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Sunday, 3 November, 2024
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41 साल बाद हॉकी टीम को मिला पदक,जर्मनी को हराकर भारत ने ब्रॉन्ज मेडल जीता

आठ बार की ओलंपिक चैंपियन और दुनिया की तीसरे नंबर की भारतीय टीम एक समय 1-3 से पिछड़ रही थी लेकिन दबाव से उबरकर आठ मिनट में चार गोल दागकर जीत दर्ज करने में सफल रही.

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नई दिल्ली : भारत की पुरुष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल के प्ले आफ मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराकर टोक्यो
ओलंपिक का ब्रॉन्ज मेडल जीता. भारत 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीतने में सफल रहा.

सिमरनजीत सिंह के दो गोल की बदौलत भारत ने दो बार पिछड़ने के बाद जोरदार वापसी करते हुए गुरुवार को  रोमांच की पराकाष्ठा पर पहुंचे ब्रॉन्ज मेडल के प्ले ऑफ मुकाबले में ये जीत हासिल की है.

इस जीत के साथ देश में खुशी की लहर दौड़ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खिलाड़ियों को बधाई दी है और पूरी हॉकी टीम पर भारत को गर्व होने की बात भी कही है. पीएम ने ट्वीट किया, ‘ऐतिहासिक! एक ऐसा दिन जो हर भारतीय की याद रखेगा.’

‘ब्रॉन्ज मेडल जीतने के लिए हमारी पुरुष हॉकी टीम को बधाई. इस उपलब्धि के साथ, उन्होंने पूरे देश, खासकर हमारे युवाओं के दिलोदिमाग पर जगह बना ली है. भारत को अपनी हॉकी टीम पर गर्व है.’

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी टीम को इस ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई दी है. राष्ट्रपति ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल पर लिखा, ‘हमारी पुरुष हॉकी टीम को 41 साल बाद हॉकी में ओलंपिक पदक जीतने के लिए बधाई. टीम ने इस मेडल को जीतने के लिए असाधारण कौशल, लचीलापन और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया है. यह ऐतिहासिक जीत हॉकी में एक नए युग की शुरुआत करेगी और युवाओं को खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी.’

वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी टीम को बधाई देते हुए कहा है ‘भारतीय पुरुष हॉकी टीम को बधाई. यह एक बड़ा क्षण है- आपकी उपलब्धि पर पूरे देश को गर्व है.’

दबाव से आठ मिनट बाद उबरी और जीतकर ही दम लिया

आठ बार की ओलंपिक चैंपियन और दुनिया की तीसरे नंबर की भारतीय टीम एक समय 1-3 से पिछड़ रही थी लेकिन दबाव से उबरकर आठ मिनट में चार गोल दागकर जीत दर्ज करने में सफल रही. भारत के लिए सिमरनजीत सिंह (17वें मिनट और 34वें मिनट) ने दो जबकि हार्दिक सिंह (27वें मिनट), हरमनप्रीत सिंह (29वें मिनट) और रूपिंदर पाल सिंह ने एक-एक गोल किया.

दुनिया की चौथे नंबर की टीम जर्मनी की ओर से तिमूर ओरूज (दूसरे मिनट), निकलास वेलेन (24वें मिनट), बेनेडिक्ट फुर्क (25वें मिनट) और लुकास विंडफेडर (48वें मिनट) ने गोल दागे.

मध्यांतर तक दोनों टीमें 3-3 से बराबर थी.

भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन ने ना सिर्फ ब्रॉन्ज मेडल जीता बल्कि सभी का दिल भी जीतने में सफल रही. आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे ग्रुप मैच में 1-7 की करारी हार के बावजूद भारतीय टीम अपने बाकी चारों ग्रुप मैच जीतकर दूसरे स्थान पर रही. टीम को सेमीफाइनल में विश्व चैंपियन बेल्जियम को शुरुआती तीन क्वार्टर में कड़ी चुनौती देने के बावजूद 2-5 से हार झेलनी पड़ी.

भारतीय टीम 1980 मास्को ओलंपिक में अपने आठ स्वर्ण पदक में से आखिरी पदक जीतने के 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीती है.


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