नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. बीते 15 घंटे से अधिक समय से इमरान को गिरफ्तार करने गई पुलिस और उनके समर्थकों के बीच झड़प हो रही है. इस झड़प में 30 से अधिक पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी खबर है. लेकिन अभी तक पुलिस इमरान को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. इस बीच इमरान खान ने एक वीडियो संदेश जारी कर अपनी हत्या का अंदेशा जताया है. इमरान ने कहा कि हिरासत में लिए जाने के बाद जेल में उनकी हत्या हो सकती है. उन्होंने अपने समर्थकों को सड़क पर उतरने का आह्वान किया.
लेकिन सबसे बड़ी बात कि पुलिस इमरान को गिरफ्तार क्यों करना चाहती है.
तोशाखाना मामला है क्या
इमरान खान को पुलिस तोशाखाना मामले में गिरफ्तार करना चाहती है. तोशखाना एक फारसी का शब्द है जिसका अर्थ है खज़ाने का कमरा. प्राचीन समय में राजा महाराजाओं को मिलने वाले उपहार को तोशाखाना में ही रखा जाता था. आजादी के बाद पाकिस्तान में तोशाखाना की स्थापना 1974 में की गई. इसमें विदेश दौरों पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मंत्री और अधिकारियों को मिलने वाले तोहफों को रखने का प्रावधान था.
नियम के मुताबिक गिफ्ट अगर तय कीमत से अधिक हो तो उसे तोशाखाना में जमा किया जाता है फिर बाद उसकी नीलामी की जाती है. लेकिन अगर कोई उस गिफ्ट को अपने पास रखना चाहता है तो उसे एक कमेटी द्वारा तय की गई निश्चित राशि चुकानी पड़ती है.
हालांकि अगर गिफ्ट ऐतिहासिक महत्व का हो तो कोई भी उसे ले नहीं सकता, और न ही उसकी नीलामी होती है, उसे तोशाखाना में ही जमा कराना होता है.
1978 के गैजेट नोटिफिकेशन के मुताबिक तोशाखाना में गिफ्ट जमा कराए जाने की अधिकतम समय सीमा 30 दिन है. भारत में भी तोशाखाना है जिसका काम विदेश मंत्रालय संभालती है.
इमरान पर क्या है आरोप
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए विदेश में मिले हुए गिफ्ट को तोशखाने से कुल 2.15 करोड़ रुपए में खरीदे और उससे उन्होंने 5.8 करोड़ रुपए कमाए. साल 2022 में पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट पार्टी ने इसपर पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में एक प्रस्ताव पास किया था. इसमें इमरान खान को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य साबित करने की मांग की गई थी.
बाद में इसी मामले में इमरान खान को चुनाव आयोग ने पांच साल के लिए संसद या विधानसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी. अब जाकर इसी मामले को लेकर इमरान खान की गिरफ्तारी होनी है.
हालांकि इमरान खान इस मामलों को लेकर आरोप झेलने वाले पहले राजनेता नहीं है. इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और यूसुफ रजा गिलानी पर भी इसमें हेरफेर के आरोप लग चुके है.
साल 2021 में पाकिस्तान के पूर्व कैबिनेट सचिव ने एक साक्षात्कार में कहा था कि कई नेताओं ने कई बार गिफ्ट से जुड़ी जानकारी छुपाई थी और उसके बारे में कैबिनेट डिवीजन को नहीं बताया था. बता दें कि कैबिनेट डिवीजन इन गिफ्ट का लेखा जोखा रखता है.
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