बरेली: पुलिस ने शनिवार को तौकीर रजा खान को हिरासत में लिया. वह स्थानीय धर्मगुरु और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख हैं. उनकी ओर से ‘I Love Muhammad’ अभियान के समर्थन में विरोध प्रदर्शन का आह्वान करने पर शुक्रवार की नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई.
बरेली के SSP अनुराग आर्य ने मीडिया को बताया, “तौकीर रजा को हिरासत में लिया गया है. आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है. स्थिति शांत और नियंत्रण में है.”
हिरासत के पहले बरेली में तनावपूर्ण माहौल था. बड़ी भीड़ ‘I Love Muhammad’ पोस्टर लेकर कोतवाली क्षेत्र की मस्जिद के बाहर पुलिस से भिड़ गई.
भीड़ को तौकीर रजा द्वारा बुलाए गए प्रस्तावित प्रदर्शन को आखिरी समय में रद्द किए जाने पर गुस्सा था. उन्होंने दावा किया कि अधिकारियों ने अनुमति नहीं दी.
झड़प के बाद दो दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया. इस दौरान पथराव और तोड़फोड़ भी हुई.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, रजा ने शुक्रवार रात एक वीडियो बयान जारी किया. उन्होंने झड़पों की आधिकारिक कहानी को चुनौती दी. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने अनुयायियों को संबोधित करने से रोका गया और घर में नजरबंद कर दिया गया.
वीडियो में रजा घायल प्रदर्शनकारियों को बधाई देते हुए दिखाई दिए. उन्होंने कहा, “मैं सभी युवाओं की सराहना करता हूं जिन्होंने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया. जो घायल हुए हैं, उन्हें भी बधाई देने योग्य हैं.”
रजा ने शुक्रवार की नमाज के बाद जिला मजिस्ट्रेट अविनाश सिंह के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने में अपनी “असफलता” पर खेद व्यक्त किया. उन्होंने “मुसलमानों पर लगातार हमलों” को बताया और कानूनी हस्तक्षेप की मांग की.
उन्होंने दावा किया कि उनकी कोशिशें जानबूझकर रोकी गईं। रजा ने कहा, “मैं सभी से अपील करता हूं कि शांतिपूर्वक अपने घर जाएं. हमेशा की तरह मुझे नजरबंद कर दिया गया. मेरे नाम से झूठी जानकारी भी फैलाई गई.”
रजा ने आरोप लगाया, “मेरे नाम का फर्जी लेटरहेड इस्तेमाल किया गया और झूठा बयान प्रकाशित किया गया.”
उन्होंने कहा कि DM और SSP उनके पास तब पहुंचे जब वह नमाज के लिए निकलने वाले थे. उन्होंने और अधिक बल बुलाया और उन्हें घर में नजरबंद कर दिया.
रजा ने चेतावनी दी कि धार्मिक भावनाओं को दबाने का प्रयास उल्टा पड़ सकता है. उन्होंने कहा, “पुलिस जितना इस मामले को दबाएगी, यह उतना ही सामने आएगा. धार्मिक मामलों को रोकने की कोशिशें किसी को शांत नहीं रहने देंगी.
अगर मैं शुक्रवार की नमाज के लिए गया होता, तो कुछ भी ऐसा नहीं होता. मुसलमानों पर जानबूझकर लाठियां चलाई गईं और उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए.”
उन्होंने कहा, “मैं वर्तमान में घर में नजरबंद हूं. अगर मुझे गिरफ्तार किया जाए तो मुझे खुशी होगी. जैसा कि (गैंगस्टर) अतीक अहमद को गोली लगी, वैसे ही मुझे भी गोली लगाई जाए. सरकार 140 करोड़ लोगों की जिम्मेदार है. किसी एक समूह के प्रति असहिष्णुता अस्वीकार्य है.”
उन्होंने कहा, “इस बार हिंदू-मुस्लिम विवाद नहीं था. पुलिस ने मुसलमानों पर अत्याचार किया.”
रजा का बयान DM सिंह और DIG अजय कुमार साहनी के बयान के बाद आया. उन्होंने कहा कि हिंसा एक योजनाबद्ध साजिश का परिणाम थी. उन्होंने इसे शांति भंग करने का प्रयास बताया. राज्य में अनधिकृत सभा पर रोक लगाने के लिए BNSS की धारा 163 लागू थी.
DM सिंह ने शुक्रवार को कहा, “कुछ दिन पहले एक संगठन ने शुक्रवार को मार्च आयोजित करने और ज्ञापन सौंपने का प्रस्ताव रखा. हमने उन्हें बताया कि किसी भी कार्यक्रम के लिए लिखित अनुमति जरूरी है. पूरे जिले में BNSS की धारा 163 लागू है. इसके बावजूद कुछ लोग शुक्रवार की नमाज के बाद सड़कों पर उतर आए और शांति भंग करने की कोशिश की.”
यह विवाद 9 सितंबर से शुरू हुआ. कानपुर पुलिस ने 24 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. आरोप था कि उन्होंने 4 सितंबर को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी जुलूस के दौरान ‘I Love Muhammad’ लिखे बोर्ड लगाए थे.
कुछ हिंदू समूहों ने इसका विरोध किया. इसे “परंपरा से विचलन” और “जानबूझकर उकसावा” बताया.
विवाद जल्दी ही उत्तर प्रदेश के कई जिलों और उत्तराखंड और कर्नाटक जैसे राज्यों में फैल गया. विरोध और पुलिस कार्रवाई हुई.
इस मामले पर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी ध्यान दिया. उन्होंने कहा कि “I Love Muhammad” कहना कोई अपराध नहीं है.
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