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Tuesday, 5 November, 2024
होमदेशकैमरों के बीच कराई गई पाकिस्तानी जेल में कुलभूषण की भारतीय कांसुलर से मुलाकात, भारत ने कहा- तनाव में दिखे जाधव

कैमरों के बीच कराई गई पाकिस्तानी जेल में कुलभूषण की भारतीय कांसुलर से मुलाकात, भारत ने कहा- तनाव में दिखे जाधव

पाकिस्तान कह रहा है भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को गुरुवार को कॉनंसुलर एक्सेस दिया गया और इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों को बेरोक-टोक और निर्बाध संपर्क कराया गया है.

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नई दिल्ली/ इस्लामाबाद: पाकिस्तानी जेल में बंद कुलभूषण जाधव मामले में एक बार फिर भारत और पाकिस्तान आमने सामने है. पाकिस्तान कह रहा है भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को गुरुवार को कॉनंसुलर एक्सेस दिया गया और यह एक्सेस इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों को बेरोक-टोक और निर्बाध संपर्क कराया गया है. जिसका भारतीय विदेश मंत्रालय ने सिरे से खंडन कर दिया है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारतीय अधिकारियों को जाधव से मिलने के लिए बिना शर्त प्रवेश नहीं दिया गया.यही नहीं भारतीय अधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी अधिकारी उनके काफी करीब मौजूद रहे.’

मंत्रालय ने कहा, ‘भारतीय अधिकारियों द्वारा बार-बार आपत्ती जताने के बाद भी पाकिस्तानी अधिकारी वहां से नहीं हटे. विदेश मंत्री ने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी कुलभूषण जाधव के परिवार को भी दी है.’

विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा है कि मुलाकात के स्थान पर लगे दिख रहे कैमरे से यह भी स्पष्ट होता है कि जाधव और भारतीय अधिकारियों के साथ हो रही बातचीत को रिकॉर्ड किया जा रहा था.

एमईए ने अपने बयान में यह भी कहा है मुलाकात के दौरान  कुलभूषण जाधव ने अधिकारियों को साफ संदेश दिया कि वह तनाव में हैं. मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से की गई व्यवस्थाओं ने एक मुक्त संवाद की अनुमति नहीं दी.

मंत्रालय ने कहा कि आज की मुलाकात के लिए उपलब्ध कराई गई राजनयिक पहुंच न तो सार्थक थी और न ही विश्वसनीय थी. विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान के इस रवैये का पुरजोर विरोध किया और बाद वहां से चले गए.

मंत्रालय ने कहा कि यह साफ है कि इस मामले में पाकिस्तान का रुख समस्या पैदा करने वाला और असंवेदनशील है.

पाकिस्तान ने यहां एक सैन्य अदालत द्वारा जाधव को दोषी करार दिये जाने के खिलाफ एक अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर किये जाने की समय सीमा समाप्त होने से महज कुछ दिन पहले यह कदम उठाया.

दूसरी मुलाकात की मंजूरी दी

पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि जाधव को मुहैया कराया गया यह दूसरा राजनयिक संपर्क है. पहला राजनयिक संपर्क दो सितंबर 2019 को मुहैया कराया गया था.

पिछले हफ्ते पाकिस्तान के अतिरिक्त महान्यायवादी अहमद इरफान ने कहा था कि 17 जून 2020 को जाधव को अपनी सजा एवं दोषसिद्धि के खिलाफ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक अपील दायर करने की पेशकश की गई थी.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने 20 मई को एक अध्यादेश जारी किया , ताकि भारत सरकार, जाधव या उनके कानूनी प्रतिनिधि 60 दिनों के अंदर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक पुनर्विचार याचिका दायर कर सकें.

हालांकि, नयी दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय ने इरफान के दावे को पिछले चार साल से खेला जा रहा खेल करार देते हुए खारिज कर दिया.

मंत्रालय ने इस बात का जिक्र किया कि जाधव को एक हास्यास्पद मुकदमे के जरिये सजा सुनाई गई, ताकि वह अपने मामले में पुनर्विचार याचिका नहीं दायर करने को मजबूर हो जाएं.

मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने जाधव को आईसीजे के फैसले का क्रियान्वयन कराने के अपने अधिकारों को छोड़ने के लिये मजबूर किया.

2017 में सुनाई थी मौत की सजा- भारत पहुंचा था आईसीजे

जाधव (50) भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. उन्हें जासूसी एवं आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी. इसके कुछ ही हफ्तों बाद, भारत ने जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया नहीं किये जाने के खिलाफ और उनकी मौत की सजा को चुनौती देने के लिये हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का रुख किया.

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि एवं सजा की प्रभावी समीक्षा करनी होगी और पुनर्विचार करना होगा, साथ ही बगैर किसी देर के भारत को राजनयिक स्तर पर उनसे संपर्क करने की भी इजाजत दी जाए.

बयान में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जाधव की मां और पत्नी को 25 दिसंबर 2017 में उनसे मिलने की अनुमति दी गई थी.

बयान में कहा गया है, ‘पाकिस्तान आईसीजे के 17 जुलाई 2019 के फैसले का पूरी तरह से क्रियान्वयन करने के लिए प्रतिबद्ध है. उसे उम्मीद है कि भारत इस फैसले को पूर्ण रूप से प्रभावी बनाने में पाकिस्तानी अदालत का सहयोग करेगा.’

पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा कर्मियों ने जाधव को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से तीन मार्च 2016 को गिरफ्तार किया था. उन्होंने वहां कथित तौर पर ईरान से लगी सीमा से प्रवेश किया था.

हालांकि, भारत यह कहता आ रहा है कि जाधव का ईरान से अपहरण कर लिया गया, जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गये थे.

 

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