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Friday, 26 April, 2024
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चीन-पाकिस्तान साझा बयान में जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी को भारत ने किया ख़ारिज

संयुक्त वक्तव्य में चीन ने जम्मू-कश्मीर की मौजूदा हालात पर नज़र बनाए रखने की बात कही है जिसका भारत ने सिरे से विरोध किया है.

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नई दिल्ली: भारत ने मंगलवार को जम्मू और कश्मीर पर पाकिस्तान और चीन द्वारा जारी किए गए साझा वक्तव्य को सिरे से खारिज़ कर दिया है. बता दें कि चीन के विदेशमंत्री वांग यी दो दिनों की यात्रा पर इस्लामाबाद में हैं.

विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और पिछले दिनों चीन के विदेशमंत्री और पाकिस्तान द्वारा जारी साझा वक्तव्य को सिरे से खारिज कर दिया है.’ उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में किसी तीसरे देश की दखलअंदाजी को भारत बर्दाश्त नहीं करेगा.’

कुमार ने यह भी कहा कि,’पाकिस्तान और चीन द्वारा चल रहे चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपेक) पर भारत लगातार अपनी चिंता व्यक्त करता रहा है. और दोनों देशों से इसे रोकने की बात भी कही है.’

कुमार ने आगे कहा, ‘चीन और पाकिस्तान का यह प्रोजेक्ट पाक अधिकृत कश्मीर में चलाया जा रहा है जिसपर पाकिस्तान ने गैरकानूनी तरीके से 1947 में कब्ज़ा कर लिया था.

‘भारत पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर में किसी भी दूसरे देश द्वारा निर्माण कार्य किए जाने का जिससे वहां की भौगोलिक स्थिति में बदलाव देखने को मिलता है तो भारत इसका कड़ा विरोध करता है.

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चीन जम्मू कश्मीर पर ध्यान रख रहा है

साझा वक्तव्य के अनुसार, पाकिस्तानी पक्ष ने यी को स्थिति की पूरी जानकारी दी, जिसमें उसकी चिंताए, उसका रुख और मानवीय मसले शामिल हैं.

सोमवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक साझा प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि ‘चीनी पक्ष ने स्पष्ट किया है कि वो जम्मू कश्मीर की हालिया स्थिति पर नज़र रखे हुए है और दोहराया कि ये इतिहास का छूटा एक विवाद है और इसको ठीक से और शांतिपूर्ण ढ़ंग से संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद के रिसोल्यूषन और द्विपक्षीय समझौतों के तहत सुलझाया जाना चाहिए. चीन उन एक तरफा फैसलों का विरोध करता है जो स्थिति को और उलझाते हैं.’

चीन और पाकिस्तान ने साथ ही इस बात पर सहमति व्यक्त की कि वे ‘ज़ोरदार तरीके से ‘ सीपेक के निर्माण को आगे बढ़ाएंगे, जारी परियोजनाओं को ‘समयबद्ध तरीके से पूरा करेंगे ताकि सामाजिक, आर्थिक उन्नति की पूरी क्षमता हासिल करे, रोज़गार का सृजन हो और बेहतर जीवनयापन हो, साथ ही औद्योगिक पार्क्स और कृषि में सहयोग बढ़ाया जाये.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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