मुंबई: आरे कॉलोनी के बाहर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को लेकर आदित्य ठाकरे से भिड़ने वाली महाराष्ट्र की सिविल सर्वेंट अश्विनी भिड़े को मंगलवार शाम महाराष्ट्र सरकार ने स्थानांतरित कर दिया है. भिड़े महाराष्ट्र के आरे में मेट्रो कारशेड को लेकर शिवसेना से भिड़ी थी.
भिड़े मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ( एमएमआरसी) की प्रबंध निदेशक थी और उनकी जगह 1998 बैच के आईएएस अधिकारी रंजीत सिंह देओल को नियुक्त किया गया है. अश्विनी को नया विभाग दिया जाना बाकी है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख हैं, जो सिविल सेवकों और अन्य मंत्रालयी अधिकारियों के स्थानांतरन को संभालता है.
एमएमआरसी में भिड़े का कार्यकाल विवादों में घिर गया था, क्योंकि उन्होंने कार शेड परियोजना को लागू करने के लिए एड़ी से छोटी का जोर लगा दिया था. बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा कार शेड के लिए पेड़ों को काटने पर रोक हटाए जाने के बाद एक अक्टूबर की रात में आरे में 2,141 पेड़ काट दिए जाने के बाद से वो लाइमलाइट में आ गई थी.
शिवसेना के आदित्य ठाकरे और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने परियोजना के कार्यान्वयन पर अड़े रहने के लिए उनका विरोध किया और नारेबाजी की थी. बाद में जब पेड़ गिर गए, तो भिड़े को कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का सामना करना पड़ा.
कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज मार्ग के माध्यम से मुंबई के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने वाली 33.5 किलोमीटर की भूमिगत मेट्रो परियोजना को विभिन्न चरणों में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा. भिड़े के तहत 30,000 करोड़ रुपये की परियोजना में 26 भूमिगत स्टेशनों में से 13 पर निकासी का काम पूरा किया था, बचा हुआ काम इस साल मई तक पूरा होने की उम्मीद है.
महाविकास अघाड़ी सरकार के सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री ने आरे कॉलोनी में कार शेड के निर्माण पर रोक लगाने का आदेश दिया था. उन्होंने कार शेड के लिए एक वैकल्पिक साइट देखने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था.
‘निर्भीक’ आईएएस अधिकारी
एक कुशल सिविल सेवक के रूप में जाने जानी वाली भिड़े को पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के कद्दावर नेता देवेंद्र फड़नवीस का करीबी माना जाता है. हालांकि, शिवसेना फड़णवीस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का हिस्सा थी. लेकिन पार्टी ने आरे कॉलोनी के भीतर कार शेड परियोजना का विरोध किया.
जिन लोगों ने भिड़े के साथ काम किया है उनका कहना है कि वह एक निडर अधिकारी हैं, जो शक्तिशाली लोगों पर एक्शन लेने से पहले दो बार नहीं सोचती हैं.
सूत्र ने कहा, आर्ट्स की छात्रा का बुनियादी ढांचा विकास के साथ पहला अनुभव तब हुआ जब उन्हें मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) में नियुक्त किया गया था. एक गैर-इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से आने वाली भिड़े ने अपनी टीम के साथ फाइलों और इंटरैक्शन से बहुत सीखा. सरकार ने दावा किया कि उनका स्थानांतरण नियमित है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने दिप्रिंट को बताया, उन्होंने अपने वर्तमान पद पर लगभग चार साल पूरे कर लिए थी. अधिकारियों के सेवा नियमों के अनुसार, नौकरशाहों को एक विशेष विभाग में तीन साल के बाद स्थानांतरित किया जाता है. यह नियमानुसार एक रूटीन ट्रांसफर है. रंजीत सिंह देओल, जो अश्विनी भिड़े की जगह ले रहे हैं. वह भी एक सक्षम अधिकारी हैं.
कुंटे ने पुष्टि की कि भिड़े को उनकी पोस्टिंग मिलनी बाकी है. नई पोस्टिंग की घोषणा जल्द ही की जाएगी.
एक वरिष्ठ अधिकारी
भिड़े 1995 बैच की आईएएस अधिकारी उन्होंने अपने बैच में टॉप किया था, वह पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली से आती हैं.
दो दशक के करियर में भिड़े ने नागपुर जिला परिषद में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त, महाराष्ट्र के राज्यपाल के संयुक्त सचिव, एमएमआरडीए में अतिरिक्त महानगर आयुक्त और स्कूल शिक्षा और खेल विभाग में सचिव के रूप में काम किया है. वह मुख्य रूप से ग्रामीण महाराष्ट्र में काम कर चुकी हैं. वह इचलकरंजी, कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग और नागपुर में तैनात थीं.
सूत्र के अनुसार उनको कर्मठ अधिकारी के तौर पर जाना जाता है, वो रात में भी साइट पर काम करने के लिए तैयार रहती हैं. उनके पति संतोष भिड़े भी एक आईएएस अधिकारी थे, लेकिन उन्होंने 2011 में सेवा छोड़ दी थी.
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