नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के अध्यक्ष साबा कोरोसी का मानना है कि भारत जैसे देश को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होना चाहिए. सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में भारत की वकालत करते हुए उन्होंने कहा, “सदस्य देशों के बीच एक धारणा है कि सुरक्षा परिषद में बेहतर प्रतिनिधियों की जरूरत है. खासकर उन देशों की बहुत जरूरत है, जिनके पास शांति और लोगों की भलाई के लिए बड़ी जिम्मेदारी है.”
सोमवार एक साक्षात्कार में यूएनएससी के लिए भारत की उम्मीदवारी पर कोरोसी ने कहा, “सदस्य देशों के बीच यह धारणा है कि हमें सुरक्षा परिषद में एक बेहतर प्रतिनिधि की आवश्यकता है, जिसमें वे देश भी शामिल हैं जिनके पास शांति तथा लोगों की भलाई के लिए बड़ी जिम्मेदारी है. और निश्चित रूप से भारत उन देशों में से है जिनके बारे में कहा जाता है कि वे दुनिया की भलाई में योगदान कर सकते हैं.”
कोरोसी ने कहा कि अतीत में जब यूएनएससी बनाया गया था उस समय भारत “सबसे बड़े नामों” में से एक नहीं था. उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में यूएनएससी में सुधार होगा.
सुधार का मामला सदस्य देशों पर निर्भर
उन्होंने कहा, “सुधार का मामला 13 वर्षों से बातचीत की प्रक्रिया में चल रहा है, जो काफी लंबा खिंच गया है. सुरक्षा परिषद में सुधार की संभावित आवश्यकता पर पहली चर्चा 40 साल पहले शुरू हुई थी. तो यह वास्तव में अभी इसपर चर्चा का सबसे अच्छा समय है, लेकिन यह सदस्य देशों के हाथों में है. यदि सदस्य देश इस बात पर सहमत हो सकते हैं कि सुरक्षा परिषद में सुधार कैसे किया जाए, जैसे कि इसकी कार्य पद्धति के संदर्भ में, सदस्यता के संदर्भ में, स्थायी सदस्यों के संदर्भ में, वीटो के अधिकार आदि के के संदर्भ में, तो बात आगे बढ़ सकती है.”
उन्होंने कहा, “सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र के अन्य निकायों के बीच बेहतर संबंध क्या होना चाहिए, यह सब सदस्य देशों के हाथों में है.”
उन्होंने आगे कहा, “भारत सुरक्षा परिषद में सुधारों के लिए शायद सबसे सक्रिय देशों में से एक है जो आवाज उठा रहा है.”
भारत को संभावित महाशक्ति देश बताते हुए यूएनजीए प्रमुख ने कहा कि जनसंख्या, अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मामले में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है.
उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बैठक को याद करते हुए कहा, “मैं कुछ महीने पहले नई दिल्ली में प्रधान मंत्री मोदी से मिला था और हमारी बैठक के बाद मुझे उनसे एक गहरी छाप मिली थी. वो एक दूरदृष्टि वाले व्यक्ति हैं, जिनके पास अच्छी रणनीतिक सोच है. वह अपने साथ एक राष्ट्र की एक बहुत गहरी और एक स्पष्ट दृष्टि लेकर आए हैं कि आधुनिक भारत कैसा दिखना चाहिए. और मुझे उनका अभिवादन करते हुए बहुत खुशी हो रही है. संयुक्त राष्ट्र में उनका बहुत स्वागत है. वह दुनिया के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक हैं. भारत दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक है.”
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