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Saturday, 27 April, 2024
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छत्तीसगढ़ : मिड डे मील के तहत घर-घर भेजे जाएंगे अंडे

छत्तीसगढ़ राज्य में बच्चों को मिड डे मील में पौष्टिक भोजन के तौर पर अंडा भी दिए जाने का फैसला हुआ है.

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में मिड डे मील (मध्याह्न् भोजन) में विकल्प के तौर पर अंडे बांटने के फैसले के बाद उपजे विवाद के चलते स्कूल शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि अंडा वितरण से पहले स्कूलों में आम सहमति बनाई जाए. जिन स्कूलों में आम सहमति न बन पाए, वहां अंडा पसंद करने वाले बच्चों के लिए अंडे उनके घर पर भेजे जाएंगे. विभाग ने इस संदर्भ में जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है. राज्य में बच्चों को मिड डे मील में पौष्टिक भोजन के तौर पर अंडा भी दिए जाने का फैसला हुआ है. इस पर विपक्षी दल भाजपा सहित कई अन्य संगठनों ने विरोध दर्ज कराया है. कबीरपंथी लोग तो आंदोलन तक की चेतावनी दे चुके हैं.

स्कूल शिक्षा विभाग ने मंगलवार को अगले दो सप्ताह के भीतर सभी स्कूलों में शाला विकास समिति और अभिभावकों की बैठक कराने के निर्देश दिए थे. कहा गया कि इन बैठकों में ऐसे छात्र-छात्राओं को चिन्हित किया जाए जो मिड डे मील में अंडा नहीं लेना चाहते.

जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मिड डे मील तैयार करने के बाद अलग से अंडे उबालने या पकाने की व्यवस्था की जाए. अंडा खाना पसंद करने वाले छात्र-छात्राओं को मध्याह्न् भोजन के समय अलग पंक्ति में बैठाकर उन्हें अंडे परोसे जाएं.

जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि जिन स्कूलों में अंडा वितरण किया जाना हो, वहां शाकाहारी छात्र-छात्राओं के लिए अन्य प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ के तौर पर सुगंधित सोया दूध, सुगंधित दूध, प्रोटीन क्रंच, बिस्किट, सोया मूंगफली चिकी, सोया पापड़, दाल इत्यादि विकल्प की व्यवस्था की जाए.

स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि अभिभावकों की बैठक में मिड डे मील में अंडा दिए जाने के लिए आम सहमति न बने, तो ऐसे स्कूलों में अंडे न परोसे जाएं, बल्कि अंडा पसंद करने वाले बच्चों के घर पूरक आहार के तौर पर अंडे पहुंचाए जाएं.

इसी साल जनवरी में बच्चों में प्रोटीन एवं कैलोरी की पूर्ति के लिए मिड डे मील के साथ सप्ताह में कम से कम दो दिन अंडा या दूध या समतुल्य न्यूट्रीशन मूल्य का खाद्य पदार्थ दिए जाने का सुझाव दिया गया था. इसके बाद राज्य में अंडा वितरण का विरोध शुरू हो गया था, इसलिए स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके लिए अब आम सहमति पर जोर दिया है.

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