नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ने मंगलवार को हरियाणा में गुरुग्राम के कादरपुर स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 80वें स्थापना दिवस पर कहा कि देश के नेता किसी भी आतंकी हमले से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. डोवाल ने यह भी कहा कि देश पुलवामा हमले में मारे गए 40 जवानों की शहादत को नहीं भूलेगा. उन्होंने इस दौरान 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए फिदायीन हमले में मारे गए जवानों को श्रद्धाजंलि भी दी. उन्होंने कहा कि जवानों का यह बलिदान देश भूला नहीं है और कभी भूलेगा भी नहीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले डोवाल ने कहा कि पाकिस्तान स्थित बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर पर हमला कराए जाने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्लानिंग थी.
हमें क्या करना है? हमें किस तरह से करना है, हमारा ध्येय क्या होना चाहिए और समय क्या होना चाहिए इसका निर्णय लेने में हमारे नेता सक्षम हैं और उनमें माद्दा है कि वह यह कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि देश तैयार है इस तरह की चुनौतियां सामना करने में और उसका जवाब देने में. सीआरपीएफ के जवानों को श्रद्धाजंलि देते हुए कहा कि यह बहुत ही दुखद घटना है, इस घटना के समय पूरा देश जवान के परिवारवालों के साथ है.
डोवाल ने जवानों से कहा कि पीछे मुड़ कर और चिंता करने की जरूरत नहीं है. आपको अपना प्रोफेशनलिज्म, क्रेडिबिलिटी ट्रेनिंग और शारीरिक मजबूती बढ़ाने की जरूरत है. डोवाल ने कहा कि अगर आपका आत्मविश्वास ऊंचा है तो देश का भविष्य सुरक्षित है.
डोवाल ने सीआरपीएफ के योगदान को बेहद महत्वपूर्ण बताया और कहा कि जब भी हमारी बैठकें होती हैं. चर्चा होती है कि किस बल को भेजा जाना चाहिए, कितनी बटालियनों को भेजें, तब हम कहते हैं कि सीआरपीएफ को भेजा जाए, यह एक विश्वसनीय बल है, हम उन पर पूरी तरह भरोसा कर सकते हैं. इस तरह की विश्वसनीयता हासिल करने में सालों लग जाते हैं.
सीआरपीएफ में फिलहाल तीन लाख सुरक्षा बल हैं. इसका गठन 1939 में ब्रिटिश शासन के दौरान क्राउन रिप्रजेंटेटिव पुलिस के तौर पर हुआ था.