नई दिल्लीः भारत ने पाकिस्तान के अधिकृत कश्मीर (पीओके) का दौरा करने एवं जम्मू कश्मीर पर उनकी टिप्पणियों को लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के महासचिव जनरल एच ब्राहिम ताहा पर निशाना साधा है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ताहा की यात्रा के संबंध में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘हम पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) क्षेत्र में ओआईसी महासचिव की यात्रा और उनकी पाकिस्तान यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर पर उनकी टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं.’
भारत ने मंगलवार को कहा कि उक्त संगठन का इस क्षेत्र से जुड़े मामलों से कोई लेना देना नहीं है.
बागची ने कहा, ‘मैं दोहराता हूं कि जम्मू और कश्मीर से संबंधित मामलों में ओआईसी का कोई अधिकार नहीं है, जो भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है. ओआईसी और उसके महासचिव द्वारा भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप और दखल देने का कोई भी प्रयास भारत को स्वीकार्य नहीं है.’
बयान में ओआईसी के बारे में बागची के हवाले से कहा गया है कि खुले तौर पर सांप्रदायिक, पक्षपातपूर्ण और मुद्दों पर तथ्यात्मक रूप से गलत दृष्टिकोण अपनाकर संगठन ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है. ओआईसी के महासचिव पाकिस्तान के मुखपत्र बन गए हैं.
उन्होंने कहा कि ओआईसी पूर्णत: साम्प्रदायिक, पक्षपाती और तथ्यात्मक रूप से गलत रूख के कारण पहले ही अपनी विश्वसनीयता खो चुका है.
बागची ने कहा, भारत को उम्मीद है कि ताहा जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के पाकिस्तान के ‘नापाक’ एजेंडे को आगे बढ़ाने में भागीदार नहीं बनेंगे.
इस बीच, ओआईसी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, सोमवार को ओआईसी के महासचिव ने पाकिस्तान की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ से मुलाकात की.
दोनों पक्षों ने फिलिस्तीन, अफगानिस्तान के लोगों के सामने मानवीय चुनौतियों और दुनिया भर में बढ़ती मुस्लिम विरोधी नफरत और इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने के प्रयासों पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
बैठक में ओआईसी और पाकिस्तान के बीच सहयोग के पहलुओं की भी समीक्षा की गई, विशेष रूप से, बयान के अनुसार पाकिस्तान की परिषद की मौजूदा अध्यक्षता के दौरान विदेश मंत्रियों की परिषद के प्रस्तावों के कार्यान्वयन पर.
इससे पहले शनिवार को ताहा ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ कार्य सत्र आयोजित किया. दोनों पक्षों ने ओआईसी और पाकिस्तान के बीच संबंधों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर विवाद, इस्लामोफोबिया और अफगानिस्तान में मानवीय स्थिति से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की.
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