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Saturday, 21 December, 2024
होमदेशनहीं मिल रहा लापता विमान का सुराग, एएन-32 खोजने वाले को 5 लाख रुपये देगी वायु सेना

नहीं मिल रहा लापता विमान का सुराग, एएन-32 खोजने वाले को 5 लाख रुपये देगी वायु सेना

लापता विमान को ढूंढने के लिए भारतीय वायु सेना अपने सभी संसाधानों का इस्तेमाल कर रही है. वे इस काम के लिए सेना, अरुणाचल प्रदेश सिविल अथॉरिटी और अन्य राष्ट्रीय एजेंसियों की भी मदद ले रही है.

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नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना ने बीते सोमवार से लापता विमान एएन-32 के बारे में सही सूचना देने वाले को 5 लाख रुपये का इनाम देनी की घोषणा की है. 6 दिनों से लापता चल रहे विमान की खोजबीन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) संगठन सहित सभी जांच एजेंसियां जुटी हई हैं. इसी बीच एओसी इन-सी-पूर्वी वायु कमान और एयर मार्शल आरडी माथुर ने एक विज्ञप्ति जारी कर लापता विमान के बारे में सही सूचना देने वाले व्यक्ति या समूह को 5 लाख रुपये देने का एलान कर दिया है.

उन्होंने फोन नंबर उपलब्ध कराते हुए बताया कि सूचना देने वाला व्यक्ति लैंडलाइन नंबर 03783222164 या फिर मोबाइल नंबर 9436499477/ 9402077267/ 9402132477 पर संपर्क कर सकता है.

विमान ढ़ूढ़ने का हरसंभव प्रयास कर रही है आईएएफ

विमान एएन-32 में 13 लोग सवार थे. अधिकारियों ने लापता विमान का सुराग लगाने के लिए नौसेना के पी-8आई विमान की तैनाती की है. लापता विमान एएन-32 को ढ़ूढ़ने के लिए भारतीय वायु सेना अपने सभी संसधानों का इस्तेमाल कर रही है. वे इस काम के लिए सेना, अरुणाचल प्रदेश सिविल अथॉरिटी और अन्य राष्ट्रीय एजेंसियों की भी मदद ले रही है.

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता व विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने कहा कि सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस व कई सरकारी व नागरिक एजेंसियों द्वारा तलाशी की जा रही है. हालांकि, उन्होंने कहा कि विमान या उसके मलबे का कोई संकेत नहीं है.

रत्नाकर सिंह ने कहा कि मंगलवार को नौसेना के लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान पी-8आई ने तमिलनाडु के आईएनएस राजली से खोज और बचाव अभियान में शामिल होने के लिए उड़ान भरा. नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि पी-8आई समुद्री टोही, पनडुब्बी रोधी अभियानों और इलेक्ट्रॉनिक खुफिया अभियानों के लिए सेंसर से लैस है.

नौसेना के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘पी-8आई विमान में बहुत शक्तिशाली सिंथेटिक एपर्चर रडार है, जिसका इस्तेमाल लापता विमान का पता लगाने के लिए एसएआर स्वीप के दौरान किया जाएगा.’ लापता विमान की खोजबीन के लिए सोमवार को भारतीय वायु सेना के सी-130, एएन-32 विमान, भारतीय वायुसेना के दो एमआई-17 और भारतीय सेना के एएलएच हेलीकॉप्टरों को लगाया गया.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भी उपग्रहों की मदद से बचावकर्ताओं को सहयोग कर रहा है.

शनिवार को वायु सेना के चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने जोरहाट एयर फोर्स स्टेशन पर चल रहे खोजबीन और बचाव मिशन की समीक्षा की. वे गुमशुदा हुए लोगों के परिवारों से मिले और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.
ज्ञात हो कि एएन-32 विमान ने सोमवार दोपहर 12.25 मिनट पर असम के जोरहाट से उड़ान भरी थी और महज 35 मिनट के अंदर उससे संपर्क टूट गया. ग्राउंड स्टाफ ने दोपहर करीब 1 बजे आखिरी बार विमान से संपर्क किया था.


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राजनाथ सिंह ने किया था ट्वीट

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी सियाचीन यात्रा के दौरान ट्वीट किया, ‘लापता विमान एएन-32 को लेकर मैंने वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल राकेश सिंह भदौरिया से बात की. उन्होंने लापता विमान का पता लगाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में मुझे जानकारी दी. मैं विमान में सवार सभी यात्रियों की सुरक्षित होने के लिए प्रार्थना करता हूं.’

राजनाथ सिंह ने वायुसेना के वाइस चीफ से इस बाबत बात की है. मिसिंग एयरक्राफ्ट से जुड़ी सूचना केंद्रीय मंत्री को दे दी गई है और विमान की खोज के लिए क्या कदम उठाए गए हैं उसकी सूचना भी केंद्रीय मंत्री को दे दी गई है.

एएन-32 1980 में भारतीय वायुसेना में हुआ था शामिल

एएन-32 रूस में निर्मित मालवाहक यान है और यह सभी यान समय समय पर अपग्रेड किए जा रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक जो यान गायब हुआ है वह अपग्रेड वर्जन नहीं है. एएन-32 का इस्तेमाल वायुसेना में 1980 में शामिल किया गया था. इस विमान का उपयोग वायुसेना कम और मध्यम दूरी के सैन्य साजो सामान पहुंचाने में और आपदा के दौरान करती है.

तीन साल पहले भी हुआ था दुर्घटनाग्रस्त

वायुसेना का एएन-32 विमान तीन साल पहले 22 जुलाई, 2016 को हादसे का शिकार हो गया था. उस समय इस यान में 29 लोग सवार थे. तब यह विमान चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर जा रहा था. तब यह विमान बंगाल की खाड़ी पर उड़ान के दौरान यह विमान लापता हो गया था.

(आईएएनएस इनपुट्स के साथ)

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