कोलकाता: अपनी तरह की पहली कार्रवाई में, सोमवार को 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने के साथ ही, पश्चिम बंगाल के सात ज़िलों में इंटरनेट पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लग जाएगा. ये क़दम चीटिंग और प्रश्न पत्रों की लीकेज को रोकने के लिए उठाया जा रहा है.
शनिवार को पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्लूबीबीएसई) के अध्यक्ष कल्याणमॉय गांगुली ने कहा, कि परीक्षा के पहले 100 मिनट में छात्रों को वॉशरूम इस्तेमाल करने की भी अनुमति नहीं होगी.
मुर्शिदाबाद, उत्तर दीनजपुर, माल्दा, कूच बिहार, जलपायगुड़ी, बीरभूम और दार्जीलिंग के हिस्सों में, 7 से 16 मार्च के बीच आठ दिन तक, रोज़ाना क़रीब सात घंटे के लिए (सुबह 11 बजे से दोपहर 3.15 तक) इंटरनेट काट दिया जाएगा.
परीक्षा की तिथियां हैं 7-9, 11,12,14,15 और 16 मार्च.
गांगुली ने कहा, ‘संवेदनशील केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे, और हर केंद्र के बाहर पुलिसकर्मी तैनात करके सुनिश्चित किया जाएगा, कि लिखित परीक्षा के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो. चार कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं’.
एक प्रेस कॉनफ्रेंस को संबोधित करते हुए, उन्होंने 2020 में प्रश्न पत्र के लीक होने के आरोप का भी खंडन किया, और कहा कि ‘प्रश्न पत्र कोड किए हुए थे’. उन्होंने कहा कि 2019 में एक घटना हुई थी, लेकिन लीक हुए परचे को फैलने से रोकने के लिए, अपराधी को तुरंत ही पकड़ लिया गया था.
एक साल के अंतराल के बाद ऑफलाइन परीक्षाएं
पश्चिम बंगाल में 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के लिए, 1,435 केंद्रों पर 11,26,863 छात्र इम्तिहान में बैठेंगे. महामारी की वजह से इस साल परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ा दी गई है.
पिछले साल, कोविड की वजह से पश्चिम बंगाल में, 10वीं कक्षा के लिए बोर्ड परीक्षाएं या माध्यमिक परीक्षाएं ऑफलाइन आयोजित नहीं की गईं थीं.
10.79 लाख छात्रों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था. 2021 में राज्य में 100 प्रतिशत छात्र पास हुए थे, जिनमें से 79 छात्रों के पूरे नंबर आए थे.
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