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Thursday, 28 March, 2024
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भारत ने अल्पसंख्यकों की स्थिति पर अमेरिकी रिपोर्ट खारिज की, बताया दखलंदाजी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने जोर देकर कहा कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है जहां अल्पसंख्यकों समेत इसके सभी नागरिकों के मौलिक अधिकार संविधान के अंतर्गत सुरक्षित हैं.

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नई दिल्ली: भारत ने रविवार को अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट खारिज कर दी जिसमें यहां अल्पसंख्यकों की स्थिति के बारे में कुछ आलोचनात्मक टिप्पणियां की गई हैं. भारत ने इस संबंध में कहा कि किसी को हमारे नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों की स्थिति पर हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है. अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा प्रकाशित नवीनतम ‘रिपोर्ट ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम’ को लेकर एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने जोर देकर कहा कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है जहां अल्पसंख्यकों समेत इसके सभी नागरिकों के मौलिक अधिकार संविधान के अंतर्गत सुरक्षित हैं.

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा रिपोर्ट पूर्वाग्रह से ग्रसित

भारत के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता 2018 पर अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट को भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए ‘पक्षपातपूर्ण’ कहकर खारिज कर दिया.
नकवी ने एएनआई को बताया, ‘धार्मिक स्वतंत्रता भारत के डीएनए में है और हमें किसी से प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है. यह रिपोर्ट जमीनी हकीकत और पूर्वाग्रह से दूर है.’ उन्होंने कहा कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता मजबूत है और यह दुनिया का एकमात्र देश है जहां हर धर्म और आस्था के लोग सौहार्दपूर्ण वातावरण में रहते हैं.

उन्होंने कहा, ‘हर धर्म, आस्था और संस्कृति के लोग धार्मिक उत्साह के साथ यहां रहते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हम अपने नागरिकों के संविधान द्वारा संरक्षित अधिकारों की स्थिति पर बोलने के लिए किसी विदेशी संस्था या सरकार को अधिकार नहीं देते.’

गौर करने वाली बात ये है कि यह रिपोर्ट 25 जून से शुरू हो रही अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की आगामी भारत यात्रा से ठीक पहले प्रकाशित की गई है.

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कुमार ने कहा, ‘भारत को अपनी धर्मनिरपेक्षता, अपने सबसे बड़े लोकतंत्र होने और सहिष्णुता तथा समावेश की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता वाले बहुलवादी समाज पर गर्व है.’ उन्होंने कहा, ‘भारत का संविधान अल्पसंख्यक समुदायों समेत अपने सभी नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की गारंटी देता है.’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘यह बात व्यापक रूप से प्रचलित है कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है, जहां का संविधान धार्मिक स्वतंत्रता को संरक्षण प्रदान करता है, और जहां लोकतांत्रिक शासन और कानून मौलिक अधिकारों को बढ़ावा देता है और उनकी रक्षा करता है.’

 

 

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