scorecardresearch
Friday, 29 March, 2024
होमदेशP.2, COVID स्ट्रेन जो पहली बार ब्राजील में पाया गया था वो मूल रूप से अधिक घातक है : ICMR Study

P.2, COVID स्ट्रेन जो पहली बार ब्राजील में पाया गया था वो मूल रूप से अधिक घातक है : ICMR Study

B.1.1.28.2 का अब तक दुनिया भर में बहुत कम प्रसार हुआ है, दुनिया भर में पाए गए 0.5 प्रतिशत से भी कम वायरल नमूनों में यह स्ट्रेन दिखा है.

Text Size:

नई दिल्ली: सार्स-सीओवी-2 वैरिएंट B.1.1.28.2, जिसे पहली बार पिछले साल ब्राजील में पाया गया था, भारतीय चिकित्सा परिषद के शोधकर्ताओं के अनुसार वुहान से फैलने वाले मूल B.1 वेरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है. नई दिल्ली में आईसीएमआर और पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी जो सीरियाई हैम्स्टर्स में वायरस के अध्ययन के बाद पता चला है

हालांकि, B.1.1.28.2 का अब तक दुनिया भर में बहुत कम प्रसार हुआ है, दुनिया भर में पाए गए 0.5 प्रतिशत से भी कम वायरल नमूनों में यह स्ट्रेन दिखा है.

एक अध्ययन में जिसकी अभी समीक्षा की जानी है, शोधकर्ताओं ने कहा कि  उभरते सार्स-सीओवी-2 वेरिएंट और बढ़ते कोविड -19 मामलों से संभावित खतरे को देखते हुए, उन्होंने भारत में चल रहे जीनोमिक निगरानी के हिस्से के रूप में नमूनों को अलग कर दिया था.

टीम ने दो अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से वैरिएंट के नमूने अलग किए, जिन्हें P.2 भी कहा जाता है. उन्हें कोविड पॉजिटिव पाया गया था. दोनों अलक्षणी थे. उनमें से एक ने दिसंबर 2020 में यूके से यात्रा की थी, जबकि दूसरा इस साल जनवरी में ब्राजील से आया था.

भारतीय प्रयोगशालाओं द्वारा अब तक पृथक किए गए इस प्रकार के दो ही नमूने है. भारत से अब तक कोई भी सैंपल सीक्वेंस इस वैरिएंट का नहीं है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

अध्ययन में क्या पाया गया

टीम ने तब सीरियाई हैम्स्टर्स का अध्ययन किया जो P.2 प्रकार से संक्रमित थे और इसकी तुलना B.1 से संक्रमित हैम्स्टर्स से की.

टीम ने पाया कि B.1.1.28.2 संस्करण ने शरीर के वजन में कमी, श्वसन पथ में वायरल रेप्लिकेशन, फेफड़ों के घावों को प्रेरित किया और B.1 संस्करण की तुलना में हैम्स्टर्स में गंभीर फेफड़ों की बीमारी का कारण बना.

टीम ने यह भी पाया कि B.1 संस्करण की तुलना में B.1.1.28.2 संस्करण को बेअसर करने के लिए उच्च स्तर के एंटीबॉडी की आवश्यकता थी.

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में लिखा है, ‘बीमारी की गंभीरता और बेअसर होने में कमी के निष्कर्ष बहुत चिंता का विषय हैं और प्रभावकारिता के लिए टीकों की जांच की आवश्यकता की ओर इशारा करते हैं.’

B.1 प्रकार को स्पाइक प्रोटीन, यानी D614G में चिंता के एक उत्परिवर्तन द्वारा परिभाषित किया गया है.

जनवरी 2021 के दौरान, लिनियेज P.1, जिसमें स्पाइक प्रोटीन पर उत्परिवर्तन N501Y, E484K और K417N शामिल थे, की पहचान जापान में ब्राजील के यात्रियों में की गई थी. शोधकर्ताओं ने कहा कि इस संस्करण के गुण अभी भी अज्ञात हैं, इस संस्करण ने ब्राजील के मनौस शहर में पुन: संक्रमण की सुविधा प्रदान की हो सकती है.

P.2 वैरिएंट को ब्राजील से भी रिपोर्ट किया गया था, जिसमें स्पाइक प्रोटीन में E484K म्यूटेशन लेकिन N501Y और K417N नहीं है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments