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बुधवार, 21 मई, 2025
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पूसा में बनेगा अंतर्राष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान केंद्र, किसानों के लिए ऑनलाइन लाइसेंसिंग पोर्टल भी शुरू

राज्य की 15 बंद पड़ी चीनी मिलों में से 8 मिलों की संपत्ति को बियाडा को सौंप दिया गया है. अब इन परिसरों में नए उद्योग लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

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पटना: बिहार के पूसा में अब गन्ना किसानों को वैश्विक स्तर की तकनीकी और वैज्ञानिक मदद मिलने वाली है. राज्य सरकार ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के गन्ना अनुसंधान केंद्र की स्थापना की योजना बनाई है. इसकी जानकारी मंगलवार को गन्ना उद्योग मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने दी. विकास भवन सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि गन्ना किसानों के लिए एक विशेष ऑनलाइन लाइसेंसिंग पोर्टल का शुभारंभ कर दिया गया है.

मंत्री पासवान ने कहा कि पूसा में बनने वाला अनुसंधान केंद्र गन्ना किसानों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि गन्ना की खेती को तकनीक और नवाचार से जोड़ा जाए, ताकि किसान कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकें.”

नए पोर्टल और मोबाइल एप के माध्यम से किसानों को गन्ना खेती से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराई जाएंगी. इनमें उन्नत किस्म के बीज, आधुनिक यंत्रों का उपयोग, मौसमी खाद प्रबंधन, सिंचाई और कचरा प्रबंधन जैसे विषय शामिल हैं.

मंत्री ने कहा, “किस महीने में क्या सावधानी रखनी है, कौन सी बीमारियों पर क्या दवा देनी है—इन सबका पूरा विवरण इस एप पर मिलेगा.”

राज्य की 15 बंद पड़ी चीनी मिलों में से 8 मिलों की संपत्ति को बियाडा को सौंप दिया गया है. अब इन परिसरों में नए उद्योग लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

मंत्री ने कहा कि इससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य भी प्राप्त होगा.

गन्ना उद्योग विभाग का उद्देश्य किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज और आधुनिक यंत्र उपलब्ध कराना है. पासवान ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि किसान लागत घटाएं और उत्पादन बढ़ाएं. इससे उनकी आय दोगुनी हो सकेगी.”

अब गुड़ इकाइयों को चलाने के लिए आवश्यक लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है. इससे किसानों और छोटे उद्यमियों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. पोर्टल के ज़रिए आवेदन, स्वीकृति और दस्तावेज़ीकरण की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध होगी.

विभागीय सचिव बी. कार्तिकेय धनजी ने कहा कि बिहार सरकार गन्ना उत्पादन और इससे जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता है कि किसानों और निवेशकों को सुगम, पारदर्शी और समय पर लाइसेंस मिले, ताकि वे राज्य के आर्थिक विकास में भागीदार बन सकें.”

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