नई दिल्ली: आयकर विभाग देश में कई संस्करणों वाले सबसे बड़े मीडिया समूहों से एक दैनिक भास्कर ग्रुप के कई परिसरों पर छापेमारी कर रहा है.
भोपाल और इंदौर (मध्य प्रदेश), जयपुर (राजस्थान), अहमदाबाद (गुजरात) और महाराष्ट्र में कुछ अन्य जगहों पर भी तलाशी अभियान चल रहा है.
आयकर विभाग के सूत्रों ने इस बात की तो पुष्टि की कि यह छापेमारी कर चोरी के आरोपों से जुड़ी है लेकिन साथ ही कहा कि ‘आगे के ब्योरे का अभी खुलासा नहीं किया जा सकता.’
आयकर विभाग से जुड़े एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, ‘ये तलाशी अभियान कर चोरी से संबंधित है.’
यद्यपि, आयकर विभाग या नीति निर्धारक संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने जानकारी दी है कि इस अभियान के तहत कई जगह जारी छापेमारी में प्रमुख हिंदी मीडिया समूह के प्रमोटरों के परिसर भी शामिल हैं.
मध्य प्रदेश में प्रमोटरों के कार्यालयों के साथ-साथ उनके आवासों पर भी छापेमारी की जा रही है.
दिप्रिंट ने इस मामले पर टिप्पणी के लिए फोन कॉल और टेक्स्ट मैसेज के जरिये दैनिक भास्कर समूह के प्रबंध निदेशक सुधीर अग्रवाल से संपर्क साधा, लेकिन यह खबर प्रकाशित किए जाने तक उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी.
विपक्ष ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि यह ‘एक तरह का आपातकाल’ है.
उन्होंने कहा, ‘दैनिक भास्कर ने अपनी रिपोर्टिंग के जरिये कोविड-19 महामारी को लेकर बड़े पैमाने पर मोदी सरकार के कुप्रबंधन को उजागर किया है. उसे अब इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है.’
रमेश कुछ हफ्ते पहले इस समूह की तरफ से प्रकाशित लेखों की उस सीरिज का जिक्र कर रहे थे, जिसमें बताया गया था कि उत्तर प्रदेश, गुजरात और राजस्थान सहित कई राज्यों में मौतों के आंकड़ों को बहुत ज्यादा कम करके दर्शाया गया है.
Through its reporting Dainik Bhaskar has exposed the Modi regime’s monumental mismanagement of the COVID-19 pandemic. It is now paying the price.
An Undeclared Emergency as Arun Shourie has said — this is a Modified Emergency. https://t.co/EVLHGisGTq
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 22, 2021
कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी मीडिया समूह पर छापेमारी को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और इसे पत्रकारिता पर हमला बताया. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसी जांच एजेंसियों को मीडिया के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि आयकर अधिकारी समूह के ‘आधा दर्जन परिसरों में’ मौजूद हैं, जिसमें भोपाल स्थित इसका कार्यालय भी शामिल है.
पत्रकारिता पर मोदीशाह का प्रहार!! मोदीशाह का एक मात्र हथियार IT ED CBI!
मुझे विश्वास है अग्रवाल बंधु डरेंगे नहीं।दैनिक भास्कर के विभिन्न ठिकानों पर इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग की छापामार कार्रवाई शुरू…
प्रेस कॉन्प्लेक्स सहित आधा दर्जन स्थानों पर मौजूद है इनकम टैक्स की टीम
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 22, 2021
आयकर छापों की खबर सामने आने के बाद कई अन्य सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी अखबार की उन कटिंग को साझा किया जाने लगा जो कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर पर व्यापक कवरेज से संबंधित है और जिनमें यह बताया गया है कि कैसे कोविड-19 से जुड़ी मौतों का आंकड़ा कम करके दर्शाया गया है.
Income Tax raid on #DainikBhaskar
This is the result of true journalism. pic.twitter.com/GiUv3Hm6xG— Tribal Army (@TribalArmy) July 22, 2021
Income Tax Department raids at Dainik Bhaskar group. How predictable.
Back in April-May 2021, the Hindi Newspaper had exposed the monumental mismanagement of the COVID-19 pandemic.
Snooping, Stalking, Blackmailing & Horse Trading. pic.twitter.com/HDLs50jlay
— Advaid അദ്വൈത് (@Advaidism) July 22, 2021
I strongly support this news paper for their true journalism and saver of democracy . #dainikbhaskar pic.twitter.com/lHein13cZ7
— Arpit Mathuria (@ArpitMathuria) July 22, 2021
दैनिक भास्कर की स्थापना रमेश चंद्र अग्रवाल ने 1958 में भोपाल, मध्य प्रदेश में की थी. बाद के वर्षों में इस समूह का विस्तार 12 राज्यों खासकर हिंदी भाषी क्षेत्रों में, तक हो गया. देश में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले अखबार के इस समय 65 एडिशन हैं, और इसका मुख्यालय मध्य प्रदेश में है.
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स एंड डाटालीड्स की तरफ से जारी एक मीडिया ओनरशिप मॉनिटर रिपोर्ट के मुताबिक, दैनिक भास्कर के स्वामित्व वाली कंपनी डीबी कॉरपोरेशन एक सूचीबद्ध कंपनी है. प्रमोटरों के 69.82 प्रतिशत शेयरों के साथ इसके 15.07 प्रतिशत शेयर सीधे तौर पर सुधीर अग्रवाल और उनके भाइयों गिरीश अग्रवाल और पवन अग्रवाल के हिस्से में आते हैं.
देशभर में स्ट्रिंगर के मजबूत नेटवर्क के साथ लगभग 3000 पत्रकार इस मीडिया समूह के साथ काम कर रहे हैं.
यूपी में टीवी चैनल के दफ्तर पर भी छापेमारी
इस बीच, आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया है कि लखनऊ के हजरतगंज स्थित समाचार चैनल भारत समाचार के कार्यालय पर भी छापे मारे जा रहे हैं.
चैनल के प्रधान संपादक ब्रजेश मिश्रा और राज्य प्रमुख वीरेंद्र सिंह के आवासों पर भी तलाशी अभियान चल रहा है.
चैनल की तरफ से बताया गया, ‘आयकर विभाग की टीम उत्पीड़ित करने के एजेंडे के साथ सुबह से ही यहां छापेमारी कर रही है. हमारे प्रधान संपादक ब्रजेश मिश्रा ने कहा है कि चाहे जितना भी परेशान किया जाए, भारत समाचार हमेशा सच्चाई के साथ खड़ा रहेगा.’
दिप्रिंट ने फोन कॉल और टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से ब्रजेश मिश्रा से संपर्क साधा, लेकिन यह रिपोर्ट प्रकाशित होने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी थी.
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)