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Friday, 22 November, 2024
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भारत-जर्मनी के बीच अंतरिक्ष, चिकित्सा, शिक्षा, नागरिक उड्डयन, प्रौद्योगिकी सहित 11 समझौते

आतंकवाद को मुद्दे के तौर पर जिक्र करते हुए पीएम ने कहा आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने के लिये हमने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को और आगे बढ़ाने का संकल्प लिया.

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नई दिल्ली : भारत और जर्मनी के बीच अंतरिक्ष, नागरिक उड्डयन, नौवहन प्रौद्योगिकी, चिकित्सा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में 11 समझौतों पर दस्तखत हुए. मर्केल ने ढांचागत क्षेत्र में निवेश की इच्छा जताई है. पीएम ने कहा आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने के लिये दोनों देश द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग से आगे बढ़ेंगे. पीएम मोदी और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी दी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के बीच बातचीत के बाद भारत, जर्मनी ने पांच संयुक्त आशय पत्रों (ज्वाइंट डिक्लरेशन ऑफ इंटेंट) पर दस्तखत किए.

मर्केल से वार्ता के बाद पीएम मोदी ने कहा- हमने 2022 तक ‘नया भारत’ बनाने का संकल्प लिया है और इसमें जर्मनी जैसी प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता और आर्थिक शक्तियां बेहद उपयोगी होंगी.

आतंकवाद को मुद्दे पर जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने के लिये हमने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को और आगे बढ़ाने का संकल्प लिया.

उन्होंने कहा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार लाने के लिये भारत और जर्मनी लगातार सहयोग करते रहेंगे.

पीएम मोदी ने चांसलर को पिछले डेढ़ दशक से भारत-जर्मनी संबंधों को प्रगाढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला बताया. उन्होंने कहा- हमने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारों में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाने के लिए जर्मनी को आमंत्रित किया है.

व्यापार की संभावनाओं की बात करते हुए पीएम ने कहा कि दोनों देशों ने ई-मोबिलिटी, स्मार्ट शहर, नदियों की सफाई और पर्यावरण संरक्षण पर सहयोग की संभावनाएं तलाशने का फैसला किया है.

मर्केल ने कहा नई और उन्नत प्रौद्योगिक की दिशा में रिश्ता आगे बढ़ रहे

वहीं, इससे पहले एंजेला मर्केल ने कहा कि जर्मनी और भारत के बीच समझौतों पर हस्ताक्षर इस बात का सबूत हैं कि नई और उन्नत प्रौद्योगिकी की दिशा में रिश्ते आगे बढ़ रहे हैं.

तकनीकी चुनौती की बात करते हुए मर्केल ने कहा- 5जी और कृत्रिम मेधा के क्षेत्र एक चुनौती हैं, इन पर साथ काम करना महत्वपूर्ण है.

मर्केल ने कहा, ‘हम उन बड़ी अवसंरचना परियोजनाओं से जुड़कर खुश होंगे जिनकी भारत परिकल्पना कर रहा है.’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)

 

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