नई दिल्ली: देहरादून में सोमवार को राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर ‘रिस्पॉन्सिबल यूज ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस : रोल ऑफ पब्लिक रिलेशन’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में वक्ताओं ने तकनीक के दौर में मानवीय मूल्यों की अहमियत पर जोर दिया.
कार्यक्रम का आयोजन पीआरएसआई देहरादून चैप्टर द्वारा किया गया.
मुख्य अतिथि महानिदेशक सूचना एवं उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी ने कहा कि एआई का तेजी से विकास हो रहा है, लेकिन उसके इस्तेमाल में मानवता की भावना सर्वोपरि रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कंटेंट निर्माण में एआई उपयोगी है, लेकिन उसमें विचार और अनुभवों का समावेश जरूरी है. एआई से समय की बचत होती है, पर उस समय का उपयोग किस तरह हो, यह सोचने की जरूरत है.
संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय ने कहा कि एआई नई संभावनाओं के साथ चुनौतियां भी लाता है. जनसंपर्क में इसकी भूमिका सहयोगी तक सीमित रहनी चाहिए.
न्यूज़18 के संपादक अनुपम त्रिवेदी ने कहा कि फेक न्यूज़ एआई के गलत उपयोग का बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत संबंध जनसंपर्क की नींव हैं, जो एआई से नहीं बनाए जा सकते.
बदरी-केदार मंदिर समिति के सीईओ विजय थपलियाल ने कहा कि एआई से सब कुछ मिल सकता है, लेकिन भावनाएं नहीं.
तकनीकी विशेषज्ञ आकाश शर्मा ने एआई टूल्स की जानकारी दी और कहा कि एआई जनसंपर्क में सहायक है, विकल्प नहीं.
कार्यक्रम में पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष रवि विजारनिया ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और इसका संचालन अनिल वर्मा ने किया.
इस अवसर पर पी.आर.एस.आई. देहरादून चैप्टर के सचिव अनिल सती, कोषाध्यक्ष सुरेश चन्द्र भट्ट, सदस्य सुधाकर भट्ट, वैभव गोयल, राकेश डोभाल, अजय डबराल, दीपक शर्मा, प्रशांत रावत, ज्योति नेगी, शिवांगी, मनमोहन भट्ट, संजय सिंह, प्रताप सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे.