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Friday, 22 November, 2024
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दैनिक भास्कर मीडिया ग्रुप पर आयकर की छापेमारी को विपक्ष ने कहा, ‘मोडीफाइड इमरजेंसी’

आईटी विभाग के अधिकारियों ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में दैनिक भास्कर के कार्यालयों की तलाशी ली.

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नई दिल्ली: आयकर विभाग देश में कई संस्करणों वाले सबसे बड़े मीडिया समूहों से एक दैनिक भास्कर ग्रुप के कई परिसरों पर छापेमारी कर रहा है.

भोपाल और इंदौर (मध्य प्रदेश), जयपुर (राजस्थान), अहमदाबाद (गुजरात) और महाराष्ट्र में कुछ अन्य जगहों पर भी तलाशी अभियान चल रहा है.

आयकर विभाग के सूत्रों ने इस बात की तो पुष्टि की कि यह छापेमारी कर चोरी के आरोपों से जुड़ी है लेकिन साथ ही कहा कि ‘आगे के ब्योरे का अभी खुलासा नहीं किया जा सकता.’

आयकर विभाग से जुड़े एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, ‘ये तलाशी अभियान कर चोरी से संबंधित है.’

यद्यपि, आयकर विभाग या नीति निर्धारक संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने जानकारी दी है कि इस अभियान के तहत कई जगह जारी छापेमारी में प्रमुख हिंदी मीडिया समूह के प्रमोटरों के परिसर भी शामिल हैं.

मध्य प्रदेश में प्रमोटरों के कार्यालयों के साथ-साथ उनके आवासों पर भी छापेमारी की जा रही है.

दिप्रिंट ने इस मामले पर टिप्पणी के लिए फोन कॉल और टेक्स्ट मैसेज के जरिये दैनिक भास्कर समूह के प्रबंध निदेशक सुधीर अग्रवाल से संपर्क साधा, लेकिन यह खबर प्रकाशित किए जाने तक उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी.

विपक्ष ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि यह ‘एक तरह का आपातकाल’ है.

उन्होंने कहा, ‘दैनिक भास्कर ने अपनी रिपोर्टिंग के जरिये कोविड-19 महामारी को लेकर बड़े पैमाने पर मोदी सरकार के कुप्रबंधन को उजागर किया है. उसे अब इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है.’

रमेश कुछ हफ्ते पहले इस समूह की तरफ से प्रकाशित लेखों की उस सीरिज का जिक्र कर रहे थे, जिसमें बताया गया था कि उत्तर प्रदेश, गुजरात और राजस्थान सहित कई राज्यों में मौतों के आंकड़ों को बहुत ज्यादा कम करके दर्शाया गया है.

कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी मीडिया समूह पर छापेमारी को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और इसे पत्रकारिता पर हमला बताया. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसी जांच एजेंसियों को मीडिया के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि आयकर अधिकारी समूह के ‘आधा दर्जन परिसरों में’ मौजूद हैं, जिसमें भोपाल स्थित इसका कार्यालय भी शामिल है.

आयकर छापों की खबर सामने आने के बाद कई अन्य सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी अखबार की उन कटिंग को साझा किया जाने लगा जो कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर पर व्यापक कवरेज से संबंधित है और जिनमें यह बताया गया है कि कैसे कोविड-19 से जुड़ी मौतों का आंकड़ा कम करके दर्शाया गया है.

दैनिक भास्कर की स्थापना रमेश चंद्र अग्रवाल ने 1958 में भोपाल, मध्य प्रदेश में की थी. बाद के वर्षों में इस समूह का विस्तार 12 राज्यों खासकर हिंदी भाषी क्षेत्रों में, तक हो गया. देश में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले अखबार के इस समय 65 एडिशन हैं, और इसका मुख्यालय मध्य प्रदेश में है.

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स एंड डाटालीड्स की तरफ से जारी एक मीडिया ओनरशिप मॉनिटर रिपोर्ट के मुताबिक, दैनिक भास्कर के स्वामित्व वाली कंपनी डीबी कॉरपोरेशन एक सूचीबद्ध कंपनी है. प्रमोटरों के 69.82 प्रतिशत शेयरों के साथ इसके 15.07 प्रतिशत शेयर सीधे तौर पर सुधीर अग्रवाल और उनके भाइयों गिरीश अग्रवाल और पवन अग्रवाल के हिस्से में आते हैं.

देशभर में स्ट्रिंगर के मजबूत नेटवर्क के साथ लगभग 3000 पत्रकार इस मीडिया समूह के साथ काम कर रहे हैं.

यूपी में टीवी चैनल के दफ्तर पर भी छापेमारी

इस बीच, आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया है कि लखनऊ के हजरतगंज स्थित समाचार चैनल भारत समाचार के कार्यालय पर भी छापे मारे जा रहे हैं.

चैनल के प्रधान संपादक ब्रजेश मिश्रा और राज्य प्रमुख वीरेंद्र सिंह के आवासों पर भी तलाशी अभियान चल रहा है.
चैनल की तरफ से बताया गया, ‘आयकर विभाग की टीम उत्पीड़ित करने के एजेंडे के साथ सुबह से ही यहां छापेमारी कर रही है. हमारे प्रधान संपादक ब्रजेश मिश्रा ने कहा है कि चाहे जितना भी परेशान किया जाए, भारत समाचार हमेशा सच्चाई के साथ खड़ा रहेगा.’

दिप्रिंट ने फोन कॉल और टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से ब्रजेश मिश्रा से संपर्क साधा, लेकिन यह रिपोर्ट प्रकाशित होने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी थी.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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