नई दिल्ली: पिछले कुछ वर्षों में, भारत-यूरोप संबंध रणनीतिक तौर पर काफी गति पकड़ रहा है. 2021 में एक शिखर सम्मेलन के दौरान, मुक्त व्यापार समझौते के लिए वार्ता को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया था. यह एक अहम मील का पत्थर था. भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत उगो एस्टुटो ने ये बातें कही.
Delhi| In past few years, strategic part of India-Europe relationship has been gaining considerable momentum. During a summit in 2021, decision to relaunch negotiations for free trade agreement was made. It was a significant landmark:Ugo Astuto, European Union Ambassador to India pic.twitter.com/e18Cwv0oFD
— ANI (@ANI) January 20, 2023
उगो एस्टुटो ने कहा कि अनिवार्य रूप से यह G20 को एक वैश्विक मंच के रूप में प्रभावित करेगा. हमें भरोसा है कि भारतीय अध्यक्षता जी20 समूह को उपयोगी चर्चाओं की ओर ले जाने में कामयाब होगी.
रूस पर प्राइस कैप को लेकर भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत उगो एस्टुटो ने कहा कि यूरोपीय संघ ने रूसी ईंधन पर अपनी निर्भरता को काफी कम कर दिया है. मूल्य वृद्धि से बचने के लिए प्राइस कैप लगाई गई थी. अब तेल के दाम स्थिर हो गए हैं. भारत भी इस स्थिरता से लाभान्वित होने की स्थिति में होगा.
गौरतलब है कि यूरोपियन यूनियन में ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, साइप्रस गणराज्य, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आयरलैंड, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन और स्वीडन शामिल हैं.
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