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Saturday, 23 November, 2024
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PM मोदी सुरक्षा चूक मामले में पंजाब ने कहा- ‘केंद्र से कोई आशा नहीं’, सुप्रीम कोर्ट ने बनाई कमेटी

पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच के लिए बनाई इंडीपेंडेंट कमेटी, एनआईए और आईबी के अफसर रहेंगे इसमें शामिल. पंजाब और केंद्र की कमेटियां रद्द कीं.

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नई दिल्ली: पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे पर हुई कथित सुरक्षा चूक की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई में एक कमेटी के गठन करने का आदेश दिया है. इस कमेटी में राष्ट्रीय जांच एजेंसी डीजीपी चंडीगढ़ और राष्ट्रीय जांच एजेंसी के आईजी, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और पंजाब के एडीजीपी (सुरक्षा) को शामिल करने का प्रस्ताव रखा है.

सोमवार को चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना ने सुनवाई के दौरान जांच के लिए केंद्र और पंजाब द्वारा गठित अलग-अलग समितियों पर रोक लगा दी है.

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम को बताया की पीएम के दौरे पर ब्लू बुक के हिसाब से सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए वहीं राज्य में डीजीपी की देखरेख में रूट पर सुरक्षा का इंतजाम किया जाना था. लेकिन इसमें चूक हुई.

मेहता ने यह भी कहा कि पीएम की सुरक्षा चूक मामले में पंजाब के अफसरों पंजाब के डीजी और पंजाब के मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

पंजाब सरकार के महाधिवक्ता डीएस पटवालिया ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र की कमेटी ने पहले ही राज्य के अधिकारियों के लिए अपनी धारणा बना ली है और उन्हें दोषी मान लिया है. इसलिए उन्हें उस कमेटी से ‘कोई उम्मीद नहीं’ है.

पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अभी तक राज्य के सात अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं और कहा गया है कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए.

पंजाब सरकार ने इस दौरान कोर्ट ने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट एक स्वतंत्र समिति का गठन करे और एक निष्पक्ष सुनवाई करे.

सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी की सुरक्षा चूक की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति बनाने पर सहमति व्यक्त कर दी.

पंजाब सरकार के महाधिवक्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस पटवालिया ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा रिकॉर्ड को ध्यान में रखा गया है.

शीर्ष अदालत ‘लॉयर्स वॉइस’ की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में कथित चूक की गहन जांच और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो, यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है.

गौरतलब है कि पंजाब में पांच जनवरी को प्रदर्शनकारियों द्वारा नाकेबंदी करने के कारण प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर कुछ देर तक फंसा रहा था. इसके बाद वह एक रैली सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से दिल्ली लौट गए थे.


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