नई दिल्ली: भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र जारी कर प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया सूचारू रुप से चल सके इसे सुनिश्चित करने को कहा है. देश में कोरोनावायरस के लगातार बढ़ते मामलों के मद्देनज़र मंत्रालय ने 23 मार्च को जारी एक पत्र में ये निर्देश दिए हैं.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुताबिक 23 मार्च शाम 8 बजे तक भारत में कोविड-19 के कुल 471 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं.
जारी पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार के साथ-साथ देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कोविड-19 के फैलने को रोकने के लिए कदम उठा रहे हैं. ऐसे मौके पर जरूरी सूचनाएं लोगों तक पहुंचे यह आवश्यक है.
सूचना के माध्यम ठीक तरह से काम करें, ये सुनिश्चित हो
टीवी चैनल्स, न्यूज़ एजेंसी, टेलीपोर्ट ऑपरेटर्स, डिजिटल सैटेलाइट न्यूज़ गैदरिंग (डीएसएनजी), डायरेक्ट टू होम (डीटूएच), एचआईटीएस, मल्टी सिस्टम ऑपरेटर्स (एमएसओ), फ्रीक्वेंसी मॉड्यूलेशन (एफएम) रेडियो और कम्यूनिटी रेडियो स्टेशन्स (सीआरएस) को सूचना का जरूरी माध्यम बताया गया है और ये सूचारु रुप से चले इसे सुनिश्चित करने को कहा गया है.
बताया गया है कि इन माध्यमों का सही तरह से चलना न केवल लोगों को जागरूक और जरूरी सूचना देगा बल्कि देश को ताजा जानकारी से भी अपडेट करेगा.
कोविड-19 को देखते हुए फेक न्यूज को रोकने और सही जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए इन माध्यमों को महत्वपूर्ण बताया गया है.
कोविड-19 के संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रिंटिंग प्रेस, अखबार और मैगजीन से जुड़े काम जारी रहेंगे. सभी टीवी चैनल, डीटूएच, एफएम, सीआरएस नेटवर्क्स, कैबल ऑपरेटर्स, न्यूज एजेंसी भी अपना काम जारी रख सकेंगे.
ये सभी सेवाएं ठीक तरह से जारी रह सकें इसके लिए सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से इनके ऑपरेशनल स्थिति को सुनिश्चित करने को कहा गया है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 को लेकर जो भी पाबंदियां लगाई जा रही है वो कुछ जरूरी सेवाओं को ध्यान में रख कर की जाए और ये सेवाएं सूचारू तौर पर चल सके इसे सुनिश्ति किया जाए. जिससे ऐसे सेवाओं से जुड़े लोगों अपना काम कर सकें.
सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि वो मीडियाकर्मियों की गाड़ियों, डीएसएनजी और ईंधन से जुड़ी गाड़ियों को सुविधा दें.
जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को भी सलाह दी गई है कि अगर उन्हें अपनी सेवाएं देने में कोई समस्या आ रही हो तो वे स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग करें.