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Friday, 1 November, 2024
होमदेशबड़े पैमाने पर पीपीई और वेंटिलेटर्स बना रही हैं भारतीय कंपनियां, मोदी सरकार देगी निर्यात की अनुमति

बड़े पैमाने पर पीपीई और वेंटिलेटर्स बना रही हैं भारतीय कंपनियां, मोदी सरकार देगी निर्यात की अनुमति

ज्ञात हुआ है कि सरकार एक प्रस्ताव पर काम कर रही है, जिसके तहत पीपीई और वेंटिलेटर्स निर्माताओं को अनुमति दी जाएगी कि घरेलू मांग को ध्यान में रखकर, वो अतिरिक्त उपकरण निर्यात कर सकते हैं.

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नई दिल्ली: दिप्रिंट को ज्ञात हुआ है कि मोदी सरकार जल्द ही कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में दो अहम चीज़ों, निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) और वेंटिलेटर्स के निर्यात की अनुमति दे सकती है.

पिछले कुछ महीनों में, जब से कोविड-19 को पहली बार एक मज़बूत ख़तरे के रूप में पहचाना गया था, मोदी सरकार ने निजी उधमियों के साथ मिलकर भारत की पीपीई किट्स और वेंटिलेटर्स बनाने की क्षमता को बढ़ाया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में फिलहाल हर रोज़ तक़रीबन 6 लाख निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट्स और लगभग 1000 वेंटिलेटर्स बनाए जा रहे हैं.

दो सूत्रों के मुताबिक़ सरकार अब एक प्रस्ताव पर काम कर रही है. जिसके तहत पीपीई और वेंटिलेटर्स निर्माताओं को अनुमति दी जाएगी कि घरेलू मांग को ध्यान में रखकर वो अतिरिक्त उपकरण निर्यात कर सकते हैं.

एक सीनियर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया, ‘पीपीई किट निर्माताओं ने हमें सूचित किया कि उन्हें बहुत से देशों से ऑर्डर्स मिल रहे हैं, जिनमें अमेरिका, यूके, नाइजीरिया, जर्मनी, स्पेन, रूस और यूगांडा शामिल हैं.’

ऑफिसर ने आगे कहा, ‘कई मंत्रालय, जिनमें वाणिज्य, स्वास्थ्य और सशक्त ग्रुप 3 शामिल हैं, निर्यात की अनुमति के प्रस्ताव के मसौदे पर काम कर रहे हैं.’

सशक्त ग्रुप 3 उच्च-स्तर के उन पैनल्स में से है, जो सरकार ने महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई को, सहारा देने के लिए बनाए थे.

गृह मंत्रालय के एक आदेश से शुरू हुआ ये ग्रुप, आवश्यक मेडिकल उपकरणों जैसे पीपीई किट्स, मास्क, ग्लव्ज़ और वेंटिलेटर्स आदि की, उपलब्धता सुनिश्चित करता है और इससे जुड़े हर पहलू, जैसे उत्पादन और ख़रीद से लेकर आयात और वितरण की निगरानी करता है.

‘निर्यात की बढ़ती लिस्ट’

फरवरी से पहले भारत में केवल 20 पीपीई निर्माता थे. लेकिन ये संख्या अब बढ़कर 600 हो गई है. इसी तरह, वेंटिलेटर्स निर्माताओं की संख्या भी फरवरी के 8 से बढ़कर 50 पहुंच गई है.

सशक्त ग्रुप 3 इन चीज़ों के घरेलू उत्पादन की अगुवाई ‘मेक इन इंडिया’ पहले के तहत कर रहा है, जो घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है.

इस ग्रुप में कपड़ा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अलावा, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइज़ेशन, प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट सेक्रिटेरिएट के शीर्ष अधिकारी शामिल होते हैं.


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अभी तक, कोविड-19 से जुड़े भारतीय निर्यात में बुनियादी तौर पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और पैरासिटेमॉल शामिल थीं. पहली वाली का निर्यात इलाज के तौर पर हो रहा है, जबकि दूसरी का इस्तेमाल बुख़ार और शरीर में अकड़ाहट जैसे, कोविड-19 के लक्षणों के लिए किया गया है.

ऊपर हवाला दिए गए दोनों सूत्रों ने बताया कि ये लिस्ट लम्बी होती रहेगी क्योंकि भारत कोविड संबंधी विभिन्न उपकरणों का उत्पादन करने में आत्म-निर्भरता हासिल कर रहा है.

दूसरे सूत्र ने, जो सशक्त समिति का हिस्सा हैं  बताया, ‘हमने सुझाव दिया है कि पहले पीपीई किट्स के निर्यात की अनुमति देनी चाहिए उसके बाद वेंटिलेटर्स, मास्क, और बाद में रीजेंट्स और स्वॉब (दोनों चीज़ें जांच प्रक्रिया में प्रयोग होती हैं) के साथ आरटी-पीसीआर (टेस्टिंग) किट्स, और दूसरी चीज़ों के.’

लेकिन, ऑफिसर ने कहा कि निर्यात की अनुमति घरेलू मांग और उपलब्धता को देखकर ही दी जाएगी. उन्होंने आगे कहा, अगर भारत में ज़रूरत बढ़ जाती है, तो निर्यात पर किसी भी समय पाबंदी लगाई जा सकती है.

ऑर्डर्स मिलने शुरू

मई में, सशक्त ग्रुप ने वेंटिलेटर्स के लोकल निर्माताओं की पहचान करके, उन्हें ऑर्डर्स दिए थे.

अधिकारी ने कहा, ‘दिए गए ऑर्डर्स के वेंटिलेटर्स हमें मिलने शुरू हो गए हैं. 10,000 वेंटिलेटर्स की पहली खेप आ गई है, जिसे हम अब राज्यों को आवंटित कर रहे हैं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘पहले के दिए हुए इंपोर्ट ऑर्डर्स भी आने शुरू हो गए हैं.’

ऑफिसर ने कहा, ‘लेकिन भारत में अस्पतालों में वेंटिलेटर्स का इस्तेमाल उतना ज़्यादा नहीं हो रहा जितनी अपेक्षा थी. मरीज़ों को ऑक्सीजन थिरेपी से अच्छा फायदा हो रहा है.’

अधिकारी ने जिस पहली खेप का हवाला दिया था वो घरेलू निर्माता भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (हेल्थकेयर कम्पनी स्कैनरे के सहयोग से) और एगवा (मारुति उधोग के सहयोग से) से आनी शुरू हो गई है. इन दोनों से 40,000 वेंटिलेटर्स उपलब्ध कराने को कहा गया है.

क़रीब 94 वेंटिलेटर निर्माताओं ने मार्च में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी टेण्डर के लिए भी आवेदन दिया था. सशक्त ग्रुप के अधिकारी ने कहा, ‘घरेलू मांग को पूरा करने के लिए मंत्रालय ने एक निर्माता का चयन किया है, जिसकी उत्पादन क्षमता बहुत अधिक है. अन्य निर्माता अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं और यदि किसी समय निर्यात की इजाज़त दी जाती है, तो प्रदर्शन के आधार पर इन्हें प्रमाणित किया जाएगा.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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