भारतीय नौसेना के कमांडर अभिलाष टोमी अपनी नाव में फंसे हैं जो शुक्रवार को समुद्री तूफ़ान की चपेट में आ गयी थी.
नई दिल्ली : मश्हूर भारतीय नाविक अभिलाष टोमी, जो ऑस्ट्रेलिया के तट से 3500 किलोमीटर दूर फंसे थे , उन्हें बचा लिया गया है. निर्मला सीतारमन ने ट्ववीट करके इस मिशन की सफलता पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए बताया कि अभिलाष होश में हैं और उनकी हालत में सुधार हो रहा है. फिलहाल उन्हें पास के ही एक द्वीप (लिल एम्स्टर्डम ) ले जाया जा रहा है जहाँ से आईएनएस सतपुरा उन्हें इलाज के लिए मॉरीशस ले जाएगा।
A sense of relief to know that naval officer @abhilashtomy is rescued by the French fishing vessel. He's concious and doing okay. The vessel will shift him to a nearby island (I'lle Amsterdam) by evening. INS Satpura will take him to Mauritius for medical attention. @PIB_India
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) September 24, 2018
बचावकर्मी इसलिए भी और चिंतित थे क्योंकि कमांडर अभिलाष टोमी के पास बचे एकमात्र संचार उपकरण की बैटरी जल्द ही खत्म हो सकती थी.
39 वर्षीय टोमी गोल्डन ग्लोब रेस (जीजीआर,जिसमें पूरी दुनिया का चक्कर लगाते हुए 30000 मील का सफर तय करना होता है ) के प्रतिभागी के रूप में अकेले नौकायन कर रहे थे. 2013 में कीर्ति चक्र से सम्मानित कमांडर टोमी अकेले ही धरती का चक्कर लगनेवाले पहले भारतीय हैं .
उनका जहाज़ एसवी थुरिया, दक्षिणी हिंद महासागर में,तट से काफी अंदर फंस गया था. तूफ़ान ने एसवी थुरिया का मस्तूल तोड़ने के साथ साथ दो अन्य प्रतिभागियों की नावों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था. नवीनतम रिपोर्टों के मुताबिक इलाके में अभी भी 14 मीटर ऊंची लहरें देखी जा सकती हैं. 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से चल रही हवाओं और घने बादलों से ढके आसमान की वजह से बचाव की कोशिशें विफल हो रही थीं.
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कैसे हुआ रिस्क्यु
टोमी की लोकेशन के बारे में बताते हुए रेस के आयोजकों ने कहा कि वे “मदद से इतनी दूर हैं जितना आप संभवतः हो सकते हैं. ”
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने दिप्रिंट को बताया कि टोमी तक मदद पहुँचने में अभी कुछ घंटे और हैं.
कुछ रिपोर्टों के मुताबिक ओसाइरिस आज कमांडर टोमी तक पहुंचेगा और बाद में उन्हें ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के एचएमएएस बैलेराट युद्धपोत में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जो उनकी दिशा में पर्थ से निकल चुका है.
इससे पहले, भारतीय नौसेना के एक बयान में कहा गया था कि टोमी की लोकेशन पर्थ, ऑस्ट्रेलिया से लगभग 1,900 समुद्री मील (3,500 किमी से अधिक) और केप कोमोरिन (कन्याकुमारी) से 2,700 समुद्री मील (लगभग 5,000 किमी) थी.
पिछले दो दिनों में, भारतीय नौसेना ने एक ख़ुफ़िया जहाज़ , तेल टैंकर आईएनएस ज्योति और बचाव मिशन के लिए बोइंग पी -8i विमान के साथ आईएनएस सतपुरा को तैनात किया है.
बचाव मिशन को भारतीय नौसेना, कैनबरा में ऑस्ट्रेलियाई बचाव समन्वय केंद्र , ऑस्ट्रेलियाई रक्षा विभाग सहित अन्य एजेंसियों द्वारा द्वारा समन्वयित किया जा रहा है.
कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, टोमी ने रविवार को टेक्स्ट सन्देश के माध्यम से फ्रांस में रेस आयोजकों से संपर्क किया और एक स्ट्रेचर के लिए अनुरोध किया. आशंका है कि वे अपने बंक में बंद हैं भोजन तक पहुंचने में असमर्थ हैं. उनके पास सैटेलाइट फोन थे जिनमें से एक नष्ट हो चुका है और दूसरा पहुँच से बाहर है.
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जल्द ही हालात काबू से बाहर जा सकते हैं
कुछ रिपोर्टों का दावा है कि उनकी आपातकालीन टेक्स्टिंग यूनिट की बैटरी भी ख़त्म होने के कगार पर है. यदि बाह्य ट्रैकिंग इकाई भी बंद हो जाती है तो उनकी स्थिति का पता लगाना एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है.
मॉरीशस से निकलने के बाद, पी -8i टोमी के साथ इमरजेंसी पोज़ीशन इंडिकेटिंग रेडियो बीकन के माध्यम से संपर्क स्थापित करने में सफल रहा है.
दौड़ में शामिल 11 प्रतिभागियों में टोमी तीसरे स्थान पर थे. 1 जुलाई को दौड़ शुरू होने के बाद से 84 दिनों में उन्होंने 10,500 समुद्री मील (करीब 20,000 किमी) की दूरी तय की थी.
ऑस्ट्रेलियाई बेड़े के कमांडर रियर एडमिरल जोनाथन डैलस मीड ने कहा है कि ऐसी खतरनाक स्थिति में टोमी तक पहुंचने में कुछ समय लगेगा. दिल्ली के नेशनल डिफेंस कॉलेज के पूर्व छात्र रहे मीड ने अपने सहपाठियों को भेजे एक सन्देश में भरोसा दिलाते हुए कहा था , “हम आपके आदमी को ढूंढ लेंगे.”
टोमी को भारतीय नौसेना की कार्यकारी शाखा में कमीशन किया गया था, और उन्होंने नौसेना में पायलट बनने का विकल्प चुना था.
Read in English : https://theprint.in/security/indian-navy-in-desperate-hunt-to-find-badly-injured-sailor-far-away-from-help-at-sea/123379/