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Sunday, 22 December, 2024
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मोदी सरकार में मंत्री वी मुरलीधरन ने खुद को किया क्वारेंटाइन, कोरोनावायरस की पुष्टि नहीं

मुरलीधरन ने कहा कि जिस संस्थान के अस्पताल में बाद में कोरोनावायरस का मामला आया, उसका दौरा करने के बाद मैं घर में ही पृथक रूप से रह रहा हूं, जांच में मुझमें कोरोनावायरस की पुष्टि नहीं हुई है.

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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने कोरोनावायरस संक्रमण की चपेट में आने की आशंका के चलते खुद को एहतियात के तौर पर पृथक कर लिया है. वह केरल के एक डॉक्टर के संपर्क में आए थे जिसमें संक्रमण की पुष्टि हुई है. स्पेन से लौटे डॉक्टर के कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया.

संक्रमित डॉक्टर से सीधे संपर्क में आए 20 से 25 डॉक्टरों समेत संस्थान के कम से कम 76 कर्मचारियों को पृथक रखा गया है. संक्रमित डॉक्टर फिलहाल तिरुनवंतपुरम के जनरल हॉस्पिटल के अलग वार्ड में निगरानी में हैं.

मुरलीधरन ने कहा कि जिस संस्थान के अस्पताल में बाद में कोरोनावायरस का मामला आया, उसका दौरा करने के बाद मैं घर में ही पृथक रूप से रह रहा हूं, जांच में मुझमें कोरोनावायरस की पुष्टि नहीं हुई है.

मुरलीधरन केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री तथा विदेश राज्य मंत्री हैं. विदेश राज्य मंत्री 14 मार्च को तिरुवनंतपुरम के श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (एससीटीआईएमटी) गए थे.

भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा है कि कोरोनावायरस के मद्देनज़र संसद सत्र को बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हम सब काम कर रहे हैं लेकिन संसद में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो रहे हैं. इस मामले पर विचार किया जाना चाहिए.’

सरकार की तरफ से जारी किए गए आधिकारिक आदेश के अनुसार कोविड-19 के मद्देनजर सभी मंत्रालयों से सरकारी इमारतों में थर्मल स्कैनर लगाने को कहा गया है. कोविड-19 के मद्देनजर नियमित रूप से आगंतुकों के आने और अस्थायी पास जारी करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है.

54 हजार लोगों को रखा जा रहा है सामुदायिक निगरानी में: हर्षवर्द्धन

सरकार ने कोरोनावायरस से निपटने के लिए देश भर में डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल कर्मियों के प्रयासों की सराहना करते हुए मंगलवार को कहा कि भारत में करीब 54 हजार लोगों को सामुदायिक निगरानी में रखा जा रहा है.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्द्धन ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘वायरस से प्रभावित लोगों के उपचार के लिए उनसे एक मीटर की दूरी से संपर्क करने की आवश्यकता के बीच, ऐसे रोगियों के इलाज का जोखिम उठाने के लिए मैं डॉक्टरों एवं पैरा मेडिकल कर्मियों की सराहना करता हूं जो ईमानदारी एवं प्रतिबद्धता से काम कर रहे हैं.’

चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल कर्मियों की स्वास्थ्य मंत्रियों द्वारा की गयी सराहना का सदस्यों ने मेजें थपथपा कर समर्थन किया. बाद में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने भी पूरक प्रश्न पूछते हुए इनके प्रयासों की सराहना की.

हर्षवर्द्धन ने सांसदों से अनुरोध किया कि वे कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों के लिए अलग से बनायी गयी सुविधाओं का अपने क्षेत्रों में मुआयना कर सरकार को अपने सुझाव दें ताकि इन सुविधाओं को बेहतर बनाने में मदद मिल सके.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश भर में कुल 54 हजार लोगों को सामुदायिक निगरानी में रखा जा रहा है तथा लोगों को पृथक सुविधा में रखे जाने के दौरान स्वास्थ्य कर्मी उनसे संपर्क बनाये रखते हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के रोगियों के उपचार में रेट्रोवायरल औषधियों के उपयोग के बारे में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक दुनिया भर के वैज्ञानिकों से संपर्क बनाए हुए हैं.

पृथक केन्द्रों में समुचित सुविधा नहीं होने की खबरों से जुड़े एक पूरक प्रश्न पर उन्होंने कहा, ‘ऐसी खबरें अपवाद हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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