scorecardresearch
Tuesday, 7 May, 2024
होमदेशइसरो के गगनयान का अहम परीक्षण कल, अगर मिशन रद्द हुआ तो क्रू कैसे बचेगा

इसरो के गगनयान का अहम परीक्षण कल, अगर मिशन रद्द हुआ तो क्रू कैसे बचेगा

श्रीहरिकोटा में टेस्ट फ्लाइट सिर्फ 8 मिनट से अधिक समय तक चलेगी. यह अंतरिक्ष यान से अलग होने के बाद मंदी प्रणाली, पैराशूट तैनाती और चालक दल मॉड्यूल के स्ट्रक्चरल इंटीग्रिटी की जांच करेगा.

Text Size:

बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के अपने अगले परीक्षण की तैयारी कर रहा है, जो कि शनिवार सुबह लॉन्च होने वाला है, जिसमें अंतरिक्ष एजेंसी क्रू एस्केप सिस्टम (सीईएस) का आकलन करेगी.

यह यह प्रदर्शित करने के लिए एक टेस्ट है कि जिस मॉड्यूल में चालक दल को रखा जाएगा वह आपातकालीन स्थिति में अंतरिक्ष यान और रॉकेट के बाकी हिस्सों से अलग हो सकता है, और अंदर बैठे क्रू के सदस्य सुरक्षित रह सकें.

टेस्ट फ्लाइट शनिवार सुबह 7 बजे से 9 बजे के बीच आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में होगी. टेस्ट केवल 8 मिनट तक चलेगा.

इस प्रदर्शन के लिए, इसरो नव विकसित टेस्ट वीकल या रॉकेट का उपयोग करेगा, जो विशेष रूप से अंदर के उपप्रणाली या सबसिस्टम और चालक दल के बच निलकलने के सिस्टम का टेस्ट करने के लिए बनाया गया है. परीक्षण मंदी प्रणाली, दो प्रकार के पैराशूट तैनाती और अलग होने के बाद क्रू मॉड्यूल की स्ट्रक्चरल इंटिग्रिटी की जांच करेगा.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

Graphic: Soham Sen | ThePrint, Source: ISRO
ग्राफिक: सोहम सेन | दिप्रिंट, स्रोत: इसरो

यह भी पढ़ेंः कैसे USA के साथ सहयोग स्पेस में भारत को ह्यूमन स्पेस फ्लाइट जैसी नई ऊंचाइयों को छूने में मदद करेगा 


टेस्ट फ्लाइट का विवरण

क्रू एस्केप सिस्टम (सीईएस) टेस्ट वीकल के ऊपर फिट होता है जो समुद्र में गिरने से पहले सिस्टम को अंतरिक्ष में लॉन्च करेगा. सीईएस के टेस्ट वीकल बूस्टर से अलग होने के बाद, यह थोड़ी देर के लिए नीचे पहुंचेगा. इसके बाद क्रू मॉड्यूल सिस्टम से अलग हो जाएगा.

एक बार जब क्रू मॉड्यूल अलग हो जाएगा, तो यह ऊपर की ओर मुड़ जाएगा. सबसे पहले, एक जोड़ी पैराशूट खुल जाएगा, जो तेजी से आगे बढ़ने वाले मॉड्यूल को धीमा कर देगी और उसकी गति कम कर देगी. फिर बड़े मुख्य पैराशूट तैनात किए जाएंगे, जो समुद्र में गिरने से पहले गिरते क्रू मॉड्यूल को बहुत कम गति तक धीमा कर देंगे.

इसके बाद क्रू मॉड्यूल को फिर से रिकवर करके उसका विश्लेषण किया जाएगा.

Caption: Graphic: Soham Sen | ThePrint, Source: ISRO
कैप्शन: ग्राफिक: सोहम सेन | दिप्रिंट, स्रोत: इसरो

गगनयान की प्रगति

इसरो ने मिशन को ले जाने वाले रॉकेट और मिशन अंतरिक्ष यान दोनों पर कई परीक्षण किए हैं.

इसने पहले ही उन इंजनों और बूस्टर का परीक्षण कर लिया है जिनका उपयोग पूरे मिशन में विभिन्न बिंदुओं पर किया जाएगा. इसने पहले क्रू एस्केप सिस्टम, अपने सभी मोटरों का स्थैतिक परीक्षण किया है ताकि यह देखा जा सके कि सब कुछ ठीक से काम कर रहा है या नहीं. इसने क्रू मॉड्यूल के प्रणोदन, वायुमंडलीय में वापस प्रवेश करने का भी परीक्षण किया है, और ड्रोग व मुख्य पैराशूट का परीक्षण किया है जिन्हें अलग होने के बाद तैनात किया जाएगा.

इसके बाद, इसरो से अपेक्षा की जाती है कि वह कुछ पैड एबॉर्ट परीक्षण करेगा, और फिर बिना चालक दल के पूर्ण परीक्षण करेगा, इससे पहले कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंततः भारतीय अंतरिक्ष यान में कक्षा में यात्रा कर सकें.

इस बीच, रूस में प्रारंभिक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, चालक दल बैंगलोर एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फेसिलिटी में प्रशिक्षण ले रहा है. चार शॉर्टलिस्ट किए गए पुरुष वायु सेना उम्मीदवार वर्तमान में उड़ान प्रणालियों, माइक्रोग्रैविटी, अंतरिक्ष में उड़ान, चिकित्सा प्रक्रियाओं, शैक्षणिक पाठ्यक्रमों, फ्लाइट सूट और सिमुलेटर को समझने का प्रशिक्षण ले रहे हैं और साथ ही शारीरिक फिटनेस प्रशिक्षण भी ले रहे हैं.

जब पहले इंसानों को गगनयान-1 उड़ान पर भारत से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा, तो वे हिंद महासागर में उतरने से पहले, चार दिनों से एक सप्ताह तक पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे.

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ेंः गर्भनिरोधक गोली और महिला कार्यबल – अर्थशास्त्र क्लाउडिया गोल्डिन को कैसे मिला नोबेल पुरस्कार 


 

share & View comments