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Sunday, 22 September, 2024
होमदेशभारत में कोविड-19 से प्रति दस लाख आबादी पर 20.4 मौतें हो रही हैं जबकि वैश्विक औसत 77 है: स्वास्थ्य मंत्रालय

भारत में कोविड-19 से प्रति दस लाख आबादी पर 20.4 मौतें हो रही हैं जबकि वैश्विक औसत 77 है: स्वास्थ्य मंत्रालय

नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि भारत के दो कोविड टीके परीक्षण के चरण 1 और 2 में हैं. चर्चा पहले ही शुरू हो गई है कि टीके उन सभी को कैसे उपलब्ध कराए जाएंगे जिन्हें इसकी आवश्यकता है.

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नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी दी कि कोविड-19 मामलों की मृत्यु दर में 2.43 प्रतिशत तक की गिरावट और प्रभावी क्लीनिकल प्रबंधन के कारण मृत्यु दर में कमी आई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 19 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश प्रतिदिन प्रति दस लाख की आबादी पर कोविड-19 के लिए 140 से अधिक जांच कर रहे हैं.

भारत में कोविड-19 के कारण प्रति दस लाख आबादी पर 20.4 मौतें हो रही हैं जबकि वैश्विक औसत 77 की है.

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने बताया कि दिल्ली के 11 में से 8 जिलों में 20% से अधिक सीरो-प्रचलन है. मध्य, उत्तर-पूर्व, उत्तर और शाहदरा जिलों में लगभग 27% का सीरो-प्रचलन है.

वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय में विशेष कार्य अधिकारी राजेश भूषण ने कहा कि देश में वास्तविक कोविड सक्रिय मामलों का आंकड़ा 4,02,529 है, दूसरी तरफ  7,24,000 के लगभग लोग पूरी तरह ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं, हमें सक्रिय मामलों पर ध्यान देना चाहिए.


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उन्होंने कहा कि आज के दिन भारत में 30 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां कि पॉजिटिविटी भारत की औसत पॉजिटिविटी से कम है.

भूषण के अनुसार, वर्तमान में भारत में प्रति दिन प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 180 टेस्ट किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर प्रति 10 लाख जनसंख्या पर मृत्यु दर को देखें तो यह भारत में 20.4 है. यह भी विश्व में सबसे कम मृत्यु दरों में से है.

उन्होंने कहा कि भारत में आज भी 10 लाख जनसंख्या पर कोरोना मामलों की संख्या 837 है जो विश्व के बड़े देशों की तुलना में काफी कम है, कुछ देश तो ऐसे हैं जहां भारत की तुलना में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 12 या 13 गुणा मामले हैं.

नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि भारत के दो कोविड टीके परीक्षण के चरण 1 और 2 में हैं. चर्चा पहले ही शुरू हो गई है कि टीके उन सभी को कैसे उपलब्ध कराए जाएंगे जिन्हें इसकी आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि भारत पीपीएल को सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के पास जल्द से जल्द भारतीय वैक्सीन की पहुंच होनी चाहिए. हर संभव सुविधा सुनिश्चित की जाएगी ताकि वैज्ञानिक और नैतिक रूप से परीक्षण किए जा सकें और जिससे हम एक किफायती विकल्प पर पहुंचें.

(समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)

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