नई दिल्ली : विरोधी चीन और पाकिस्तान की ऑनलाइन तरीके से भारत को टारगेट करने की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारतीय सेना ने इन खतरों और चुनौतियों के मुकाबले के लिए साइबर लड़ाई इनीशिएटिव्स के तहत नई स्पेशलिस्ट यूनिट्स खड़ी कर रही है.
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे की अध्यक्षता में इस महीने के तीसरे सप्ताह में आयोजित सेना कमांडरों के सम्मेलन के दौरान यह निर्णय लिया गया.
सरकार के सूत्रों ने बताया कि, ‘इस खास डोमेन में संचार नेटवर्क की सुरक्षा और तैयारियों के स्तर को बढ़ाने के लिए भारतीय सेना में कमांड साइबर ऑपरेशंस एंड सपोर्ट विंग्स (CCOSW) को खड़ा किया जा रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘साइबरस्पेस, ग्रे जोन युद्ध के साथ-साथ पारंपरिक ऑपरेशनों दोनों में सैन्य डोमेन के एक महत्वपूर्ण घटक के तौर पर उभरा है.’
इस तरह की स्पेशलिस्ट यूनिट्स के महत्व और जरूरत को रेखांकित करते हुए सूत्र ने कहा कि हमारे विरोधियों द्वारा साइबर लड़ाई की क्षमताओं के विस्तार ने साइबर डोमेन को पहले से कहीं अधिक प्रतिस्पर्धी बना दिया है.
उन्होंने कहा, ‘भारतीय सेना आज तेजी से नेट सेंट्रिसिटी की ओर बढ़ रही है, जो सभी स्तरों पर आधुनिक संचार प्रणालियों पर बढ़ती निर्भरता को अहमियत देता है.’
इन नई यूनिट्स की भूमिका के बारे में बात करते हुए कहा, ‘ये संगठन मैनडेटेड साइबर सिक्योरिटी कामों को करने के लिए भारतीय सेना की साइबर सुरक्षा को बढ़ाने में मदद करेंगे.’
पिछले कुछ सालों में, सेना ने वर्चुअल हनी ट्रैपिंग और हैकिंग के रूप में विरोधियों की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए कई कदम उठाए हैं.
यह डिफेंस साइबर एजेंसी इन मुद्दों से निपटने के लिए तीनों स्तर पर काम कर रही है.
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