scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमदेशकर्नाटक में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव के बीच तमिलनाडु का रूख कर रही हैं IT कंपनियां

कर्नाटक में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव के बीच तमिलनाडु का रूख कर रही हैं IT कंपनियां

TN वित्त मंत्री पलानिवेल तियागराजन भी कहते हैं कि IT कंपनियां राज्य में गहरी रूचि दिखा रही हैं, लेकिन वो ये नहीं बताते कि ये कंपनियां कहां से हैं. उनकी सरकार जल्द ही विदेशों में कई निवेशक कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है.

Text Size:

नई दिल्ली: दिप्रिंट को पता चला है कि सिलसिलेवार घटनाक्रमों के बीच, जिनके नतीजे में कर्नाटक में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण हो रहा है, बेंगलुरू स्थित कई सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों ने तमिलनाडु सरकार से संपर्क स्थापित करके अपने व्यवसायों को शिफ्ट करने की इच्छा जताई है.

तमिलनाडु सरकार के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया, कि ‘हाल ही में’ सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों की ओर से आरंभिक पूछताछ शुरू हो गई है, लेकिन कंपनियों ने कर्नाटक से बाहर शिफ्ट होने की अपनी योजना के पीछे कोई कारण नहीं बताया है.

दिप्रिंट के साथ एक इंटरव्यू में, तमिलनाडु वित्त मंत्री पलानिवेल तियागराजन (पीटीआर) ने भी कहा, कि आईटी कंपनियां उनके राज्य में ‘गहरी रूचि’ दिखा रही हैं, और उनमें से बहुत सी कंपनियां तमिलनाडु में अपना ठिकाना बनाना चाहती हैं. लेकिन उन्होंने इसपर कुछ कहने से इनकार कर दिया, कि ये कंपनियां कर्नाटक से हैं या कहीं और से हैं.

उन्होंने दिप्रिंट से कहा, ‘भारी दिलचस्पी है और हम पहले ही दौड़ में हैं. कुछ लोग सक्रियता के साथ हमारे साथ इसे उठा रहे हैं, और हमारी सरकार इसपर काम कर रही है’.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाक़ात, और अपनी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) कार्यालय के उदघाटन के लिए दिल्ली आए पीटीआर ने ये भी कहा, कि तमिलनाडु सरकार जल्द ही कई बाहरी मुल्कों में निवेशक कार्यक्रमों की मेज़बानी करेगी, जिनमें शुरुआत में सिंगापुर, अमेरिका, और युनाइटेड किंग्डम शामिल हैं.

उन्होंने आगे कहा, ‘अगर हम पूंजि निवेश में एक रुपया लगाते हैं, तो उसके बराबर ही विदेशी निवेश चाहते हैं’.

उन्होंने आगे कहा कि उनका राज्य पड़ोसी कर्नाटक में हो रहे घटनाक्रम पर नज़र बनाए हुए है, और ये भी कहा कि ‘हर ख़तरे को गंभीरता से लिया जाना है’.

आईटी कंपनियों के मन में अपने व्यवसायों को कर्नाटक से बाहर ले जाने की इच्छा ऐसे समय पैदा हो रही है, जब राज्य ऐसे कई अभियानों का केंद्र बना हुआ है, जो सांप्रदायिक तनाव को हवा दे रहे हैं, चाहे वो हिजाब विवाद हो, ‘हलाल’ मीट से जुड़ा विवाद हो, कर्नाटक के मंदिर मेलों और त्योहारों में मुसलमानों का बहिष्कार हो, ईसाइयों पर हमले हों, या फिर हिंदू निगरानी समूहों के अंतर-धार्मिक जोड़ों पर हमले हों.

क़रीब एक सप्ताह पहले बायोकॉन लि. की कार्यकारी अध्यक्ष किरन मजूमदार शॉ ने, कर्नाटक मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई से अनुरोध किया कि राज्य में ‘सांप्रदायिक बहिष्कार’ और ‘बढ़ते धार्मिक विभाजन’ का समाधान करें. उन्होंने कहा कि आईटीबीपी (सूचना प्रौद्योगिकी और व्यापार परिवर्तन) क्षेत्र में राज्य का वैश्विक नेतृत्व दांव पर लगा है.

मजूमदार शॉ की टिप्पणियों को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में पसंद नहीं किया गया. बीजेपी के राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया कि ‘किरन शॉ जैसे लोगों को अपने व्यक्तिगत, राजनीतिक रंग में रंगे विचारों को थोपते हुए, और उन्हें आईटीबीपी क्षेत्र में भारत के नेतृत्व से मिलाते देखना दुर्भाग्य की बात है’.

कर्नाटक में, जिसे भारत का ‘आईटी हब’ माना जाता है, दुनिया का चौथा सबसे बड़ा टेक्नॉलजी क्लस्टर है, और यहां बहुत से उद्योग संचालित हो रहे हैं. इनमें ऑटोमोबाइल्स, टेक्सटाइल्स और गार्मेंट्स, बायोटेक्नॉलजी, कृषि उद्योग और हैवी इंजीनियरिंग आदि शामिल हैं. राज्य के अंदर आईटी, बायोटेक्नॉलजी, फूड प्रोसेसिंग, एयरोस्पेस, तथा इंजीनियरिंग के लिए क्षेत्र-विशिष्ट विशेष आर्थिक ज़ोन भी हैं.

इस बीच, तमिलनाडु में भी बहुत से उद्योग स्थित हैं जिनमें ऑटोमोबाइल्स, केमिकल्स और पेट्रो-केमिकल्स, लोहा एवं इस्पात, हैवी इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर, एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग, फिनटेक, एयरोस्पेस, बायोटेक्नॉलजी, टेक्निकल टेक्सटाइल्स, ग्लास व सिरेमिक्स, विद्युत वाहन और बैटरी निर्माण, तथा टेक्सटाइल्स और परिधान शामिल हैं.

विदेशी निवेश की चाहत

तमिलनाडु सरकार सक्रियता के साथ विदेशी निवेश को आकर्षित करने में लगी है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन मार्च में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) गए, जहां उन्होंने छह कंपनियों के साथ 6,100 करोड़ रुपए मूल्य के समझौता ज्ञापनों पर दस्तख़त किए, जिनका लक्ष्य 14,700 नौकरियां पैदा करना है.

यूएई में स्टालिन ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद, मई 2021 में उनके कुर्सी संभालने के बाद से, राज्य ने 124 एमओयू साइन किए थे, जिनसे 8 बिलियन डॉलर का निवेश आकर्षित होगा, और 20,000 लोगों के लिए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे.

जनवरी में, तमिलनाडु को ‘सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य’ घोषित किया गया था, जिसने अप्रैल से दिसंबर 2021 के बीच 1,43,902 करोड़ रुपए के निवेश हासिल किए हैं.

भारत में परियोजना निवेश के एक ऑनलाइन डेटाबेस- प्रोजेक्ट्स टुडे की एक रिपोर्ट में कहा गया, कि तमिलनाडु ने अप्रैल-दिसंबर 2021 की अवधि में 1,07,610 करोड़ रुपए मूल्य के शुद्ध निवेश दर्ज किए थे, जबकि पांच साल पहले इसी अवधि के दौरान, उसने 36,292 करोड़ रुपए के निवेश जुटाए थे.

दूसरे स्थान पर 77,892 करोड़ रुपए के शुद्ध निवेश के साथ गुजरात था, और उसके बाद तेलंगाना था जहां 65,288 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ था.

पेपाल, बैंकबाज़ार जैसी फिनटेक कंपनियों, एथर इनर्जी, एम्पेयर, डीपी ऑटो जैसे ई-वाहन निर्माताओं, और इनफोसिस तथा माइक्रोसॉफ्ट जैसी आईटी कंपनियों ने राज्य में निवेश किया है.

डिस्क्लोज़र: किरन मजूमदार-शॉ दिप्रिंट के प्रतिष्ठित संस्थापक-निवेशकों में से एक हैं. निवेशकों का विवरण जानने के लिए कृपया यहां क्लिक करें.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ेंः एनआईए ने टीआरएफ आतंकवादी भर्ती मामले में जम्मू-कश्मीर में छापेमारी की


 

share & View comments