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Friday, 15 November, 2024
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केरल, पंजाब और राजस्थान के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में सीएए विरोधी प्रस्ताव पारित, ममता ने कहा जन-विरोधी है कानून

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी मुलाकात पर कांग्रेस और माकपा की आलोचनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘दीदी-मोदी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं’ वाला नारा विपक्षी दलों पर ही भारी पड़ेगा.

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कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सोमवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी प्रस्ताव पारित कर दिया. इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी माकपा और कांग्रेस से राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करते हुए केंद्र में भाजपा सरकार के खिलाफ मिलकर लड़ने का आह्वान किया.

बनर्जी ने प्रस्ताव पर विधानसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि एनपीआर, एनआरसी और सीएए आपस में जुड़े हुए हैं और नया नागरिकता कानून जन-विरोधी है. उन्होंने मांग की कि कानून को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए.

बनर्जी ने कहा, ‘सीएए जन विरोधी है, संविधान विरोधी है. हम चाहते हैं कि इस कानून को तत्काल वापस लिया जाए.’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस और वाम मोर्चा को उनकी सरकार के खिलाफ अफवाह फैलाना बंद करना चाहिए. समय आ गया है कि हम अपने मतभेदों को भुलाकर देश को बचाने के लिए मिलकर संघर्ष करें.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी मुलाकात पर कांग्रेस और माकपा की आलोचनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘दीदी-मोदी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं’ वाला नारा विपक्षी दलों पर ही भारी पड़ेगा.

उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार में दिल्ली में एनपीआर की बैठक में शामिल नहीं होने का साहस है और अगर भाजपा चाहे तो मेरी सरकार को बर्खास्त कर सकती है. मुख्यमंत्री के जवाब के बाद सदन ने प्रस्ताव पारित किया.

आपको बता दें इससे पहले केरल, पंजाब और राजस्थान की सरकार सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सरकार द्वारा प्रस्ताव पास करने को असंवैधानिक कहा था.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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