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Saturday, 21 December, 2024
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भारत को आशा है कि चीन के साथ लद्दाख सीमा विवाद को हल करने में प्रगति होगी

नई दिल्ली और बीजिंग लद्दाख में एलएसी पर चल रहे सैन्य गतिरोध को हल करने के लिए राजनयिक चैनलों के माध्यम से 'नियमित वार्ता' आयोजित कर रहे हैं.

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नई दिल्ली: भारत सभी स्तरों पर चीन से चल रहे सीमा विवाद को सुलझाने में ‘आगे बढ़ने’ की उम्मीद कर रहा है, दोनों पक्षों में नरमी आ रही है, सीमा विवाद को लेकर बातचीत जारी है. लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध जारी है, दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.

एक शीर्ष अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा है कि माना जा रहा है कि नई दिल्ली और बीजिंग ने अब राजनयिक चैनलों के माध्यम से विदेश मंत्रालय और चीन के विदेश मंत्रालय के बीच ‘नियमित’ संपर्क स्थापित किया है.

अधिकारी ने कहा, ‘मैं सैन्य और राजनयिक मोर्चे पर हमारी व्यस्तता के कारण कहूंगा कि सीमा मुद्दों को हल करने के लिए आगे बात बढ़ गई है, लेकिन यह एक प्रक्रिया है और जारी रहेगी… यही कारण है कि हमारे पास समाधान के लिए राजनयिक संपर्क हैं.

जबकि दोनों पक्षों के बीच स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार सैन्य स्तर की वार्ता चल रही है, विवाद को निपटाने के लिए लगभग रोजाना कूटनीतिक वार्ता के कई दौर भी हो रहे हैं, जो कि पिछले महीने की शुरुआत से जारी है.

एक अन्य अधिकारी के अनुसार, चीन अब कोविड-19 मामलों के साथ ‘अप्रत्याशित चुनौती’ का सामना कर रहा है, जो कि बीजिंग में अचानक बढ़ रहे हैं क्योंकि संक्रमण 100 तक पहुंच गया है. परिणामस्वरूप, वे अब तेजी से पीछे हट रहे हैं.

इसके अलावा, अधिकारी ने यह भी कहा कि भारत और चीन दोनों ही रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय वार्ता से पहले मामलों को शांत करना चाहेंगे, जो 22 जून को विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके समकक्षों वांग यी और सेर्गेय के बीच होने की उम्मीद है.

इस महीने की शुरुआत में, विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला ने भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव को जानकारी दी थी और उन्हें एलएसी की स्थिति से अवगत कराया था.

‘प्रभावी बातचीत’

पिछले हफ्ते, चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत और चीन ने ‘प्रभावी बातचीत’ की है और ‘चीन-भारत सीमा के पश्चिम खंड में स्थिति को ठीक से संभालने’ पर एक समझौते पर पहुंचे हैं.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ‘वर्तमान में, दोनों पक्ष सीमा की स्थिति को सुधारने के लिए समझौते के अनुरूप कार्रवाई कर रहे हैं.’

नई दिल्ली ने 6 जून को भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच चुशुल-मोल्दो क्षेत्र में बैठक की जानकारी सार्वजनिक की थी, जो कि पूर्व सचिव नवीन श्रीवास्तव, पूर्वी एशिया और चीनी विदेश मंत्रालय में महानिदेशक वू जियांगहो के बीच एक वीडियो-सम्मेलन से हुई थी.

वार्ता से समाधान मिलने की उम्मीद तब बढ़ी जब पिछले सप्ताह सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे ने कहा कि एलएसी के दोनों किनारों पर सैनिकों ने चरणबद्ध तरीके से विघटन के लिए सहमति व्यक्त की है.

नरवणे ने 13 जून को देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड के मौके पर संवाददाताओं से कहा,’मैं हर किसी को आश्वस्त करना चाहूंगा कि चीन के साथ हमारी सीमाओं पर पूरी स्थिति नियंत्रण में है. हमने बातचीत शुरू की है, जो कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता के साथ शुरू हुई थी और समकक्ष रैंक के कमांडरों के बीच स्थानीय स्तर पर बैठकों के साथ हुई थी.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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