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Monday, 6 May, 2024
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PDP नेता महबूबा मुफ्ती की युवाओं से अपील, ‘बंदूक की भाषा बोलेंगे तो एक दिन मारे जाएंगे, हथियार छोड़ें’

पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल कराने के लिए संघर्ष जारी रखेगी. और सभी लंबित मुद्दों के हल के लिए भारत और पाकिस्तान को बातचीत की मेज पर आना होगा.

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श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल कराने के लिए संघर्ष जारी रखेगी . साथ ही उन्होंने कहा कि कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों के हल के लिए भारत और पाकिस्तान को बातचीत की मेज पर आना होगा.

मुफ्ती ने यहां पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा,‘ हम जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल कराने का अपना संघर्ष जारी रखेंगे….इसे समाप्त करने के आपके (सरकार) निर्णय को हम स्वीकार नहीं करते.’

पूर्ववर्ती राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा भारत के संविधान ने दिया था.

उन्होंने कहा,‘ यह दर्जा चीन ने या पाकिस्तान ने नहीं दिया था. जब हम इसे बहाल करने की बात करते हैं तो सरकार को पीड़ा क्यों होती है? हम खास शर्तों पर भारत में शामिल हुए थे और उनमें से एक था अपनी पहचान की सुरक्षा करना.’

पीडीपी प्रमुख ने कहा कि केन्द्र को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करना ही होगा.

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उन्होंने कहा,‘अगर आपको जम्मू कश्मीर के लोगों की परवाह है, तो आपको वह लौटाना होगा जो आपने हमसे छीना है.’

साथ ही मुफ्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों के हल के लिए भारत और पाकिस्तान को बातचीत करनी होगी.

उन्होंने कहा,‘अगर दोनों देश क्षेत्र में शांति चाहते हैं तो उन्हें सभी लंबित मुद्दों को हल करने के लिए एक साथ बैठना होगा.’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाना चाहिए ताकि दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच के मुद्दों को हल किया जा सके.

उन्होंने कहा,‘मैं उम्मीद करती हूं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिखर सम्मेलन में भाग लेने पाकिस्तान जाएंगे….क्योंकि (पूर्व प्रधानमंत्री) अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम मित्र बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं.’


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‘पीएम मोदी जम्मू कश्मीर के लोगों से भी बात करें’

महबूबा ने यह भी कहा कि अगर प्रधानमंत्री असम में उग्रवादियों से हथियार छोड़कर मेन स्ट्रीम ज्वाइन करने को कह सकते हैं और बोडो से बातचीत की जा सकती है तो जम्मू कश्मीर में लोगों से बातचीत करने में क्या परेशानी है. क्यों यहां के लोगों के लिए जेल के अलावा और कोई जगह नहीं. कब तक यह अन्याय हमारे साथ होता रहेगा.

महबूबा मुफ्ती ने आतंकवाद की तरफ बढ़ते युवाओं से हथियार छोड़ने की अपील भी की. उन्होंने कहा कि ‘हथियार की भाषा यहां कोई नहीं समझता है.’ मुफ्ती ने आगे कहा कि अगर आप शांति से अपने विचार पेश करते हैं तो पूरी दुनिया आपको ध्यान से सुनती है.

युवाओं को संबोधित करते हुए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अगर आप बंदूक की भाषा बोलते रहेंगे तो एक दिन आप भी मारे जाएंगे और इससे आपको हासिल कुछ नहीं होगा. उन्होंने कहा मैं जम्मू कश्मीर के युवाओं से अनुरोध करती हूं कि वो हथियार छोड़ दें और आगे आएं अपनी बातें रखें. एक दिन उन्हें जरूर सुना जाएगा.’


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