नई दिल्ली: पिछले एक साल से अधिक समय से विवादों में रहे सीबीआई को आज उसका प्रमुख मिल गया है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने आईपीएस ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का प्रमुख बनाने की घोषणा की है.
ऋषि कुमार मध्य प्रदेश काडर के 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय चयन समिति की पिछले नौ दिनों में दो बार हुई बैठक के बाद जांच एजेंसी के शीर्ष पद के लिए 70 उम्मीदवारों में से की गई है. ऋषि कुमार मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रह चुके हैं.
मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने शुक्ला को पदभार ग्रहण करने की तारीख से दो साल की अवधि के लिए नए सीबीआई निदेशक के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी है. इस समिति में पीएम मोदी के अलावा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हैं.
बता दें कि समिति ने 10 जनवरी को आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया था. हालांकि नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस पर अपनी असहमति जताई थी. लंबे समय से सीबीआई कुर्सी और पावर की लड़ाई के कारण विवादों में है.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था देरी की वजह क्या है
सीबीआई में चल रहे विवाद और पूर्णकालिक निदेशक की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायाधीश नवीन सिन्हा की पीठ ने शुक्रवार को नाराजगी जताते हुए सरकार से कहा था कि सीबीआई निदेशक का पद महत्वपूर्ण होता है, अभी तक नियुक्ति क्यों नहीं की गई है. अंतरिम निदेशक दो-चार दिनों के लिए तो ठीक है, लेकिन लंबे समय के लिए नहीं. अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने अदालत से कहा था कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति नए सीबीआई निदेशक के चयन के लिए शुक्रवार को बैठक करेगी.
आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना विवाद
सीबीआई का निदेशक रहते हुए आलोक वर्मा और सीबीआई के नंबर दो अधिकारी राकेश अस्थाना के बीच आपसी विवाद के खुलकर सामने आने के बाद सरकार ने वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया गया था. आठ जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बहाल करते हुए कहा था कि वे अपना चार्ज संभाल सकते हैं लेकिन कोई महत्वपूर्ण निर्णय नहीं लेंगे. वर्मा के पद संभालने के अगले ही दिन प्रधानमंत्री की अगुआई वाली समिति ने उन्हें फिर से पद से हटा कर उनका तबादला कर दिया. उन्हें अग्निशमन विभाग का डीजी बनाया गया था. उन्होंने यह नया पद संभालने से इनकार करते हुए इस्तीफा दे दिया था. आलोक वर्मा 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्हें राकेश अस्थाना के साथ टकरार सार्वजनिक होने के बाद 23 अक्टूबर को छुट्टी पर भेज दिया गया था.
एम. नागेश्वर राव संभाल रहे थे सीबीआई
सीबीआई के निदेशक पद से आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद अतिरिक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव सीबीआई निदेशक का कार्यभार संभाल रहे थे. राव 1986 बैच के ओडिशा कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं.
(आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)