नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए स्कूल सिलेबस को कम करने के निर्देश के साथ-साथ शिक्षा के घंटे कम करने की योजना पर काम कर रहा है.
कोविड -19 महामारी को देखते हुए, कई अभिभावकों और शिक्षकों ने सिलेबस को कम करने के लिए, ईमेल और ट्विटर के माध्यम से मंत्रालय को अपने अनुरोध भेजे हैं, जिससे की छात्र पढ़ाई कर सकें. मंत्रालय ने अनुरोधों का संज्ञान लिया है और योजना पर काम करना शुरू कर दिया है, और शिक्षकों और शिक्षाविदों से सुझाव भी मांगे हैं.
पोखरियाल ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘ वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर और माता-पिता और शिक्षकों से ढेर सारे अनुरोध प्राप्त करने के बाद, हम आने वाले शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम और निर्देशात्मक घंटों में कमी के विकल्प पर विचार कर रहे हैं.
उन्होंने यह भी लिखा, ‘मैं सभी शिक्षकों, शिक्षाविदों और शिक्षाविदों से एमएचआरडी (MHRD) या मेरे ट्विटर और फेसबुक पेज पर हैशटैग सिलेबसफॉरस्टूडेंट 2020 # SyllabusForStudents2020 का उपयोग करके इस मामले पर अपने दृष्टिकोण को साझा करने की अपील करना चाहूंगा, ताकि हम निर्णय लेते समय उन्हें ध्यान में रख सकें.’
I would like to appeal to all teachers, academicians, and educationists to share their point of view on this matter using #SyllabusForStudents2020 on MHRD's or my Twitter and Facebook page so that we can take them into consideration while making a decision.@DDNewslive
— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) June 9, 2020
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अन्य योजनाएं
इस बीच, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) पहले ही पाठ्यक्रम को कम करने पर काम करना शुरू कर चुका है, इसके अध्यक्ष मनोज आहूजा ने पिछले सप्ताह अशोका विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय वर्चुअल सम्मेलन में इस बारे में जानकारी दी थी.
उन्होंने कहा था, ‘हम पाठ्यक्रम को एक बार फिर से तैयार कर रहे हैं. हमारी योजना मुख्य पाठ्यसामग्री को बनाए रखना है. ‘ आहूजा ने आगे कि इसे और व्यवहारिक बनाए जाने पर काम चल रहा है.
सिलेबस में की जा रही छटनी उन कई तरीकों में से एक है जिसमें मंत्रालय लॉकडाउन के दौरान छात्रों को पढ़ाई के घंटों में हो रहे नुकसान की भरपाई करना है. यह स्कूली बच्चों के लिए सीखने के एक नए शिक्षण पर भी काम कर रहा है, जिसमें एक मिश्रित-शिक्षण दृष्टिकोण शामिल होगा, जो ऑनलाइन क्लासेज और स्कूल में होने वाली क्लासेज को ध्यान में रखा जाएगा.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूलों को ऑनलाइन टीचिंग के अलावा स्कूल के फिर से खोले जाने के दिशानिर्देशों पर भी काम कर रहा है.