी नड्डा के अलावा पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव और ओम प्रकाश माथुर का नाम भी चल रहा था. मोदी सरकार में नड्डा को शामिल नहीं किए जाने के बाद से ही यह तय माना जा रहा था कि अगले पार्टी के अध्यक्ष जेपी ही होंगे. पिछली मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे जेपी नड्डा का नाता हिमाचल प्रदेश से है. साफ सुथरी छवि वाले नड्डा को पीएम मोदी का करीबी भी बताया जाता है. वह अपने किशोर काल से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं.
बिहार से गहरा नाता है नड्डा का
भले ही नड्डा का नाता पहाड़ से रहा हो लेकिन उनका जन्म बिहार के पटना में 2 दिसंबर 1960 को हुआ. उनकी शुरुआती पढ़ाई पटना के सेंट जेवियर्स स्कूल से हुई. इसके बाद नड्डा ने पटना विश्वविद्यालय से बीए की शिक्षा ली. इसके बाद उन्होंने हिमाचल यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढाई की. ब्राह्मण समुदाय से आने वाले नड्डा 16 साल की उम्र में छात्र राजनीति में उतरे और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े. जिस समय नड्डा ने छात्र राजनीति में कदम रखा उस वक्त बिहार में स्टूडेंट मूवमेंट का बोलबाला था. 1977 में पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ का चुनाव लड़ा, जीते और सचिव चुने गए.
नड्डा फिलहाल राज्यसभा से सांसद हैं और उनकी नजदीकियां अमित शाह और नरेंद्र मोदी दोनों के साथ है.
हिमाचल से सक्रिय राजनीति में रखा कदम
नड्डा जब हिमाचल एलएलबी करने गए तब वह वहीं के होकर रह गए और उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भी हिमालच से ही की. वह 1993-98, 1998-2003 और 2007-2012 तक तीन बार हिमाचल विधानसभा के सदस्य भी रहे हैं. वह सिर्फ मोदी सरकार में ही स्वास्थ्य मंत्री नहीं रहे हैं बल्कि वह हिमाचल सरकार में भी स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं. 2012 में वह राज्यसभा के लिए चुने गए और 2014 में जब मोदी सरकार देश में आई तब उन्हें हर्ष वर्धन के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया.
नड्डा सिर्फ स्वास्थ्य मंत्री ही नहीं हैं बल्कि उनकी स्पोर्टस् में भी गहरी रूचि रही है. नड्डा ऑल इंडिया जूनियर स्वीमिंग चैंपियनशिप में बिहार का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं. नड्डा दो बच्चों के पिता हैं. 58 वर्षीय नड्डा की पत्नी मल्लिका भी शिक्षा जगत से जुड़ीं हैं और वह हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं.
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